लड़का और लड़की नहीं होते हैं आईडेंडटीकल ट्वीन्स

सामान्य केस में या तो जुड़वा लड़के पैदा होते हैं या लड़कियां पैदा होती हैं। लेकिन कई बार एक लड़का और एक लड़की जुड़वा भी पैदा होते हैं। ऐसे केस में ये लड़का-लड़की केवल ट्विन्स होते हैं ना कि आइडेंटीकल ट्विन्स। ट्वीन्‍स फ्रेटरनल तरीके से बनते हैं जबकि, आईडेंडटिकल ट्वीन्‍स एक ही जेगोट से बनते है। आइडेंटिकल ट्विन्स व्यवहार, नाक-नक्श और शक्ल-सुरत में एक होते हैं जो कि फ्रेटनल ट्विन्स के साथ ऐसा नहीं है।
होता है जन्म का फर्क

जुड़वा बच्चों के जन्म में थोड़ा फर्क होता है। कुछ जुड़वा बच्चे मिनटों के अंतर में पैदा होते हैं तो कुछ जुड़वा बच्चे घंटों के अंतर में भी पैदा होते हैं।
जुड़वाओं में पारिवारिक लक्षण नहीं होते

अगर जुड़वां बच्‍चों की मां को हाईपर- ओव्‍यूलेशन जीन आनुवांशिकता में मिली होती है तो उनमें जेनेटिक कनेक्‍शन हो सकता है। लेकिन जुड़वा बच्‍चे रेन्‍डम होते है और उनमें परिवारिक लक्षण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता, इसलिए कई बार जुड़वा बच्चे परिवारिक व्यवहार से अलग होते हैं।
जुड़वा बच्चों की कोई गुप्त भाषा नहीं होती

लोगों का मानना है कि जुड़वा बच्चे एक दूसरे से खुद की सिक्रेट लैंग्वेज में बात करते हैं। यह पूरी तरह से मिथ है। जुड़वा बच्‍चों की कोई गुप्‍त भाषा नहीं होती है। गुप्त भाषा में बात करने के तरीके को क्रिप्‍टोफेसिया कहा जाता है जिसमें दो लोग आपस में गुप्‍त तरीके से बात करते है। बचपन में जुड़वा बच्‍चे एक तरह से और कई बार एक समय में रोते और चहकते है तो लोगों को लगता है कि वो किसी सीक्रेट लैंग्‍वेज में बात कर रहे हैं।
समान नहीं होते फिंगरप्रिंट्स

लोगों का मानना है कि इस दुनिया में केवल जुड़वा लोगों के फिंगरप्रिंट्स समान होते हैं। जबकि ये गलत है। हर व्‍यक्ति की सरंचना में फर्क होता है।