इन 4 कारणों से होता है बवासीर, ऐसे करें बचाव
बवासीर अथवा पाइल्स बहुत ही गंभीर रोग है। इसका दर्द असहनीय होता है। बवासीर मलाशय के आसपास की नसों की सूजन के कारण विकसित होता है। बवासीर दो तरह की होती है, अंदरूनी और बाहरी। अंदरूनी बवासीर में नसों की सूजन दिखती नहीं पर महसूस होती है, जबकि बाहरी बवास

कुछ लोगों में पाइल्स की बीमारी आनुवंशिकता के कारण भी होती है। आनुवंशिक कारणों में बवासीर गुदा क्षेत्र में नसों की कमजोरी के कारण हो सकती है।

गर्भावस्था के दौरान पाइल्स आम होते हैं। यह संभवतया गर्भ में बच्चे की वजह से पड़ने वाले दबाव के कारण होती है। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान हार्मोन में परिवर्तन भी इसका एक कारण हो सकता है।

अधिक बोझ उठाते समय साँस रोकने से गुदा पर शारीरिक तनाव पड़ता है जो नसों की सूजन का कारण बन सकता है जिससे पाइल्स की शुरुआत हो सकती है। इसके अलावा अधिक समय तक खड़े रहने और बैठे रहना भी पाइल्स का कारण हो सकता है। खांसी, छींकने और उल्टी के कारण पाइल्स और भी खराब हो सकती है।

बूढ़े होने के कारण गुदा नलिका के अंदर के भाग के कमजोर पड़ जाने से बवासीर होता है।

उस भोजन को खाएं जिसमें बहुत फाइबर हो और आसानी से पच जाए जैसे ओट्स, मक्का, गेहूं आदि| इससे आपको बवासीर में बहुत मदद मिलेगी। इसके अलावा अंजीर, पपीता, केले, ब्लैकबेरी, जामुन, सेब और हरी पत्तेदार सब्ज़ियों का सेवन करें जो आंत के लिए बहुत अच्छी होती हैं। सूखे मेवे जैसे बादाम और अखरोट आदि और ऐसे खाद्य पदार्थ जो आयरन से समृद्ध हैं उनका सेवन अपनी स्थिति के अनुकूल करें। प्याज, अदरक और लहसुन भी बवासीर के इलाज में बहुत फायदेमंद होते हैं। शौच को मुलायम रखने के लिए द्रव पदार्थ यानी लिक्विड का अधिक सेवन करें।
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