ये 10 आदतें कर रही हैं आपका दिमाग कमजोर, दें खास ध्यान
हमारी रोजमर्रा से जुड़ी आदतें ही सोचने और समझने की क्षमता को कम कर रही हैं, अस्वस्थ लाइफस्टाइल ही दिमाग को कमजोर बना रहा है, दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए इन आदतों को बदलना जरूरी है।

शरीर को सुचारु तरीके से काम करने के लिए दिमाग का सक्रिय और स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। लेकिन हमारी रोजमर्रा की अस्वस्थ आदतों और खानपान में पौष्टिकता की कमी के साथ शारीरिक सक्रियता की कमी के कारण दिमाग कमजोर हो रहा है। हमारी रोजमर्रा की आदतें ही हमारे दिमाग की दुश्मन बनती जा रही हैं। इसके कारण कम उम्र ही लोगों में कमजोर याद्दाश्त की शिकामत मिलने लगी है। देर रात तक जागने, गैजेट के अधिक इस्तेमाल करने और नींद अधूरी रहने जैसी अस्वस्थ जीवनशैली की कुछ आदतें हैं जो हमारी सोचने और समझने की क्षमता को कम कर रही हैं। इसलिए दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए इन आदतों को जानकर इन्हें बदलने की जरूरत है।
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दिमाग पर सबसे अधिक प्रभाव सोने का पड़ता है, अगर हम कम नींद लें या अधिक नींद ले तो सीधे यह दिमाग को प्रभावित करेगा। मेडिकल के शोधों में यह बात साबित हुई है कि अधिक सोने से तनाव होता है। अधिक सोने से न केवल दिमाग पर असर पड़ता है बल्कि इसके कारण डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारी के होने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए 7-9 घंटे नियमित सोयें, इससे कम और अधिक नहीं।
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शराब का अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिहाज से ठीक नहीं। अगर आप नियमित रूप से दो पैग पीते हैं तो इसके स्वास्थ्य लाभ हैं, लेकिन शराब का सेवन बहुत अधिक मात्रा में करने से दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। अधिक शराब के सेवन से तार्किक क्षमता कम होती है। इसके अलावा अधिक शराब तनाव और अवसाद का कारण बनता है जो दिमाग के लिए ठीक नहीं।
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व्यायाम आपको न केवल शारीरिक रूप से फिट बनाकर बीमारियों से बचाव करता है बल्कि यह दिमाग को भी अधिक सक्रिय रखता है। कई शोधों में यह बात साबित हो चुकी है कि सुबह के वक्त व्यायाम करने से पूरे दिन आपका दिमाग अधिक सक्रिय रहता है। लेकिन व्यायाम न करने के कारण दिमाग कमजोर होता जाता है। इसलिए दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए भी नियमित रूप से व्यायाम कीजिए।
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हमारे दिमाग का दुश्मन भी तनाव ही है। इससे शरीर की अन्य समस्यायों होती हैं साथ ही यह दिमाग को भी बीमार बनाता है। वर्तमान दिनचर्या में तनाव होना लाजमी है, इससे बचना मुश्किल है। लेकिन अगर आप सही तरीके से समय और काम का प्रबंधन करें तो तनाव से काफी हद तक बचाव किया जा सकता है।
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धूम्रपान करना स्वास्थ्य के लिहाज से बिलकुल भी सही नहीं है, इसके कारण फेफड़े का कैंसर होने की संभावना अधिक रहती है। अधिक धूम्रपान करने से दिमाग की कोशिकायें काम करना बंद कर देती हैं। इसके कारण दिमाग के सोचने और समझने की क्षमता कम हो जाती है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह का धूम्रपान हानिकारक है।
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सुबह की जल्दबाजी में हम ब्रेकफास्ट या तो करना भूल जाते हैं या नहीं करते हैं। जो लोग सुबह का नाश्ता नहीं करते उनके शरीर में शुगर स्तर कम हो जाता है। इसके कारण ब्रेन में वो न्यूट्रियंट्स नहीं पहुंच पाता जो उसे चाहिये होता है। इसके कारण ब्रेन डीजनरेशन की समस्या होती है। इससे दिमाग कमजोर होने लगता है। इसलिए सुबह के समय ब्रेफास्ट करना बहुत जरूरी है।
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काम में हम इतना मशगूल हो जाते हैं कि कई घंटों तक खाने से दूर रहते हैं, और जब भी खाना हमारे सामने आता है हम ओवरईटिंग कर लेते हैं। इसके कारण दिमाग की धमनियां सख्त हो जाती है और यह दिमाग को कमजोर बनाने के लिए पर्याप्त है। इसके कारण ही सोचने और समझने की क्षमता कम हो जाती है। इसलिए भूख से अधिक न खायें और नियमित अंतराल पर खाते रहें।
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ज्यादा शुगर का सेवन करने से शरीर में प्रोटीन और न्यूट्रियंट्स को सोखने की क्षमता को कम हो जाती है, जिससे कुपोषण हो सकता है और फिर दिमाग का विकास कमजोर पड़ सकता है। इसलिए किसी भी तरह के शुगर के सेवन से परहेज करें।
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अगर हमें किसी बात को जानने की इच्छा होती है तब हम गूगल का सहारा लेते हैं, मोबाइल नंबर हमें याद नहीं रहते। यह दिखाता है कि हमारा दिमाग कितना कमजोर हो गया है। इसका प्रमुख कारण है दिमाग का सही तरीके से प्रयोग न करना। सोचने के लिए भी हम अपने दिमाग पर जोर नहीं डालते, जिससे हमारे दिमाग में सिकुडन आ जाती है और दिमाग कमजोर हो जाता है।
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हम काम में इतना व्यस्त हो जाते हैं कि दूसरों के लिए हमारे पास समय नहीं होता है, हमें एकाकीपन में जीने की आदत हो जाती है। हमारे पास दूसरों के साथ बिताने के लिए वक्त ही नहीं है। इसका असर दिमाग पर पड़ता है और हमारा दिमाग कमजोर होने लगता है। इसलिए लोगों के संपर्क में रहें, उनसे न केवल सोशल साइट के जरिये जुड़े रहिए बल्कि उनके साथ उन हसीन पलों का लुत्फ भी उठायें।
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इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।