दिमाग को घोड़े की तरह दौड़ायेंगे ये 5 ड्रिंक्स
दिमाग को तेज चलाने के लिए डार्क चॉकलेट कोको, टमाटर का जूस जैसे ड्रिंक्स का सेवन करना चाहिए। इस बारे में विस्तार से जानने के लिए ये स्लाइडशो पढ़ें।

कोको में मौजूद फ्लेवोनल रक्त वाहिकाओं को शांत करके ब्लड प्रेशर को कम करता है, अत: मस्तिष्क को होने वाले हानिकारक प्रभावों को भी घटाता है। रोजाना एक कप हॉट चॉकलेट का सेवन स्ट्रोक एवं मानसिक खतरे को कम कर सकता है। डार्क चॉकलेट के अलावा चाय में भी भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, और हर रोज एक कप ब्लैक टी के सेवन से प्रतिक्रिया समय में सुधार नजर आने लगेगा।
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बादाम व अखरोट में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा भरपूर होती है। बादाम और अखरोट को एक गिलास दूध में शहद के साथ मिलाकर पीयें। ये आपके दिमाग की क्रिया को अच्छी तरह से काम करने में सहायक होता है। बादाम में प्रोटीन काफी मात्रा में होता है जो ब्रेन की ग्रोथ बढ़ाने में फायदेमंद होता है। साथ ही इसके सेवन से स्मरण शक्ति भी बढ़ती है। शहद अवसाद को दूर करके दिमाग को स्वस्थ रखता है।
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टमाटर में लाइकोपीन होता है। जो आपके शरीर की फ्री रेडिकल से रक्षा करता है और ब्रेन के सेल्स को डैमेज होने से भी बचाता है। इसमें पाये जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स भी भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं। जिनमें मेमोरी की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है। टमाटर में प्रोटीन, विटामिन और फैट पाए जाते हैं। ये भूलने की आदत को दूर करने में मदद करते है। यह दिमाग की सूजन को दूर करता है और दिमाग के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है।
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चुकन्दर का रस सेवन करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। इससे दिमाग की गर्मी तथा मानसिक कमजोरी दूर होती है। एक अध्ययन के अनुसार चुंकदर में पाये जाने वाले फ्रंटल कॉर्क्स की वजह से शरीर में नाइट्रेट की कमी सुचारू रूप से होने लगती है। जिससे हमारे मस्तिष्क में खून का फ्लो भी ठीक से काम करने लगता है। इससे दिमाग मजबूत होने लगता है और न्यूरॉन्स की कमी भी नहीं होती है। ये हमारे दिमाग का वो हिस्सा है जो संज्ञानात्मक कार्य (कॉग्निटिव फंक्शन) करने के लिए जिम्मेदार माना जाता है। ये बढ़ती उम्र में याददाश्त से संबंधित परेशानियों से भी बचायें रखता है।
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अमेरिकन जर्नल आफ क्लिनिकल न्यूट्रीशन में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार ग्रीन टी का सेवन करने से डिमेंशिया की संभावना कम होती है। शोध बताते हैं कि ग्रीन टी दिमाग के सेल्स को टूटने से बचाता है और खराब हो गए सेल्स की मरम्मत करता है जिससे अल्जाइमर और पर्किंसन का खतरा नहीं रहता है। वैज्ञानिकों ने पाया कि मस्तिष्क के पीछे और आगे के काटर्क्स के बीच बेहतर तारतम्य स्थापित हुआ है। जो यह सिद्ध करता है कि ग्रीन टी मस्तिष्क की सक्रियता को बनाए रखता है और बढ़ाता भी है।
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