कमजोर याद्दाशत

तकनीक के दौर में कुछ भी याद रखने की जरूरत नहीं। सारे कॉन्टेक्टस फोन में सेव हैं। एक्सरसाइज करने तक के लिए स्मार्ट वॉच में अलर्ट फिट है। बड़े से बड़े सवालों को हल करने के लिए कैल्कुलेटर आदि चीजें हैं। और जो इन चीजों का इस्तेमाल नहीं करता वो लोगों के सामने हंसी का पात्र बनता है। क्योंकि इन चीजों का इस्तेमाल करने का मतलब है कि आप स्मार्ट और टेक्नोफैंडली हैं। लेकिन क्या आपको मालुम है कि आपकी ये स्मार्टनेस आपकी याद्दाशत में बट्टा लगा रही है। इसके साथ अगर आप ये सारी चीजें खाते हैं तो आप आगे भविष्य में डिमेंशिया जैसी बीमारी भी हो सकती है। क्योंकि इन पांच चीजों के सेवन से याद्दाश्त उम्र से पहले कमजोर हो जाती है।
तला हुआ भोजन

तली-भूनी चीजें लोगों को काफी पसंद आती हैं। शाम को तो ऑफिस से जाते वक्त सब अपने लिए समोसा-कचोड़ी, आलूवड़ा, ब्रेडबड़ा, पापड़ आदि अपने लिए जरूर पैक करवाते होंगे। लेकिन क्या आपको मालुम है कि ये तली-भूनी चीजें आपके दिमाग को बीमार बना रही हैं। इन चीजों के खाने से दिमाग के कार्यप्रणाली पर असर पड़ता है और दिमाग सुस्त होने लगता है। जिससे धीरे-धीरे दिमाग किसी भी चीजों को याद करने में आलस करने लगता है और याद्दाश्त कमोजर होने की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
अधिक नमक

अधिक नमक याद्दाश्त के लिए सबसे अधिक घातक है। अगर आप खाने में ऊपर से नमक ले रहे हैं तो अपनी इस आदत पर आज ही रोक लगायें। क्योंकि अधिक नमक खाने से आपकी यादशक्ति कमजोर हो जाती है और इससे आपके सोचने समझने की शक्ति भी क्षीण हो जाती है। वैसे भी ज्यादा नमक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
पॉपकॉर्न

मूवी देखते हुए लोगों को पॉपकोर्न खाना बहुत पसंद आता है और अधिकतर लोग खाते भी होंगे। चाहे वो सिनेमाहॉल में मूवी देख रहे हों या फिर घर पर ही मूवी देख रहे हों...। पॉपकॉर्न खाना जरूरी है क्योंकि इससे टाइमपास भी हो जाता है और वजन भी नहीं बढ़ता। लेकिन क्या आपको मालुम है कि इन हल्के-फुल्के पॉपकॉर्न में डीएसटील नाम का केमिकल पाया जाता है। जिसे खाने से शरीर में अमीलोइड प्लकुएस पैदा होता है। जो दिमाग में जाकर जम जाता है और सोचने की शक्ति कप्रोसेस्डो नुकसान पहुंचाता है।
अधिक मीठा

मीठा तो हर किसी को पसंद होता है। अधिकतर लोग खाने के बाद मीठा खाना पसंद करते हैं और खाते भी हैं। लेकिन अधिक मीठा खाने से आपका दिमाग सुस्त पड़ जाता है, जिससे दिमाग की सक्रियता प्रभावित होती है। इससे लोगों की तार्किक क्षमता प्रभावित होती है।