काम को टालना क्या आपकी भी है आदत
प्रोक्रैस्टीनेटर एक प्रकार की मानसिक समस्या है, जिसमें व्यक्ति काम को टालने की कोशिश करता और यह उसकी आदत भी बन जाती है। ऐसे लोगों में दूरदर्शिता का अभाव होता है और वे समय का प्रबंधन भी नहीं कर पाते।

काम को टालना, काम में मन न लगना, दूसरों की बात सुनकर नजरअंदाज करना, दिनचर्या का पालन न करना। यदि आप भी इनमें से एक हैं तो आप प्रोक्रैस्टीनेटर यानी काम को टालने वालों में से एक हो सकते हैं। यह एक प्रकार की मानसिक समस्या भी हो सकती है। एडीएचडी (अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर) से ग्रस्त लोगों में यह समस्या अधिक देखी जाती है। तो काम को टालने वालों के कुछ सामान्य लक्षण होते हैं।
image source - getty images

काम को टालने वालों में दूरदर्शिता नहीं होती। ऐसे लोग फायदे और नुकसान को देखे बगैर एक ही काम को बार-बार दोहराते हैं। वे इस बात पर विचार नहीं करते कि उनके इस व्यवहार का किसी पर क्या असर पड़ेगा। या उन्हें ही इससे किस प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
image source - getty images

प्रोक्रैस्टीनेटर की समस्या से ग्रस्त लोगों की यह शिकायत हो सकती है कि किसी काम को कर न पाने के पीछे समय की कमी रही है। दरअसल समय की कमी की बात करके वे काम को टाल देते हैं। ऐसे लोग समय का प्रबंधन सही तरीके से नहीं कर पाते हैं।
image source - getty images

अगर आपसे पिछले एक या उससे अधिक महीने से किसी दोस्त ने संपर्क नहीं किया तो इसके पीछे आपका आलस्यपूर्ण रवैया और काम को टालने वाली आदतें हो सकती हैं। ऐसे लोग खुद को इस समाज में अकेला पाते हैं, क्योंकि उनकी आदतों के कारण लोग उनसे दूर जाने की कोशिश करते हैं।
image source - getty images

प्रोक्रैस्टीनेटर से ग्रस्त लोग थकान को अपना सबसे बड़ा हथियार मानते हैं। वे किसी काम की शुरूआत में ही थकान का बहाना बनाकर उसे टालने की कोशिश करते हैं।
image source - getty images

ऐसे लोग अकसर काम न कर पाने के पीछे आसपास के माहौल को जिम्मेदार ठहराते हैं। वे अपनी गलतियों को नजरअंदाज करने लगते हैं। उनकी शिकायत होती है कि आसपास का माहौल उन्हें परेशान करता है। जैसे ही वे काम की शुरुआत करते हैं माहौल के कारण उसे ठीक तरीके से कर नहीं पाते। किंतु वास्तव में ये सब चीजें इतनी परेशान करने वाली होती नहीं हैं।
image source - getty images

आपको जो काम दिया गया है उसे करने में आपकी कोई रुचि नहीं है। इस काम को करने में आपका मन बिलकुल नहीं लगता है। इसके अलावा आप अटपटे और बेकार के कामों में अपना दिल और समय लगाते रहते हैं। ऐसे काम अधिक करते हैं जिसका संबंध नियमित दिनचर्या से बिलकुल भी नहीं। जैसे - ऑफिस में रहकर मूवी देखना, कंप्यूटर में गेम खेलना आदि।
image source - getty images

प्रोक्रैस्टीनेटर से ग्रस्त लोग साधारण से काम को भी कठिन मानते हैं। अगर उन्हें सामान्य सा काम करने के लिए दिया जाये तो वे सोचते हैं कि यह दुनिया के सबसे कठिन कामों में से एक है और यह करना उनके बस का नहीं है।
image source - getty images
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।