ये तकनीकी आदतें कर सकती हैं आपकी सेहत खराब
तकनीक के अधिक प्रयोग ने काम को आसान बनाने के साथ-साथ हमें बीमार भी बना दिया है, तकनीक से जुड़ी बुरी आदतें हमारी सेहत को खराब कर रही हैं।

तकनीक ने हमें आधुनिक बनाया, हमारे काम को आसान कर दिया, बीमारियों के उपचार को भी आसान बनाया, लेकिन उससे कहीं अधिक इसका बुरा असर हमारे स्वास्थ पर पड़ा। तकनीक ने हमारी रातों की नींद छीन ली, दिमाग को कमजोर कर दिया, दिल को कमजोर बना दिया, आंखों की रोशनी कम कर दी। फिर भी हम तकनीक से दूर नहीं हो सकते। लेकिन वास्तव में तकनीक की ये आदतें आपकी सेहत को बद से बदतर बना रही हैं।
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दिमाग को चुस्त-दुरूस्त बनाए रखने के लिए दिमागी कसरत की जरूरत होती है, लेकिन तकनीक के इस्तेमाल ने हमें आसानी से गणना करने, शब्द ढूंढने व उपयोग करने तथा तथ्य व आंकड़ों को सुरक्षित रखने की प्रवृत्ति की ओर धकेल दिया है। इसके कारण ही दिमाग का काम कम हो गया। इसका परिणाम मैमोरी लॉस के रूप में दिखने लगा। जापान की होक्काइडो यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ मेडिसन ने इसपर शोध भी किया।
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लंदन यूनिवर्सिटी के शोध के मुताबिक जो लोग कंप्यूटर पर 4 घंटे या उससे ज्यादा समय बिताते हैं, उन्हें अन्य लोगों के मुकाबले 125 फीसदी ज्यादा दिल की बीमारी होने की संभावना होती है। यानी तकनीक हमारे दिल को कमजोर कर रहा है।
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मोबाइल पर गेम खेलते वक्त या एसएमएस करते समय लोग अंगूठे का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। अंगूठे पर बार-बार दबाव पड़ने से नसों में खिंचाव होता है और ये खिंचाव ही कार्पल टनल सिंड्रोम का कारक बनता है। इसके कारण उंगलियों में समस्या हो सकती है।
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मोबाइल और कंप्यूटर पर अधिक समय बिताने वाले लोगों की आंखों में ड्राई आई सिंड्रोम नामक बीमारी भी हो जाती है। युवाओं में भी इस तरह की बीमारियां तेजी से देखने को मिल रही हैं। इसलिए एंटी-ग्लेयर चश्मे का प्रयोग कीजिए।
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देर रात तक टीवी देखने, मोबाइल पर गेम खेलने, कंप्यूटर पर काम करने के कारण अनिद्रा की समस्या भी आम होती जा रही है। दरअसल मोबाइल और कंप्यूटर से निकलने वाली नीली रोशनी के कारण नींद प्रभावित होती है। भरपूर नींद नहीं लेने से तनाव, अवसाद, मोटापा, डायबिटीज जैसी समस्या हो सकती है।
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डब्ल्युएचओ की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है कि मोबाइल फोन का रेडियो-फ्रीक्वेंसी (आरएफ) फील्ड शरीर के ऊतकों को प्रभावित करता है। हालांकि शरीर का एनर्जी कंट्रोल मैकेनिज्म आरएफ एनर्जी के कारण पैदा गर्मी को बाहर निकालता रहता है, पर शोध साबित करते हैं कि यह फालतू एनर्जी ही अनेक बीमारियों की जड़ है। इसके कारण शरीर की ऊर्जा कम होने लगती है और शरीर कमजोर होने लगता है।
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नेशनल एकेडेमी ऑफ साइंस द्वारा किये गये एक शोध के अनुसार जो लोग तकनीक का अधिक प्रयोग करते हैं वे नाखुश रहते हैं। क्योंकि इसके कारण वे ठीक से सो नहीं पाते, तनाव से ग्रस्त रहते हैं जिसके कारण बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। तकनीक के कारण कुछ लोगों के रिश्तों में भी दरार आ जाती है।
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