10 तरीकों को अपनाएं, सेल फोन के हानिकारक रेशियेशन से खुद को बचाएं

मोबाइल का प्रयोग आजकल की जिंदगी का सबसे अहम हिस्‍सा हो गया है, लेकिन इसका रेडियेशन स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत नुकसानदेह है।

Nachiketa Sharma
Written by:Nachiketa SharmaPublished at: Apr 03, 2017

मोबाइल रेडियेशन

मोबाइल रेडियेशन
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मोबाइल का प्रयोग आजकल की जिंदगी का सबसे अहम हिस्‍सा हो गया है। लेकिन क्‍या आपको पता है मोबाइल तकनीकी रूप से जितना फायदेमंद है यह स्‍वास्‍थ्‍य के लिए उससे कहीं ज्‍यादा नुकसानदेह है। मोबाइल फोन से निकलने वाली इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक तरंगे हमारे स्‍वास्‍थ्‍य पर बुरा असर डालती हैं। इन किरणों के कारण याददाश्त और सुनने की शक्ति प्रभावित हो सकती है। इससे निकलने वाले रेडियेशन के कारण कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के मामले दिखे हैं। इसके अलावा मोबाइल फोन और उसके टावरों से होने वाले रेडियेशन से नपुंसकता और ब्रेन ट्यूमर हो सकता है। image courtesy-gettyiamges.in

रेडियेशन के खतरे

रेडियेशन के खतरे
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भारत में मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडियेशन के खतरे को कम करने के लिए भारतीय दूरसंचार मंत्रालय ने 2012 में नये नियम बनाये। सेलफोन की वजह से बढ़ रहे कैंसर के मामलों के कारण सरकार ने यह फैसला लिया। नये कानून के तहत प्रत्‍येक मोबाइल फोन का स्पेसिफिक एब्जार्प्शन यानी एसआर रेट का स्‍तर 1.6 वॉट प्रति किग्रा होगा, इससे पहले ये मानक 2 वॉट प्रति किग्रा था। इसका 1 ग्रा रेडियेशन भी शरीर के लिए नुकसानदेह है। मोबाइल फोन को कान में लगाकर यदि कोई व्यक्ति लगातार बीस मिनट तक बात करता है तो उसके दिमाग का तापमान दो डिग्री सेल्शियस तक बढ़ने की आशंका रहती है। इसके कारण ब्रेन ट्यूमर हो सकता है।   image courtesy-gettyiamges.in

प्रयोग करते समय

प्रयोग करते समय
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सेलफोन जिंदगी का अहम हिस्‍सा है, इसे शरीर से दूर रखना बहुत मुश्किल है। लेकिन इससे निकलने वाली खतरनाक किरणों से बचने के लिए इससे दूरी बनाना बुहुत जरूरी है। इसलिए जब भी आप सेलफोन पर किसी से बात कीजिए, इसे अपने शरीर से दूर रखिये। क्‍योंकि सेलफोन पर बात के दौरान इससे निकलने वाली किरणों से शरीर को नुकसान हो सकता है। यदि आप इसे प्रयोग के दौरान शरीर से दूर रखेंगे तो इसके रेडियेशन से कुछ हद तक बचाव संभव हो सकेगा। image courtesy-gettyiamges.in

ईयरफोन का प्रयोग

ईयरफोन का प्रयोग
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सेलफोन के रेडियेशन से बचने के लिए ईयरफोन का प्रयोग कीजिए। ईयरफोन के प्रयोग के दौरान आपका दिमाग सेलफोन से दूर रहता है और आप लंबी बातचीत भी करते हैं तब भी आपके दिमाग का तापमान अधिक नहीं होता है। यदि आप हमेशा ईयरफोन का प्रयोग नहीं कर सकते हैं तो इसे स्‍पीकर मोड पर डाल कर बात कीजिए। ईयरफोन का प्रयोग गाने सुनने के लिए मत कीजिए बल्कि इसे फोन पर बात के दौरान भी प्रयोग कीजिए।   image courtesy-gettyiamges.in  

