क्यों जिम में लगती है चोट

फिट रहने के लिए नियमित रूप से जिम जाना जरूरी है। जिम में बहुत सारे उपकरण होते है जिनका प्रयोग आप करते हैं। कई बार हम यह देखते हैं कि ट्रेडिमल पर चलते हुए, मशीनों का गलत प्रयोग करते हुए, अधिक वजन उठाने, आदि के कारण आप चोटिल हो जाते हैं। लेकिन जो लोग मंझे होते हैं यानी जो नियमित रूप से जिम आते हैं वो ये गलतियां कम करते हैं, फिर भी वो चोटिल हो जाते हैं। इनकी चोट के पीछे मशीन का गलत प्रयोग नहीं होता बल्‍कि दूसरे कारण भी होते हैं जिनके कारण फिट लोग भी खुद को चोटिल कर लेते हैं। इस स्लाइडशो में उनके बारे में जानते हैं।
वॉर्म-अप न करना

जिम के मशीनों का प्रयोग करना जितना जरूरी है उससे कहीं ज्यादा जरूरी इनके प्रयोग से पहले वार्म-अप करना है। लेकिन लोग जिम जाकर सीधे मशीनों का प्रयोग करने लगते हैं और चोटिल होते हैं। दरअसल वर्कआउट से पहले स्ट्रे्चिंग या वार्म-अप करने से आपकी मांसपेशियां जिम के लिए तैयार हो जाती हैं। वार्म-अप से जोड़ों के अंदर मौजूद लुब्रीकेंट सक्रिय हो जाता है और जोड़ लचीले हो जाते हैं। जिम में चोटिल होने के पीछे आपका बहुत अधिक उत्साहित हो जाना भी है। आप जल्दी से अपने एब्स पैक बनाना चाहते हैं, इसलिए आप एक पाउंड वजन से शुरूआत करते हैं और दो-तीन राउंड के बाद इसे बढ़ाते जाते हैं। जबकि इसके लिए आपको कुछ सप्ताह या महीनों का इंतजार करना चाहिए।
सही तरीके से नहीं करते

वर्कआउट के दौरान अक्सर आपको लगता है कि अब एक ही राउंड बचा है या फिर एक ही एक्सरसाइज बची है क्यों न ऐवें ही कर लिया जाये, गलती यहीं होती है। स्वाट (squat) करने के लिए अगर आगे की तरफ सही से न झुका जाये तो कमर में खिंचाव की समस्या हो सकती है। यानी एक छोटी सी गलती आपको चोटिल कर सकती है। जिम में प्रत्येक वर्कआउट के लिए नियम होते हैं, और उनकी अनदेखी करने से चोट लगना स्वाभाविक है। इसके अलावा जिम के लिए एक निश्चित समय होता है और उससे अधिक वर्कआउट करना सही नहीं है। इसके अलावा अगर वर्कआउट के समय दर्द होने लगे तो तुरंत जिम करना बंद कर दें। लेकिन लोग इस दर्द को हल्का दर्द समझ कर बर्दाश्त करते हैं और स्थिति बदतर हो जाती है।
आराम नहीं करते

रोज जिम जाने की जरूरत नहीं है, फिटनेस ट्रेनर भी आपको सप्ताह में दो से तीन दिन आराम करने की सलाह देते हैं। क्योंकि मांसपेशियों को रिकवरी के लिए वक्त चाहिए। इसके अलावा एक ही दिन एक जैसा व्यायाम न करें, नहीं तो परिणाम सकारात्मक होने की बजाय नकारात्मक आने लगेगा। इसलिए मांसपेशियों को भरपूर आराम दें और अपने शरीर को भी आराम दें।
गलत जूतों के कारण

अगर आपको लगता है कि एक ही जूतों से सभी तरह के वर्कआउट किये जा सकते हैं तो आप गलत हैं। प्रत्येक वर्कआउट के लिए अलग-अलग तरह के जूते डिजाइन किये गये हैं। रनिंग के लिए बने जूतों में फ्लेक्सिबल फैब्रिक्स का प्रयोग किया जाता है। इसलिए वर्कआउट के अनुसार ही जूतों का चयन करें और चोटिल होने से बचें।