दस वैकल्पिक उपाय जो हृदय समस्या से निजात दिलायें
खानपान में पौष्टिकता की कमी और अनियमित दिनचर्या के कारण दिल के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, दिल के दौरे का शिकार उम्रदराज लोग ही नहीं युवा भी हो रहे हैं।

अनियमित दिनचर्या और खानपान में लापरवाही के कारण दिल के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 'सर्कुलेशन' जर्नल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक जो लोग अपने आहार में अत्यधिक वसा, नमक, अंडे और मांस खाते हैं, उन्हें दूसरों के मुकाबले उनका दिल बहुत जल्दी बीमार हो जाता है और उन्हें दिल का दौरा पड़ने का जोखिम 35% अधिक होता है। हृदय की समस्याओं के उपचार के लिए वैकल्पिक चिक्त्सिा का प्रयोग कर सकते हैं।
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जो लोग सुबह के नाश्ते में ओट्स का सेवन करते हैं, उनमें दिल का दौरा पड़ने का जोखिम के साथ दिल की अन्य बीमारियों के होने का खतरा कम होता है। ओट्स में घुलनशील रेशे होते हैं। ये घुलनशील रेशे लो-डेंसिटी लीपोप्रोटीन (एलडीएल) या बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं। इसके अलावा ओट्स रक्त नलिकाओं में जमी वसा को बाहर निकालने में मदद करते हैं।
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दिल की बीमारियों से बचने के लिए पालक का सेवन कीजिए। पालक में विटामिन के भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो दिल को बीमारियों से बचाता है। पालक में फाइबर होता है जो एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को घटाता है।
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मेथी में विटामिन के पाया जाता है। इसके अलावा इसमें फाइबर भी होता है जो बुरे कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटाता है। यह फोलेट का स्रोत होने के कारण होमोसिस्टीन नामक एमिनो एसिड को घटाने में मदद करता है जो एथिरोक्लेरोसिस (इस बीमारी में धमनी की दीवारें मोटी हो जाती है और रक्त के सचल प्रवाह में समस्या होती है) जैसे रोगों को होने से रोकता है।
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हृदय संबंधी समस्या में टमाटर का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। टमाटर में लाइकोपीन, बीटा-कैरोटीन, फोलेट, पोटैशियम, विटामिन सी, फ्लेवनाइड और विटामिन ई होते हैं, जो एलडीएल कोलेस्ट्रॉल, होमोसिस्टीन का स्तर कम कर रक्त संचार को ठीक करने में मदद करते हैं।
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दिल को स्वस्थ रखने और दिल को बीमारियों से बचाने के लिए वाइन का सेवन कीजिए। कई शोधों में यह बात सामने आ चुकी है कि वाइन का सेवन दिल की बीमारियों से बचाता है। लेकिन इसका अधिक सेवन करने से बचें।
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शिमला मिर्च कई रंग के होते हैं, ये खाद्द में रंग लाने के साथ-साथ हृदय को स्वस्थ रखने में भी मदद करते हैं। इसमें विटामिन बी1 ,बी2 और बी6, विटामिन सी, फोलेट और फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो बुरे कोलेस्ट्रॉल और होमोसिस्टीन को कम करने में मदद करते हैं।
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गाजर में कैरोटिनॉइड, विटामिन ए और सी, फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसमें कैरोटिनॉइड और विटामिन सी फ्री रैडिकल्स से रक्त धमनी को नुकसान होने से बचाते हैं। फाइबर कोलेस्ट्रॉल के सोखने की प्रक्रिया को मजबूत करके हृदय स्वास्थ्य को बेहतर करता है।
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मछली का सेवन करने से दिल मजबूत होता है और बीमारियों से बचाव होता है। मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड काफी मात्रा में पाए जाते हैं, जो हमारे गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाकर दिल को स्वस्थ रखते हैं।
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तनाव दिल का सबसे बड़ा दुश्मन है, इसलिए दिल को बीमारियों से बचाने के लिए जरूरी है कि तनाव से दूर रहें। तनाव लेने रक्त संचार प्रभावित होता है, दिल के दौरे के लिए तनाव भी जिम्मेदार है।
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अधिक वजन रहने से हृदय की बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए वजन को नियंतत्रण में रखना बहुत जरूरी है। ऐसी डाइट लें, जिसमें वसा कम हो और फल-सब्जियों की मात्रा ज्यादा हो। इसके नियमित रूप से व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
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