आयोडीन क्यों है जरूरी

आयोडीन हमारे शरीर के विकास के लिए बहुत जरूरी है, गर्भावस्‍था के दौरान ही इसकी जरूरत पड़ती है। इसकी कमी से कई प्रकार की स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍यायें हो सकती हैं। आयोडीन आपके बढ़ते शिशु के दिमाग के विकास और थॉयराइड ग्रंथि को सुचारु करने के लिए बहुत जरूरी है। यह एक माइक्रोपोशक तत्व है जिसकी हमारे शरीर को विकास एवं जीने के लिए बहुत थोड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है। आयोडीन हमारे शरीर के तापमान को भी विनियमित करता है। इसलिए आयोडीन की कमी शरीर में न होने दें, इसके लिए आयोडीन युक्‍त आहार का सेवन करें। image source - thelivinlowcarbshow.com
कितना आयोडीन जरूरी

आयोडीन के सेवन का मतलब यह नहीं कि आयोडीन ही खाते रहें, एक व्‍यक्ति को पूरे जीवनभर एक छोटे से चम्‍मच से भी कम आयोडीन की आवश्‍यकता होती है। चूंकि आयोडीन शरीर में जमा नहीं रह सकता, इसलिए इसे दैनिक आधार पर लेना पड़ता है। डब्‍ल्‍यूएचओ ने व्‍यक्ति के हिसाब से उसके लिए आयोडीन की मात्रा का निर्धारण किया है। गर्भवती महिलाओं को 200-220 माइक्रोग्राम, स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 250-290 माइक्रोग्राम, 1 वर्ष से छोटे शिशुओं को 50-90 माइक्रोग्राम, 1-11 वर्ष के बच्चों के लिए 90-120 माइक्रोग्राम और वयस्कों तथा किशोरों के लिए 150 माइक्रोग्राम आयोडीन प्रतिदिन लेना चाहिए। image source - getty images
आलू

आलू में आयोडीन पाया जाता है, यह आयोडीन का प्राकृतिक स्रोत है। बिना छीले आलू को पकाकर या उबालकर सेवन करने से 60 माइक्रोग्राम आयोडीन मिलता है। हालांकि सभी प्रकार के आलू में आयोडीन पाया जाता है, लेकिन जैविक आलू को आयोडीन का सबसे अच्‍छा स्रोत माना जाता है। इसलिए अपने नियमित आाहर में आलू को शामिल करें, कोशिश करें इसका प्रयोग छिलकों के सहित करें। image source - getty images
हिमालयन क्रिस्टल सॉल्ट

इस नमक को भी भूरे यानी ग्रे सॉल्‍ट के रूप में जाना जाता है। यह आयोडीन का बहुत अच्‍छा स्रोत है। हालांकि सभी प्रकार के प्रसंस्‍कृ‍त नमक में आयोडीन की भरपूर मात्रा होती है। जबकि दूसरी तरफ जैविक और अप्रसंस्‍कृत हिमालयन नमक में लगभग 500 माइक्रोग्राम आयोडीन होता है। यह आसानी से उपलब्‍ध है। image source - getty images
क्रेनबेरीज यानी करौंदा

करौंदा कई गुणों से युक्‍त है, इसे एंटीबॉयटिक का अच्‍छा स्रोत मानते हैं, साथ ही इसमें आयोडीन की भरपूर मात्रा भी होती है। केवल 4 औंस करौंदे में 400 माइक्रोग्राम आयोडीन होता है। अपनी नियमित आयोडीन की जरूरत को पूरी करने के लिए आप इसके ताजे फलों का सेवन कर सकते हैं, इसका जूस भी पीना फायदेमंद है। अगर जूस पीने में कड़वा लगे तो इसमें शुगर भी मिला सकते हैं। image source - getty images
सालन या नैवी सेम

सेम में आयोडीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है, लेकिन नेवी बीन में सबसे अधिक मात्रा में आयोडीन होता है। केवल आधे कप नेवी बीन में 32 माइक्रोग्राम आयोडीन होता है। सेम को खाने से न केवल आयोडीन मिलता है बल्कि स्‍वास्‍थ्‍य के लिहाज से भी ये बहुत फायदेमंद हैं। इसमें फाइबर भी पाया जाता है जो खाने को आसानी से पचने में मदद करता है, यह पाचन क्रिया को दुरुस्‍त करता है। image source - getty images
केल्प या समुद्री शैवाल

समुद्र में पाये जाने वाले पौधे हमें भरपूर मात्रा में आयोडीन उपलब्‍ध कराते हैं। केल्प या अन्‍य समुद्री शैवाल में आयोडीन पाया जाता है। केवल केल्‍प में ही इतना अधिक आयोडीन होता है कि वह दूसरे अन्‍य फलों से चार गुना अधिक है। इनका सेवन सलाद, सूप या खाने की अन्‍य रेसीपी के जरिये करें। यह बहुत ही स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक आहार है। image source - getty images
आयोडीन के फायदे

आयोडीन की जरूरत को पूरी करके कई प्रकार की स्‍वासथ्‍य समस्‍याओं से बचाव किया जा सकता है। इससे थॉयराइड की समस्‍या नहीं होती जो कि जानलेवा है। इसके अलावा मानसिक विकार नहीं होते, त्‍वचा में सूखापन, नाखूनों के टूटने, बालों के टूटने, कब्‍ज, आदि समस्‍यायें नहीं होती हैं। आयोडीन की कमी से वजन अधिक होना, खून में कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ना, ठंड अधिक लगने जैसी समस्‍यायें होती हैं। गर्भवती महिलाओं को आयोडीन बहुत जरूरी है, इससे बच्‍चे के मानसिक और शारीरिक विकास में समस्‍या नहीं होती है। image source - getty images