6 अजीब मगर सामान्य एलर्जी
क्या आपको खुद को छूने से भी एलर्जी हो जाती है। सुनने में भले ही अजीब लगें पर ये सच है। कुछ एलर्जी अजीब सी होती है। ये दुर्लभ भी होती है। अजीब सी एलर्जी के बारे में जानने के लिए पढ़ें ये लेख:-

धूल-धुआं या खाने से एलर्जी तो आपने सुनी होगी पर क्या आपने अजीब एलर्जियों के बारे में सुना है। जी, लोगों को कुछ अजीब तरह एलर्जी हो जाती है जो सुननें में विश्वास भले ही ना हो पर सच होती है। इस तरह की एलर्जी सामान्य से लेकर जानलेवा तक होती है। ये एलर्जी सामान्य लोगों में भी बड़ी आसानी से देखने को मिल जाती है। इस स्लाइडशो के जरिए हम आपको कुछ अजीब मगर सामान्य सी एलर्जी के बार में बता रहे है:-
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सुनकर बहोत अजीब सा लगता है कि किसी को बीयर से एलर्जी कैसे हो सकती है।पर ये सच है। असल बात ये है कि बीयर में पाए जाने वाले प्रोटीन एलटीपी से लोगों को एलर्जी हो जाती है। बीयर से 36 तरह की एलर्जी के रिएक्शन हो सकते है। इससे शरीर में खुजली होने लगती है या फिर सरदर्द की समस्या हो जाती है।
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सोलर पित्ती एक तरह की फिजीकल पित्ती होती है।ये पित्ती के लक्षण सूरज की रोशनी से जलनें मे दिखते है। इन पित्तियों का उपचार ऐन्टीहिस्टमीन और सूजर की किरणों से बचकर हो सकता है। हालांकि सन एलर्जी बहुत कम होती है। एलर्जी होने पर शरीर में चकत्ते पड़ जाते है और खुजली होने लगती है।
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अगर सिक्कों को हाथ में लेने के बाद आपको रैशेज की समस्या हो जाती है तो ये भी एक तरह की एलर्जी है। सिक्कों मे मौजूद निक्कल के रिएक्शन से एलर्जी हो जाती है। गहनों, सिक्कों और जिपर्स आदि बनाने में निक्कल नामक मेटल प्रयोग होता है। अगर आपको भी ऐसे किसी चीज को छूने के बाद रैशेज हो जातो हो तो तुंरत ही चिकित्सक से मिले।
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सुनने में थोड़ी अजीब सी लगती है, मगर लोगों को किसी के छू जाने से भी एलर्जी हो जाती है। इस तरह की एलर्जी में आप खुद को भी घायल कर सकते है। आप ने अगर दबाव के साथ अपना हाथ पकड़ा या कोई कपड़ा बांधा इससे आपके शरीर पर पित्ती पड़ जाएगी। हालांकि ये पित्तियां खुद ही 15-30 मिनट में गयाब हो जाती है। इस तरह की एलर्जी से बचने के लिए आप ऐन्टीहिस्टमीन का प्रयोग कर सकते है।
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कुछ लोगों को ठंड से भी एलर्जी हो जाती है। इस एलर्जी में शरीर पर पित्ती पड़ने लगती है। हालांकि ये एक दुर्लभ एलर्जी होती है। अचानक से अत्यधिक ठंड के संपर्क में आने के कारण ये एलर्जी जानलेवा भी हो सकती है। इसके कारण रक्तचाप निम्न हो जाता है जिससे मौत हो सकती है। इस तरह की एलर्जी में बचाव ही सबसे बड़ा उपचार होता है। ऐसे लोगों को ठंड में बाहर नहीं निकलना चाहिए ना ही अकेले तैराकी करनी चाहिए।
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पराग से एलर्जी को ओरल एलर्जी का लक्षण माना जाता है। पराग या उसके जैसे प्रोटीन वाले फलों को खाने से लोगों में एलर्जी हो जाती है। इसे क्रॉस रिएक्टिवटी कहते है। ये केला, टमाटर, सेब और प्लम्स आदि फलों में होती है। इससे गलें में खराश, होठों की सूजन आदि की समस्या हो जाती है। इसमे आपको उपचार कराने की भी आवश्यकता नहीं होती है। बस आप फल को निगल ले या फिर ना खाएं।
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इस तरह की एलर्जी से बचाव सिर्फ सावधानी होती है। कुछ एलर्जी जन्मजात होती है पर कुछ का इलाज संभव होता है। समय-समय पर डॉक्टर से मिलें। अपनें शरीर मे होने वोली अजीब तरह के रिएक्शन के बारें में उनसे जानकारी लें। उनकी सलाह पर ही किसी दवा का सेवन करें।
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इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।