क्या है टेम्पॉन

टेम्पॉन शब्द से अब भी कई लोग अनजान हैं। ये सैनिटरी पैड का विकल्प है जिसे मासिक धर्म के दौरान अंदर डाला जाता है। सैनिटरी पैड में पीरियड के दौरान निकलने वाला ब्लड स्प्रेड होता है जबकि टेम्पॉन में ब्लड इकट्ठा होता है। अंदर डालने की वजह से इससे संबंधित कई सारे अंधविश्वास भारत में फैले हुए हैं जिसके बारे में इस स्लाइड शो में विस्तार से जानिए।
खत्म हो जाती है वर्जिनिटी

वर्जिनिटी किसी के साथ इंटरकोर्स करने के दौरान खत्म होती है। इंटरकोर्स के दौरान स्पर्म अंडाशय में जमा अंडों को हिट करता है जिससे गर्भ ठहरता है और वर्जिनिटी टूटती है। टेम्पॉन ऐसा कुछ नहीं करता। ये केवल निकलने वाले ब्लड को रोकता है।
काफी दर्द होता है

ये बिल्कुल गलत है। पहली बार इस्तेमाल करने के दौरान आपको थोड़ा... केवल थोड़ा अनकम्फर्टेबल फील होगा। वैसा ही जैसे पहली बार पीरियड हुआ था। वैसे भी क्या सैनीटिरी पैड से पूरे दिन में एक बार भी अनकम्फर्टेबल फील नहीं होता? होता है ना। टेम्पॉन के साथ भी ऐसा ही है। एक बार इसे इस्तेमाल करना सीख गए तो आपको ये काफी आसान और कम्फर्टेबल लगेगा।
अगर ये गिर जाएगा तो?

ये कभी नहीं गिरता। अगर आप चलने में और रोजाना के काम करने में कम्फर्टेबल हैं तो समझ जाइए की टेम्पॉन आपने सही से इस्तेमाल किया है। इसमें एक धागा बाहर की ओर होता है उसे खींच कर आप आराम से बाहर निकाल सकते हैं।
बाथरुम जाने में निकालना पड़ता है बार-बार

अगर यही सवाल आपके दिमाग में आया है तो समझ जाइए कि आपने अपनी बायोलॉजी क्लास सही से अटेंड नहीं की। मूत्र-त्याग यूरेथरा से और मल-त्याग एनस से किया जाता है। इन दो के अलावा जो तीसरा मार्ग होता है- वजाइना, वहां टेम्पॉन का इस्तेमाल किया जाता है। तो समझ गए कि टेम्पॉन इस्तेमाल के दौरान भी मूत्र-त्याग और मल-त्याग आराम से किया जा सकता है।
ये एसटीडी का कारण

एसटीडी, मतलब सेक्सुअल ट्रांसमीटेड डिज़िज केवल कुछ अलग तरह के माइक्रोऑर्गेनिज़्म के कारण होते हैं और ये माइक्रोऑर्गेनिज़्म टेम्पॉन में नहीं होते। एसटीडी केवल असुरक्षित सेक्स करने से होता है।