शहद का अधिक सेवन हो सकता है नुकसानदेह
शहद का अधिक सेवन करने से आपको वजन बढ़ना, डायरिया, कैविटी, टाइप 2 मधुमेह, हृदय रोग जैसी समस्या हो सकती है। इसलिए इसके अधिक उपयोग से बचना चाहिए।

आयुर्वेद में शहद को अमृत माना जाता है। शहद का सही तरीके से सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन इसका सेवन गलत तरीके से करने से फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। आइए शहद के साइड इफेक्ट के बारे में जाने हमारे इस स्लाइड शो में।

शहद में थोड़ी सी मात्रा में विटामिन और खनिज होते हैं। हालांकि यह राशि इतनी कम है कि आपको इसका लाभ उठाने के लिए भारी मात्रा में शहद का सेवन करना पड़ता है। और ज्यादा मात्रा में शहद का सेवन सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। इससे पेट के रोग पैदा हो जाते है जो ज्यादा कष्टदायक होते हैं।

क्या आप जानते हैं कि चीनी की तरह शहद प्रति ग्राम में 4 कैलारी प्रदान करता है। इसतरह से एक चम्मच में 64 कैलोरी होता है। हालांकि शहद चीनी से मीठा होता है लेकिन फिर भी स्वाद पाने के लिए इस्तेमाल आधे के रूप में करने की जरूरत होती ही है।

अधिकांश लोगों को शहद खाने से कोई समस्या नहीं होती है। लेकिन फिर भी कुछ लोगों को इसके अन्दर पाये जाने वाले पराग कणों से एलर्जी हो सकती है। शहद खाने उन्हें सूजन या रैश ओर निगलने और सांस लेने पर परेशानी का सामना करना पड़ता हैं।

शहद में ग्लूकोज से अधिक फ्रुक्टोज होता है। इसलिए कुछ लोगों को सभी प्रकार के फ्रुक्टोज को अवशोषित करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। और शहद को अधिक मात्रा में खाने से पेट की खराबी या डायरिया हो सकता है।

एक वर्ष से कम आयु के शिशुओं को किसी भी प्रकार का शहद नहीं देना चाहिए, क्योंकि यह शिशु बोटुलिज्म पैदा कर सकता है। शिशु बोटुलिज्म का अर्थ है, बच्चों को शहद से विषाक्तता पैदा होना। उम्र के कम से कम 6 महीने तक शिशु बीमारियों के प्रति अतिसंवेदनशील होते हैं। अक्सर शहद युक्त खाद्य पदार्थ खाने के 8 से 36 घंटे के बाद विषाक्तता के लक्षण दिखने लगते है।

शहद और नींबू को वजन कम करने के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। लेकिन क्या आप इस बात से भी वाकिफ है कि शहद वजन कम करने के साथ वजन बढ़ा भी सकता है। आहार में बहुत अधिक मात्रा में कैलोरी जोड़ने के कारण शहद का बहुत अधिक मात्रा में सेवन वजन बढ़ने का कारण बनता है।

अन्य शुगर की तरह, शहद के अधिक सेवन से कैविटी, टाइप 2 मधुमेह, हृदय रोग और उच्च कोलेस्ट्रॉल होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है।

शहद का अधिक गर्म पानी या दूध में सेवन नहीं करना चाहिए और ना ही इसे आग पर पकाना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से इसमें मौजूद एंजाइम और विटामिन जैसे पोषक तत्व नष्ट हो जाते है। इसके अलावा शहद का स्वाद और खुशबू भी बदल जाती है।
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