रसोई में अधिक समय तक रहने के नुकसान

रसोई घर में ज्यादा समय तक रहने से किडनी को नुकसान हो सकता है। यह हम नहीं बल्कि हाल में हुए एक शोध का परिणाम है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजिकल रिसर्च (आईआईटीआर) द्वारा लखनऊ में 200 रसोइयों पर किए शोध से पता चला कि जरूरत से ज्यादा समय तक रसोई में रहना महिलाओं की सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। घरों की रसोई ही नहीं, बल्कि बड़े-बड़े रेस्त्रां की रसोईयों को भी इस शोध में शामिल किया गया। Images source : © Getty Images
शोध के परिणाम

शोध में घरेलू रसोई में काम करने वाली महिलाओं के साथ-साथ रेस्त्रां के रसोईयों को भी शामिल किया गया। इस शोध के अंतर्गत रसोई घर के वातावरण का निरीक्षण किया गया। साथ ही ये रसोईये किस अवस्था में काम करते हैं, इस पर भी गौर किया गया।Images source : © Getty Images
किचन में मौजूद गैस स्टोव

अध्ययन के दौरान रसोई में मौजूद गैस स्टोव, खिड़कियों और फ्राइंग एरिया के आसपास मौजूद वातावरण के सैंपल लिए गए। वहीं दूसरी ओर अन्य जगहों जैसे वर्किंग डेस्क और अन्य गतिविधियों वाली जगह के सैंपल भी लिए गए। साथ ही अध्ययन में शामिल सभी लोगों के यूरीन का भी विश्लेषण किया गया।Images source : © Getty Images
चौंकाने वाले परिणाम

उपरोक्त सभी तथ्यों का विश्लेषण कर जो परिणाम सामने आए हैं, वे वाकई चौकाने वाले हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन रसोईयों में रोज़ाना महिलाएं या होटलों के रसोईये लगातार घंटों काम करते हैं, वहां इतनी देर तक गैस जलने से तापमान लगभग 30 डिग्री तक पहुंच जाता है, जो कि स्वास्थ्य के लिये अच्छी बात नहीं है।Images source : © Getty Images
पीएम और पीएएच लेवल

शोध के परिणामों में पाया गया कि इस जगह का पीएम लेवल 71.9 माइक्रॉन क्यूबिक मीटर थ, 2.5 माइक्रॉन आकार वाले तत्व भी रसोई में 81.3 के स्तर पर थे और पीएएच लेवल 3.1 से 17.71 तक था। वहीं शोधकर्ताओं ने रसोई सकिचन में जो पीएएच पाया गया है, वह स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। इस पीएएच में नेप्थालीन, फ्लोरीन, एसनाफिथीन, फेनाथिरीन, पायरीन, क्रिसीन और इंडेनो पायरीन जैसे तत्वों की मौजूदगी पाई गई। ये सभी सुरक्षित मानक सीमा से अधिक पाए गए।Images source : © Getty Images