नींद की कमी के प्रभाव

भरपूर नींद न लेने से कई तरह की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍यायें हो सकती हैं। 'स्‍लीप' नामक पत्रिका में छपे एक शोध की मानें तो जो लोग नियमित रूप से 6 घंटे या उससे कम नींद लेते हैं उनमें कार्डियोवस्‍कुलर बिमारियां होने की संभावना अधिक रहती है। दिल की बीमारी, तनाव, अवसाद, मोटापा आदि समस्‍यायें कम नींद लेने के कारण हो सकती हैं। कम नींद लेने के शरीर पर प्रभाव के बारे में जानना भी जरूरी है।
एकाग्रता की कमी

अगर आप 24 घंटे तक बिना सोये काम करते रहते हैं तो इसके कारण आपका ध्‍यान भंग हो सकता है, आप किसी भी काम में एकाग्रचित्‍त नहीं हो सकते हैं। इंग्‍लैंड के लॉगबारो यूनिवर्सिटी द्वारा किये गये शोध की मानें तो, इतने देर तक लगातार काम करने के कारण अगर आप कॉफी पीकर अपने मूड को बढ़ाना चाहते हैं तो वह भी बेअसर रहता है।
पेट पर प्रभाव

नींद की कमी से पेट पर असर पड़ता है और पाचन क्रिया धीमी हो जाती है। यूनिवर्सिटी ऑफ विस्‍कोनसिन द्वारा किये गये शोध के अनुसार, जो लोग मात्र 5 घंटे या उससे कम सोते हैं उनके पेट को नियमित करने वाले पेप्टिन हार्मोन का उत्‍पादन 15.5 प्रतिशत कम हो जाता है जिससे खाना पचने में दिक्‍कत हो सकती है।
कमर पर प्रभाव

कम नींद लेने वालों की बीएमआई (बॉडी मॉस इंडेक्‍स) 3.6 प्रतिशत तक अधिक होती है। स्‍टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, 5 घंटे तक सोने वाले लोगों के कमर के पास अधिक चर्बी होती है।
ब्लड प्रेशर

जो लोग 6 घंटे से कम नींद लेते हैं उनका ब्‍लड प्रेशर बढ़ जाता है। ऐसे लोगों का बीपी 132 (120 या उससे कम सामान्‍य होता है) या इससे अधिक हो सकता है।
डायबिटीज

येल यूनिवर्सिटी मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा किये गये शोध के अनुसार, जो लोग 6 घंटे से कम नींद लेते हैं उन्‍हें डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारी होने का खतरा दोगुना रहता है।
दिमाग पर असर

कम नींद लेने से दिमाग की कोशिकायें क्षतिग्रस्‍त हो सकती हैं। इसके कारण अल्‍जाइमर और डिमेंशिया जैसी दिमागी बीमारी होने की संभावना अधिक रहती है।
दिल पर असर

भरपूर नींद न लेने का असर दिल पर भी पड़ता है। ब्रिटेन में वार्विक मेडिकल स्कूल के वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार, भरपूर नींद नहीं मिलने पर होने वाली नींद की कमी से हृदयाघात (दिल का दौरा पड़ने) का खतरा 48 प्रतिशत बढ़ जाता है।