बीमारी और खानपान

मनोज पिछले दिनों दस्त से बेहद परेशान था। कुछ भी खाता, तुरंत वाशरूम पहुंच जाता। ऐसे में उसकी मम्मी से लेकर पापा, बड़े भाई और यहां तक कि पड़ोसियों ने उसे सलाह दी कि दस्त में उसे क्या क्या खाना चाहिए। बावजूद इसके मनोज का हाल ज्यों का त्यों रहा। अंततः उसे डाक्टर की ओर रुख करना ही पड़ा। क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों हुआ? दरअसल हर किस रोग में क्या खाना बेहतर है, इस पर केंद्रित रहता है। लेकिन कोई भी यह जानने की कोशिश नहीं करता कि किस रोग या मर्ज में क्या नहीं खाना चाहिए? इस लेख में हम यही चर्चा करेंगे कि किस रोग में क्या खाने से बचना चाहिए ताकि रोग का पूर्णतया निवारण किया जा सके।
जब हो पेट खराब

पेट खराब होने की स्थिति में स्पाइसी यानी तीखा खाना खाने से पूरी तरह तौबा करें। हालांकि कुछ स्थितियों में तीखा खाना खाया जा सकता है; लेकिन पेट खराब होने की स्थिति में इससे दूर रहना ही बेहतर विकल्प है। दरअसल पेट खराब होने पर तीखा खाना स्थिति को और गंभीर तथा भयावह कर देता है।
जब हो थ्रोट इंफेक्शन

जब थ्रोट इंफेक्शन हो तो कुछ आहार विशेष खाने से इंफेक्शन बढ़ने का खतरा और भी ज्यादा हो जाता है। ऐसे में जरूरी यह है कि कोई भी हार्ड चीजें खाने से बचें। जहां एक ओर थ्रोट इंफेक्शन में नर्म, क्रीमी, अण्डे की भुजिया जैसी चीजें खाना बेहतर रहता है, वहीं दूसरी ओर गर्म तरल पेय पदार्थ, आलू चिप्स, मूंगफली, कच्ची सब्जियां, फल आदि नुकसान पहुंचाती हैं।
जब शरीर में दर्द हो

सामान्यतः हम दर्द की स्थिति में किसी भी खाद्य पदार्थ की अनदेखी नहीं करते। जबकि ऐसा करना पूरी तरह गलत है। विशेषज्ञों की मानें तो जिन भोज्य पदार्थ में कैल्शियम तथा मैग्नीशियम मौजूद हो, उन्हें दर्द की स्थिति में लेना अच्छा होता। लेकिन जिन्हें खाने से निर्जलीकरण हो, उनसे दूर रहने की हिदायत दी जाती है। मसल्स में दर्द हो तो खासकर काफी और एल्कोहोल से दूरी बनाए रखें।
जब हो सिर दर्द

सिरदर्द अकसर निर्जलीकरण के चलते होता है। अतः कुछ कुछ देर में पानी पीते रहना सिर दर्द में लाभकर होता है। जहां तक बात कुछ आहार विशेष को छोड़ने की है तो उसमें कृत्रिम मिठाई, मीट, चाकलेट, ड्राई फ्रूट आदि शामिल होते हैं। इन सब आहार के खाने से रक्तचाप के बढ़ने की आशंका रहती है। परिणामस्वरूप सिर दर्द बढ़ जाता है।
जब हो खारिश

खारिश का सीधा सम्बंध एलर्जी से माना जाता है। काफी हद तक ये सही भी है। खारिश होने के लिए बदाम, चाकलेट, मछली, टमाटर, अण्डे, बेरीज़, दूध आदि से दूरी बनाना फायदे का सौदा हो सकता है। दरअसल ये सभी आहार विशेष खारिश को बढ़ावा देते हैं। नतीजतन दवा या उपचार के बावजूद खारिश आसानी से पीछा नहीं छोड़ती।
जब बह रही हो नाक

नाक बहने का सीधा सा मतलब है कि आपको ठंड लगी है। अब आप सोच रहे होंगे कि भला इस गर्मी में भी किसी को ठंड लगती है। लेकिन आपको बता दें कि इन दिनों नाक बहने की शिकायत ज्यादा देखी जाती है। इसके पीछे एक वजह एयर कंडिशन रूम में रहना है। बहरहाल अगर आपकी नाक बह रही हो तो अदरक वाली चाय पीकर इससे बचा जा सकता है। लेकिन बचाव के रूप में स्पाइसी खाने से दूरी बनानी होगी। नाक बहने की स्थिति में शराब से भी तौबा कर लें।
जब हो साइनस इंफेक्शन

साइनस इंफेक्शन हो, सर्दी लगी हो या फ्लू हो। ऐसे में हल्दी का दूध पीने की सलाह हर कोई देता है। सवाल है किस खाद्य पदार्थ से तौबा करनी है? इस रोग के मरीजों को चाहिए कि वे दुग्ध उत्पादों से दूरी बनाएं। साथ ही अधिक शर्करायुक्त भोज्य पदार्थ भी कम लें। बेहतर होगा यदि बिल्कुल न लें। इस सूची में स्पाइसी फूड भी शुमार हैं।
जब उल्टी हो रही हो

यूं तो उल्टी होने की स्थिति में कुछ भी खाया नहीं जाता। लेकिन फिर भी विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि उल्टी होने की स्थिति में भी खाली पेट रहना सही नहीं है। सामान्यतः उल्टी होने की स्थिति में हर कोई खट्टा खाता है। मगर जिनकी अनदेखी करनी है, वे आहार हैं- स्पाइसी, तेलीय खाद्य पदार्थ, काफी, एल्कोहोल, कार्बोनेटेड ड्रिंक आदि। इनसे उल्टी की आशंका बढ़ सकती है। All Images - Getty