अधिक मैसेज कीजिए

अधिक मैसेज कीजिए
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आजकल बहुत सारे मोबाइल अप्‍लीकेशंस हैं जिनका प्रयोग करके आप चैट कर सकते हैं। बहत लोग इनका प्रयोग करते हैं, तो आप क्‍यों नहीं। यदि बहुत जरूरी न हो तो फोन पर बात करने से बचें। फोन पर बात करने की बजाय आप मैसेज कीजिए। इसके कारण रेडियेशन कम होता है और आप रेडियेशन से बच सकते हैं।   image courtesy-gettyiamges.in

मोबाइल का सिग्‍नल

मोबाइल का सिग्‍नल
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फोन करने से पहले मोबाइल का सिग्‍नल देखिये, जब सिग्‍नल पूरा हो तब फोन पर बात करने की कोशिश कीजिए। जब फोन का सिग्‍नल कमजोर होता है तब इसका असर रेडियेशन पर पड़ता है और मोबाइल को इसके लिए मशक्‍कत करनी पड़ती है। कई शोधों में भी यह सामने आया है कि रेडियेशन का खतरा कमजोर सिग्‍नल के कारण अधिक होता है। इसलिए फोन पर बात सिग्‍नल देखकर ही कीजिए।   image courtesy-gettyiamges.in

सही जगह रखें

सही जगह रखें
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मोबाइल फोन को सही जगह रखें, अधिक संवेदनशील जगहों के पास फोन बिलकुल न रखें। मोबाइल को अपने पैंट के आगे के पॉकेट में रखने से बचें, इससे नपुंसकता का खतरा होता है। इसके अलावा इसे दिल के पास न रखें और रात को सोते वक्‍त तकिये के नीचे न रखें। तकिये के नीचे रखने से इसके रे‍डियेशन के कारण याददाश्‍त कमजोर हो सकती है। इसलिए इसके लिए सही जगह का चुनाव कीजिए, जहां इसके खतरनाक रेडियेशन से बचाव हो सके।     image courtesy-gettyiamges.in

लगातार बात न करें

लगातार बात न करें
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मोबाइल फोन पर लगातार घंटों बातचीत करने से बचें। कान में लगाकर यदि कोई व्यक्ति लगातार बीस मिनट तक बात करता है तो उसके दिमाग का तापमान दो डिग्री सेल्शियस तक बढ़ने की आशंका रहती है। इसके कारण ब्रेन ट्यूमर हो सकता है। कुछ लोग तो कई घंटे तक फोन से चिपके रहते हैं। इसके कारण वे बीमार भी होते हैं। इसलिए आज से फोन पर बात को लंबा खींचने की बजाय कम शब्‍दों में अपनी बात कहने की कोशिश कीजिए।   image courtesy-gettyiamges.in

टर्न ऑफ कीजिए

टर्न ऑफ कीजिए
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यदि आप फोन का प्रयोग नहीं कर रहे हैं तो इसे ऑफ कर दीजिए। इसके कारण आप रेडियेशन से बचाव कर सकेंगे। कई शोधों में यह बात सामने आयी है कि फोन को आगे की जेब में रखने के कारण इससे निकलने वाला रेडियेशन टै‍स्टिकल्‍स पर असर डालता है, इसके कारण पुरुषों की स्‍पर्म काउंटिंग कम हो जाती है। इसके रेडियेशन के कारण नपुंसकता का भी खतरा होता है।   image courtesy-gettyiamges.in

अच्‍छी गुणवत्‍ता का फोन

अच्‍छी गुणवत्‍ता का फोन
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यदि आपका फोन बहुत पुराना हो चुका है तो इसे तुरंत बदल दीजिए, इसकी जगह पर ऐसा फोन खरीदिये जिसका स्पेसिफिक एब्जार्प्शन यानी एसआर रेट का लेवेल कम हो। क्‍योंकि अधिक एसआर रेट के कारण इससे रेडियेशन का खतरा अधिक होता है। यदि आपका फोन लो एसआर रेट का होगा तो रेडियेशन का भी खतरा कम होगा। भारत सरकार ने वर्तमान में मोबाइल फोन का एसआर रेट 1.6 वॉट प्रति किग्रा निर्धारित किया है। तो इन गुणों को परखने के बाद ही मोबाइल फोन खरीदिये।   image courtesy-gettyiamges.in

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