बढ़ते उम्र के संकेत

बढ़ती उम्र और उसके निशान अगर सबसे पहले कहीं दिखते हैं तो वो हैं चेहरे पर, क्योंकि चेहरे की त्वचा सबसे अधिक कोमल और पतली होती है। हमेशा जवां रहना हर किसी की तमन्ना है जो कभी पूरी नहीं हो सकती। लेकिन बढ़ती उम्र के इन संकेतों को नजरअंदाज करने की जगह अगर इन पर थोड़ा सा ध्यान दे देंगे तो इन संकेतों को छुपाया जा सकता है। तो ऐसे में जरूरत है कि एजिंग के इन संकेतों को नजरअंदाज ना करें।
पलकों में ढीलापन आना

कहा जाता है कि जब इंसान का झूठ पकड़ना हो तो उसकी आंखों में देखो। ये सच है। लेकिन इसी तरह ये भी सच है कि इंसान की आंखें उसकी उम्र का भी आईना होती है। उम्र बढ़ने के साथ शरीर की त्वचा ढीली पड़ने लगती है और सबसे पहले पलकों के नीचे की त्वचा ढीली पड़ती है। पलक झुकने लगते हैं।
आंखों के नीचे और किनारे के लाइन

ब्लैकहेड्स आजकल नींद नहीं आने के कारण और ज्यादा मेहनत करने के कारण ट्वन्टीज़ में भी आ जाते हैं। तो ब्लैकहेड्स को बढ़ते उम्र की निशानी नहीं कहा जा सकता। लेकिन आंखों के नीचे की त्वचा का सिकुड़ना और वहां पतली-पतली लाइन का दिखना बढ़ते उम्र की निशानी है। ये लाइन्स आंखों के किनारे में भी दिखते हैं।
रिंकल्स यानी झुर्रियां

आंखों के बाद आते हैं होंठों के किनारे की त्वचा को देखिए। होठों के किनारे की त्वचा सिकुड़ रही है और यही समस्या गालों के आसपास भी दिख रही है तो अब वक्त आ गया है कि इन्हें मेकअप के पीछे ना छुपाकर इनपर ध्यान दिया जाए। होठों के किनारे और गालों की त्वचा का ढीलापन एक समय के बाद बिल्कुल पारदर्शी तरीके से नजर आने लगता है तो इन पर ध्यान जरूर दें।
माथे की लकीरें

माथे पर लकीरें पड़ रही हैं तो इन्हें अपनी किस्मत ना मानें। क्योंकि कई लोग मानते हैं कि माथे पर तीन लकीरें किस्मतवालों की बनती है। किस्मतवालों की लकीरें बचपन से होती हैं। अमूमन पच्चीस साल के बाद माथे पर लकीरें बढ़ती उम्र के कारण बननी शुरू होती हैं।
त्वचा का ड्राई होना

उम्र के सथ शरीर में पानी कम होते जाता है और त्वचा की नमी कम होते जाती है। जिससे त्वचा ड्राय हो जाती है। त्वचा इतनी ड्राय हो जाती है कि वो कभी-कभी सफेद भी दिखती है। अगर ये समस्या रोज आ रही है तो आपकी त्वचा पर बुढ़ापे का असर होने लगा है।
इनसे बचने के तरीके

उम्र के इन संकेतों को रोका तो नहीं जा सकता लेकिन हेल्दी खाना खाकर कम जरूर किया जा सकता है। तो जरूरी है कि एजिंग के इन संकेतों को नजरअंदाज ना करें और हरी सब्जियों खाना शुरू करें। साथ ही जंकफुड, अल्कोहल और स्मोकिंग को पूरी तरह से बाय बोलकर फलों का जूस और दूध को अपने आहार में शामिल करें।