सोया उत्पादों का अधिक सेवन पुरुषों में बढ़ाता है स्त्रीत्व गुण
हमारे घरों में यह हमेशा से इस्तेमाल होता आया है। और हम इसे उपयोगी और सेहतमंद समझकर खाते भी रहे हैं। लेकिन वास्तव में यह आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है। और यहां तक कि यह पुरुषों को स्त्रीत्व की ओर भी धकेल सकता है।

घर-घर में है इसकी पहुंच
हर घर की रसोई में सोया की पहुंच है। प्रोटीन से भरपूर होने के कारण यह हमारे आहार का अहम हिस्सा बन चुका है। वजन घटाने के शौकीन और जुनूनी लो भी सोया उत्पादों को ही तरजीह देते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि जिस सोया को आप सेहतमंद समझकर खा रहे हैं वह आपको किस हद तक नुकसान पहुंचा रहा है। यह कथित सेहतमंद आहार पुरुषों के पौरूष को दूर करने का कारण हो सकता है।

डॉक्टर भी देते हैं सलाह
यह खतनाक फूड है सोया। सोयाबीन उत्पादों में मौजूद खास तत्व स्त्रीत्व गुण की अधिकता के लिए उत्तरदायी होते हैं। लेकिन, इन बातों से हम अकसर अनजान बने रहते हैं। हालांकि डॉक्टर सोया उत्पादों के अधिक सेवन न करने की हिदायत भी देते हैं। छोटे बच्चों को तो खासकर अधिक सोया खाने से मना किया जाता है।

कभी-कभार खाने में नुकसान नहीं
सोया स्नैक्स का कभी-कभार उपभोग नुकसान नहीं पहुंचाता। सोया पौष्टिक होता है और इसमें कई अन्य लाभकारी चीजें भी होती हैं। लेकिन, दुर्भाग्य से जब आप सोया की बनीं बहुत सारी चीजों का उपभोग करते हैं, तो आपके शरीर में काफी अधिक मात्रा में एस्ट्रोजन भी पहुंच जाते हैं।

क्या होते हैं एस्ट्रोजन
एस्ट्रोजन महिला हॉर्मोन होते हैं। अगर आप महिला हैं, तो भी यह आपके लिए लाभकारी नहीं क्योंकि इससे आपके शरीर में इस हॉर्मोन की मात्रा बढ़ जाएगी। और शरीर के लिए इसे संभाल पाना आसान नहीं होगा। और अगर आप पुरुष हैं तो आपके शरीर में पौरुषत्व कम हो सकता है। साथ ही मानसिक तथा शारीरिक रूप से स्त्रीत्व गुण आप पर हावी हो सकता है।

कैसे डालता है असर
भ्रूण के विकास में प्रारंभिक रूप से सभी महिला ही होते हैं। और सभी इनसान यहां तक कि बुढ़ापे में भी स्त्रीत्व की ओर झुकने लगते हैं। लेकिन, स्त्री गुण को कम कर पौरूष को बनाये रखने में टेस्टोस्टेरॉन की महती भूमिका होती है। और एस्ट्रोजन की अधिकता इसी टेस्टोस्टेरॉन को प्रभावित करती है। यानी पुरुषों में पौरूष के लिए उत्तरदायी हॉर्मोन सोया उत्पादों के अध्ािक सेवन से घटने लगते हैं।

बच्चों पर ज्यादा असर
अगर आप व्यस्क हैं, तो आप सोया के कुछ प्रभावों से लड़ सकते हैं, लेकिन बच्चे इतने सौभाग्यशाली नहीं होते। कुछ शोध बताते हैं कि बच्चों को सोया फॉर्मूला देने का अर्थ है उन्हें पांच गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करवाना। बच्चे का अंत:स्रावी सिस्टम इस प्रकार के प्रभावो को झेल पाने में असमर्थ होता है। और कुछ प्रभावों को तो पलटा भी नहीं जा सकता। भ्रूण को तो यह नुकसान और भी अधिक होता है।

सोया के अन्य नुकसान
सोया स्त्रीत्व गुण को बढ़ाने का काम करता है। यह सेक्सुअल कंफ्यूजन और होमोसेक्सुअलिअी को भी बढ़ाता है। इसलिए कई जानकार नवजात को अधिक सोया उत्पाद देने को भी होमोसेक्सुअलिटी से जोड़कर देखते हैं। उनका कहना है कि बचपन में एस्ट्रोजन का अधिक उपभोग करवाने के कारण ही उनके अंदर यह स्त्रीत्व गुण अधिक आया।

हावर्ड के शोध में भी सामने आयी बात
हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के अध्ययन में कहा गया कि सोया उत्पादों का अधिक सेवन करने से आपके शुक्राणुओं की संख्या में कमी आ सकती है। अनुसंधानकर्ता जार्ज चैवरो ने कहा इस बारे में जानवरों पर बहुत से अध्ययन किए गए हैं, लेकिन इनसानों में अध्ययन के कम ही उदाहरण देखने को मिलते हैं।

क्या रहे शोध के नतीजे
हार्वर्ड ने अपने अध्ययन में 99 पुरुषों द्वारा ली जाने वाली सोयाबीन की मात्रा को शामिल किया। जिन लोगों ने अधिक सोयाबीन खाई उनके शुक्राणुओं की संख्या चार करोड़ 10 लाख प्रति मिलीमीटर रही जो सोयाबीन न खाने वालों से कम थी। सामान्य व्यक्ति में शुक्राणुओं की संख्या आठ करोड़ से 12 करोड़ के बीच प्रति मिलीमीटर होती है।
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