छोडि़ये यह सोचना कि दुनिया क्या सोचती है आपके बारे में
इस बात की परवाह करने की बजाय की दूसरे आपके बारे में क्या सोचते हैं, इस बात कि परवाह कीजिए कि आप अपने बारे में क्या सोचते हैं।

हममें से बहुत से लोग अपना समय और एनर्जी यह सोचने में गवां देते हैं कि दूसरे हमारे बारे में क्या सोचते हैं। लेकिन क्या आपको इस बात का अंदाजा है कि इस तरह की अस्वास्थ्यकर और तनावपपूर्ण सोच आपको अयोग्य महसूस कराने के साथ आपका ध्यान वर्तमान क्षण से हटा देती है। यहां पर कुछ उपाय दिये गये है जो आपको दूसरे आपके बारे में क्या सोचते हैं कि चिंता से मुक्त करायेगें साथ ही आपको स्वयं से और दूसरों के साथ स्वस्थ और खुश संबंधों को बनाए रखने में मदद करेंगे। image courtesy : getty images

इस चक्र को तोड़ने के लिए यह समझना जरूरी है कि यह एनर्जी कहां से आ रही है। यानी सबसे पहले यह जानना होगा कि हम लोगों की परवाह क्यों करते हैं। हमें अपने मानदंडों को निर्धारित करने के लिये संस्कृति से मेलजोल करवाया जाता है। बचपन से ही हमें अपनी संस्कृति के अनुसार निश्चित तरीके से कार्य करना सिखाया जाता है। अपने समाज के हिसाब से पहनाना, खाना-पीना यहां तक की पसंद और स्वीकार करने की भी कुछ खास विचारधारा का पालन करना। इस कारण से हम लोगों की परवाह करने लगते हैं। image courtesy : getty images

साथ ही इस बात पर बल दिया जाता है कि लोग हमें स्वीकार और पसंद करें। हममें से बहुत से लोग अपना पूरा जीवन इस उम्मीद के चक्र में गुजार देते हैं, कि कभी तो हमें लोगों से स्वीकृति मिलेगी। लेकिन यह सामाजिक कंडीशनिंग का रूप है, जिससे खुद को रिलीज करने की कोशिश करनी चाहिए। क्योंकि ऐसा सोचने पर हम अपनी जिन्दगी में कुछ नहीं कर पायेगें।
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अन्य लोगों को आपके बारे में क्या लगता है यह आपका काम नहीं है! लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं, इस समस्या की जड़ पर आपका कोई नियंत्रण नहीं है। इसलिए आप सिर्फ यह सोचे कि आप जो कर रहें है, वह सबसे अच्छा इरादा है और आप इसे हास्यास्पद तरीके से पूरा कर सकते हैं। आपको दूसरों से कोई फर्क नहीं पड़ता है। क्योंकि लोग जिस तरह से जवाब देगें उस पर आपका कोई नियंत्रण नहीं है। image courtesy : getty images

इस बात की परवाह करने की बजाय कि लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं, इस बात की परवाह करें आप स्वयं के बारे में क्या सोचते हो। दूसरों की बजाय आपकी अपने बारे में राय ज्यादा मायने रखती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि दूसरों की नजरों में आप कितने समझदार या ज्ञानी हैं। image courtesy : getty images

नियमित रूप से आत्मविश्वास और आत्मज्ञान स्वयं को खुश और संबंधों को स्वस्थ बनाये रखने की एक महत्वपूर्ण कुंजी है। कई लोगों यह ध्यान, योग, स्वस्थ भोजन, प्रकृति में समय बिताने और कला बनाने के साथ शुरू करते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि इसके लिए आप क्या करते हैं, लेकिन हर दिन आप अपने आप से कितना प्यार करते है, स्वयं को याद दिलाना सुनिश्चित करें। image courtesy : getty images

इस बात से न डरें कि दूसरे आपके बारे में क्या सोचते हैं, क्योंकि ऐसा करने से आप स्वार्थी या असामाजिक मुर्ख साबित हो जायेंगे। हालांकि दूसरे आपकी जिन्दगी में घुसने की कोशिश करेंगे, लेकिन खुद को इस डर से दूर कर आप एक प्रेरणा स्रोत बनें। image courtesy : getty images

इस बात को महसूस करें कि दूसरों की आपके बारे में राय उनकी अपनी हैं और इसका आपसे कोई लेना देना नहीं है। हकीकत यह है कि कोई भी दूसरा व्यक्ति, इस बात को नहीं जानता है कि आप कितने काबिल हैं। दूसरे क्या सोचते हैं यह उन पर ही छोड देने से आप खुद को समर्थ बना लेते हैं। image courtesy : getty images

दुनिया आपके बारे में क्या सोचती है इस चिंता में अपनी जिंदगी के एक भी पल को बरबाद न करें। इससे किसी का भी भला नहीं होता है। हो सकता है कि दूसरे लोग शायद सहीं ही हों, लेकिन तब क्या होगा अगर उनके आगाह करने पर आप आगे बढ़ें और बुरी तरह से असफल हो गये। इसलिए खुद पर भरोसा करना आपके लिए सबसे अच्छा रहता है। image courtesy : getty images

लोगों की परवाह से बचने के लिए आपको यह सीखने की जरूरत है कि आपकी वास्तविक क्षमताएं क्या हैं। जब तक कोशिश नहीं करेंगे कि आप किस काबिल हैं तो आप खुद भी नहीं जानते, तो दूसरे कैसे जान सकते हैं? सिर्फ इसलिए कि वे सही नज़र आते हैं, इसका मतलब यह नहीं कि वे वास्तव में सही ही हों। image courtesy : getty images
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