अगर आपको भी होता है पीरियड्स में ब्रेस्ट पेन, तो आजमाएं ये 5 नुस्खे
कई महिलाओं को पीरियड्स के दौरान छाती में असहनीय दर्द होता है। अगर आपको या आपके किसी परिचित महिला को ये दर्द देता है तो इन 5 नुस्खों का उपाय बताएं। हम यकीन दिलाते हैं कि ये 5 नुस्खे आपके ब्रेस्ट के पेन को पूरी तरह से दूर कर देंगे।

केला सबसे सस्ता और सुलभ फल है जो अधिकतर बीमारियों का इलाज कर देता है। ये सस्ता फल अधिकतर बीमारियों का रामबाण इलाज है। लेकिन क्या आपको मालुम है ये हड्डियों को मजबूत करने, मोटापा घटाने और कैल्शियम की कमी को पूरा करने के साथ ही पीरियड्स से जुड़ी भी कई सारी समस्याओं को दूर करता है। केले में ढेर सारा पोटैशियम होता है, जिसके कारण इसे खाने से ब्रेस्ट में जमा ब्लड का सर्कुलेशन सामान्य हो जाता है। जिससे दर्द कम हो जाता है।

जैतून का तेल भी पीरियड्स से जुड़े दर्द को दूर करने में कारगर है। जैतून के तेल को अरंडी के तेल के साथ मिक्स करें। अब इस मिक्स तेल से पीरियड्स शुरू होने के कुछ दिन पहले से ही स्तनों की मसाज करना शुरू कर दें। इससे आपको पीरियड्स के दौरान आराम मिलेगा।

गर्म पानी पीने से केवल वजन ही कम नहीं होता बल्कि हर तरह का दर्द भी ठीक हो जाता है। ये एक ऐसी दवा है जो आप घर पर कभी भी तैयार कर सकते हैं। पीरियड में छाती के दर्द को दूर करने के लिए गर्म पानी सबसे उत्तम उपाय है। इसके लिए गरम पानी के बरतन में कोई कपड़ा डालकर अच्छी तरह से भिगा लें। अब इस भीगे हुए कपड़े को छाती पर तब तक रखें जब तक की कपड़ा गर्म हो। ऐसा 10 मिनट तक करें। इस गर्माहट मिलने की वजह से खून की धमनियां खूल जाएंगी और खून का पूरे शरीर में प्रवाह होने लगेगा। इससे ब्रेस्ट का दर्द कम हो जाएगा।

सौंफ केवल खाना पचाने का ही नहीं कई सारी बीमारियों के दर्द को भी दूर कर देता है। सौंफ में किसी भी चोट के दर्द और सूजन को दूर करने का गुण होता है। पीरियड में छाती के दर्द को दूर करने के लिए सौंफ को एक कप पानी में डाल कर उबालें और उसे छान कर चाय की तरह दिन में तीन बार पिएं। इससे छाती व पेट का दर्द पूरी तरह से ठीक हो जाता है।

आपको जानकर हैरानी होगी की पीपल की पत्तियां को भी पीरियड में होने वाले दर्द को दूर करने में काफी इस्तेमाल किया जाता है। पीरियड के दर्द में पीपल की पत्तियों का इस्तेमाल करने के लिए एक पैन में पीपल की पत्तियों को रख कर उसमें सरसों या जैतून के तेल की कुछ बूंदें डालकर गर्म करें। फिर इन गर्म पत्तियों को छाती पर रख कर सिकाईं करें। इन पत्तियों से दिन में दो बार सिकाई करें।
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