10 सामान्य डर और इनसे उबरने के उपाय
डर के आगे जीत होती है, इसलिए अपने फोबिया को टाटा-बाय बोलिए औऱ आत्मविश्वास के साथ जिंदगी का आंनद लिजिए।

फोबिया डर का एक खतरनाक स्तर है, फोबिया में डर इतना ज्यादा होता है कि इंसान इसे खत्म करने के लिए अपनी जान से भी खेल सकता है। व्यक्ति इस बात को भी बहुत अच्छी तरह से जानता है कि उसका यह डर पूरी तरह से निर्मूल है, लेकिन इसे चाहकर भी दूर नहीं कर पाता। फोबिया में अपने डर की सोच भी व्यक्ति को इतना डरा देती है कि उस उत्तेजना से दिमाग और शरीर दोनों पर असर पड़ता है। आगे की स्लाइड शो में डर और इससे उबरने के तरीकों के बारे में जानिये।
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डर जब अपनी हद से गुजर जाता है तो फोबिया का रूप ले लेता है। फोबिया एक प्रकार का रोग है। इसमें इंसान का डर वास्तविक या काल्पनिक दोनों हो सकते हैं। आमतौर फोबियाग्रस्त लोग इस बारे में बताने से करतराते हैं। उनको डर होता है कि कहीं उनका मजाक ना उड़ाया जाए। इसलिए वे अपने डर व उस परिस्थिति से सामना करने की बजाय बचने की हर संभव कोशिश करते हैं।
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अपने डर का सामना डट कर करें। जब तक आप उससे भागेंगे वो आपको सताता रहेगा। आप को जिससे भी डर लगता है उसे एक बार करके देखिए। आप डीप ब्रीदिंग, रिलेक्शेसन और कान्सनट्रेशन के साथ अपने इस फोबिया का सामना करे। डर के आगे जीत तय होगी।
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आप जिन परिस्थिति में डर जाते हैं हो सकता है वो दूसरों के लिए सामान्य सी बात हो। आप उनकी मदद लीजिए। उस डर से निपटते समय आप उन्हें अपने साथ रखिए। हो सकता है आप इस फोबिया से आसानी से निकल सकें। इस तरह की परिस्थिति में डरने जैसा कुछ नहीं जैसी सकारात्मक बातों से प्रभाव तो पड़ता है, हालांकि हर किसी पर यह बात लागू हो यह जरूरी भी नहीं।
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एंग्जाइटी डिसऑर्डर जैसे क्लॉस्ट्रोफोबिया जैसी समस्या को दूर करने के लिए कॉग्नेटिव बिहेवियरल थैरेपी काफी कारगर होती है। इससे पीड़ित व्यक्ति को धीरे-धीरे उनके डर से सामना कराना होता है जिससे वो इस स्थिति से लड़ना सीख जाएं और उनका डर कम हो जाए या खत्म हो जाए।
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फोबिया को लेकर अपने अंदर से नकारात्मक विचारों का त्याग करे। साथ ही यह सोचें कि यदि अन्य कोई कर सकता है तो आप भी यह कर सकते हैं। जब तक आप अपने डर के बारे में सकारात्मक नहीं बनेंगे, डर आपको सताता ही रहेगा। अपनी सोच को मजबूत बनाएं।
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फोबिया से निपटनें मे ध्यान बहुत मददगार होता है। ये आपके दिमाग को एकाग्र करता है। ध्यान आपके मन को शांत करता है और आपको नई शक्ति और ऊर्जा का प्रदान करता है। जो आपको आपके डर से जीतने में मददगार होगा।
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एक प्रकार से सामान्य अवस्था है परंतु कभी-कभी यह गंभीर रूप ले लेती है। यदि आपका फोबिया आपकी सामान्य जिंदगी को ज्यादा प्रभावित करता है तो आपको इससे निजात पाने हेतु मनोचिकित्सक की सहायता लेनी चाहिए।
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यदि किसी में क्लॉस्ट्रोफोबिया के कारण एंग्जाइटी की समस्या अत्यधिक बढ़ गई है तो इस स्थिति में दवाएं ही बेहतर साबित होती हैं। हालांकि यह इलाज का आखिरी तरीका होता है क्योंकि दवाएं केवल लक्षणों को ठीक करने का काम करती हैं, समस्या के कारणों तक नहीं पहुंचती। इससे तत्काल तो रोगी को राहत मिल सकती है, लेकिन वह डर से उबर नहीं पाता।
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इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।