ब्राउन ब्रैड का लंग और घर पर बना खाना

हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं ने हाल ही में कुछ दशक पहले हुए नर्स स्वास्थ्य अध्ययन से लगभग 100,000 प्रतिभागियों पर मौजूद डेटा का विश्लेषण किया। उन्हें पता चला कि वे लोग जिन्होंने घर के बने दो लंच और डिनर (एक सप्ताह में 11-14 भोजन) किये, उनमें सप्ताह में छः भोजन करने वालों से मधुमेह के जोखिम 13 प्रतिशत कम था। इसके अलावा घर का बना खाना खाने वालों का वज़न भी कम बढ़ा, जोकि डायबटीज में एक अहम भूमिका निभाता है। Images source : © Getty Images
साबुत अनाज का सेवन करना

जर्नल ऑफ डायबिटोलॉजिया में प्रकाशित शोध के अनुसार वे लोग जो अनाज आधारित फाइबर (अपने दोपहर के भोजन में दलिया और लंच सलाद में क्यूनोआ) की 10 ग्राम मात्रा का सेवन करते हैं, उनमें 25 प्रतिशत तक मधुमेह का खतरा कम होता है। इसे भी पढ़ें: उल्टी होने पर आजमायें ये घरेलू नुस्खे
रोजाना के नाश्ते में अखरोट का सेवन

वो लोग जिन्हें डायबिटीज का जोखिम था, उन्होंने जब तीन महीनों तक रोज़ाना एक मुठ्ठी अखरोट खाया तो उनके रक्त वाहिका समारोह में सुधार हुआ और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर में भी कमी आयी (टाइप 2 मधुमेह के लिए दोनों जोखिम कारक हैं)। अध्ययन के लेखक व येल यूनिवर्सिटी प्रिवेंशन रिसर्च सेंटर में कार्यरत डेविड एल कट्ज़ के अनुसार अपनी डाइट में अखरोट को शामिल करने से विशेष रूप से कार्डियोमेटाबॉलिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।  इसके सेवन से वजन बढ़ने का जोखिम भी नहीं होता है। इसे भी पढ़ें: त्‍वचा पर फोड़ों की समस्‍या से परेशान हैं तो आजमायें ये घरेलू नुस्‍खे
डाइट में टमाटर, आलू, केला आदि शामिल करना

एक शोध के अनुसार इन सभी में पोटेशियम व एक ऐसा मिनरल होता है, जो डायबिटीज से पीड़ित रोगियों की किडनी हेल्थ को सुधारता है। इसलिये अपनी रोज़ाना की डाइट में टमाटर, आलू व केला को शामिल करें। Images source : © Getty Images
दही जरूर खाएं

एक बड़े हार्वर्ड अध्ययन के अनुसार दिन में दही का एक अतिरिक्त कटोरा खाने से टाइप - 2 डायबिटीज का जोखिम 18 तक कम होता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि दही के प्रोबायोटिक्स इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता में सुधार लाने और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। लेकिन अभी इस तथ्य के लिये अधिक क्लिनिकल परीक्षणों की आवश्यक है। Images source : © Getty Images