आहार जो करते हैं नशीली दवा सा व्यवहार
खाने के लिए मन मचलने के पीछे जानकार ऐसे खाद्य पदार्थों में एक्सोर्फिन्स नामक केमिकल की मौजूदगी को जिम्मेदार मानते हैं। यह केमिकल नशे की लत की दवाओं की तरह काम करता है।

कभी खाने के लिए मन मचलता है, तो कभी वजन से जुड़े मुद्दे (जैसे वजन का बढ़ना या घटना) से निपटना पड़ता है। इसके साथ ही कुछ लोगों को देर रात कुछ खाने की ललक जाग उठती है। जानकार इसके पीछे ऐसा खाद्य पदार्थों में एक्सोर्फिन्स नामक केमिकल की मौजूदगी को जिम्मेदार मानते हैं। यह केमिकल नशे की लत की दवाओं की तरह काम करता है। image courtesy : getty images

प्रसंस्कृत खाद्य और खाद्य के निर्माताओं को इन सभी केमिकल के बारे में पता होता है, इसलिए आपको भी एक्सोर्फिन्स के बारे में थोड़ी जानकारी होनी चाहिए। वास्तव में कंपनियां हमारी भूख को उत्तेजित करने के लिए सामग्री में हेरफेर करती हैं। इससे ज्यादा खाने की एक लत बन जाती है। और बाद में यह रोगों का कारण बनता है। इन खाद्य पदार्थों के बारे में जानकारी हासिल कर आप ज्यादा खाने से बच सकते हैं। आइए ऐसे ही कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में जानते हैं। image courtesy : getty images

अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में डेयरी उत्पादों पर ज्यादा अध्ययन किये जाते हैं। दूध और पनीर खाद्य विशेषज्ञों की गहरी नजर से अधिक गुजरते हैं। डेयरी उत्पाद में मौजूद कैसिइन नामक प्रोटीन छोटे पेप्टाइड में पच जाता है। और यह सक्रिय एजेंटों का एक परिवार है। इसे कसोमोर्फिन्स के नाम से भी बुलाया जाता है। यह डेयरी उत्पादों के प्रति आपकी लालसा को बढ़ाते हैं। image courtesy : getty images

मीट में एल्बुमिन, हीमोग्लोबिन और गामा ग्लोब्युलिन होता है। ये केमिकल मीट के प्रति आपकी लालसा को सक्रिय करते हैं। मांस खाने वालों को नशारोधी दवा देने पर उनमें मांस करने की लालसा में कमी दर्ज की गई। image courtesy : getty images

आप अक्सर सोचते हैं कि ऐसा क्या आपकी रोटी को स्वादिष्ट बना देता है। रोटी में ग्लिडिन नामक प्रोटीन होता है। इस नशीले पदार्थ को ग्लिडॉर्फिन भी कहा जाता है। इसके कारण फील गुड केमिकल के जाल में फंसने का खतरा अधिक होता है। image courtesy : getty images

चावल एशिया में बहुत लोकप्रिय है। दक्षिण और पूर्वी भारत में इसके बिना भोजन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। वास्तव में, ग्लिडिन नामक प्रोटीन चावल में भी मौजूद होता है, जो आपकी चावल के प्रति आपकी लालसा को बढ़ता है। और आप फिल गुड केमिकल के चालाक हाथों में फंसने लगते हैं। इसलिए इसकी बजाय ब्राउन चावल लेने का प्रयास करें। image courtesy : getty images

चीनी और वसा में कटौती करने की सलाह हर कोई देता है। क्योंकि इसका अधिक सेवन सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। चूहों पर हुए एक हेडलाइंस वर्ल्डवाइड के अध्ययन के अनुसार, कुकीज में इस्तेमाल की गई उच्च चीनी और वसा की मात्रा का इस्तेमाल, चूहों को कोकीन और मार्फिन प्रदान करने की तरह होता है। इसलिए, यह नशे की लत है। चीनी और वसा के कारण ही चॉकलेट को एक नशे की लत के रूप में वर्णित किया गया है। image courtesy : getty images

एक अध्ययन के अनुसार, नमकीन स्नैक्स के ज्यादा सेवन से किडनी आपके मूत्र के माध्यम से अतिरिक्त सोडियम को डंप कर देती हैं। इसके कारण अतिरिक्त नमक सेल में जमा हो जाता है, और पोटेशियम की कमी, पानी प्रतिधारण, उच्च रक्तचाप या दिल की विफलता का कारण बनता है। हां, ये स्वादिष्ट होते हैं, लेकिन स्वस्थ नहीं हैं। image courtesy : getty images

इनसे बचने के लिए घर और ऑफिस में डेयरी, मांस, परिष्कृत गेहूं, चीनी और वसा जैसे इतने सारे आइटम को रखने के प्रलोभन से बचें। ऐसे खाद्य पदार्थों को सेम, नट, बीज, पूरे फल, और साबुत अनाज जैसे रक्त शर्करा युक्त स्थिर खाद्य पदार्थों के साथ बदलें। साथ ही स्वस्थ नाश्ते (एक्सोर्फिन्स से कम खाद्य पदार्थ) के साथ दिन की शुरुआत करें। image courtesy : getty images

एंडोर्फिन पर ध्यान क्रेंद्रित करके भी इन आहार की लालसा से बचा जा सकता है। शानदार सूर्यास्त, परिवार के साथ बिताये क्षण, संगीत, अपने पालतू जानवर के साथ समय बिताना और चुनौतीपूर्ण कसरत जैसी फील गुड बातें आपको प्राकृतिक रूप से प्राप्त होती है। विज्ञान के अनुसार, इन क्षणों में हमारे मस्तिष्क से मादक तरह के रसायनों का उत्पादन होता है जिसे एंडोर्फिन कहा जाता है। image courtesy : getty images
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