बच्चों की 5 आदतें जो उनकी कमजोर हो रही आंखों का है संकेत
आजकल कम उम्र में ही बच्चों की आंखें कमजोर होने लगी है, वजह है मोबाइल, टैबलेट, टीवी। बच्चों पर ध्यान न देने की वजह से वह इन चीजों में व्यस्त रहते हैं। हम आपसे साझा कर रहे हैं कुछ लक्षण, जिन्हें वक्त रहते पकड़ा जाए तो बच्चों की आंखों का स्वास्थ्य

बच्चों में सिरदर्द कॉमन चीज नहीं है। अगर आपका बच्चा लगातार सिरदर्द की शिकायत करे, पढ़ाई करते या टीवी देखते वक्त सिर में दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाएं। आमतौर पर नजर कमजोर होने का यह पहला लक्षण है।

नींद आने पर या आंखों में किसी छोटी-मोटी तकलीफ से कोई भी आंखें मलता है लेकिन अगर आपका बच्चा दिनभर आंखें मलता है तो यह कमज़ोर नज़र की निशानी भी हो सकती है। इसे नजरअंदाज न करें।

अगर बच्चे को उजाले से परेशानी हो या तेज़ रोशनी देखकर वह अपनी पलकों को तेज़ी से झपकाए तो सावधान हो जाएं। इन सारे लक्षणों का कारण है विटामिन की कमी। उसके आहार में विटामिन ए की मात्रा को बढ़ाएं, इससे पहले कि उसे चश्मा लग जाए।

जब बच्चा एक आंख बंद करके टीवी देखे या खेलता दिखे तो देर न करें। ये नजर कमजोर होने की पक्की निशानी है। हालांकि इसके पीछे दूसरे कारण भी हो सकते हैं। बच्चे से पूछें कि क्या उसे देखने में दिक्कत हो रही है।

थोड़ी-थोड़ी देर में सिर घुमाते रहना भी नजर कमज़ोर होने का लक्षण है। अगर बच्चा टीवी देखते वक्त बीच-बीच में आंखें बंद कर लेता है तो इसे इग्नोर न करें। किसी अच्छे नेत्ररोग विशेषज्ञ से मिलें। बच्चे को कोई चीज या किताब या टीवी देखने के लिए पास जाकर खड़ा होना पड़े तो ये बताता है कि धीरे-धीरे बच्चे की नजर कमजोर हो रही है। उसे डांटने-डपटने की बजाए डॉक्टर के पास ले जाएं।
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।