शंख से करें रोगों को दूर

हिंदू धर्म में कई प्रकार के धार्मिक तौर-तरीके और परंपराएं हैं। जिनका हमारे जीवन में गहरा महत्व होता है। ऐसे सभी कर्मों के पीछे धार्मिक महत्व के साथ ही वैज्ञानिक महत्व भी है। प्राचीन परंपराएं हमारे स्वास्थ्य को अच्छा रखने के उद्देश्य से बनाई गई हैं। ऐसी ही एक परंपरा है शंख बजाना। हिंदू धर्म में शंख का महत्‍वपूर्ण स्‍थान है। कहा जाता है कि घर में शंख के होने से नकारात्‍मक ऊर्जा नहीं आती और बुरी शक्तियां भी दूर रहती हैं। आयुर्वेद में शंख को काफी लाभदायक माना जाता है। शंख बजाने से मूत्राशय, पेट का निचला हिस्‍सा, डायाफ्राम, छाती और गर्दन की मांसपेशियों की स्‍वत: एक्‍सरसाइज हो जाती है। आइए जानते हैं शंख से होने वाले स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के बारे में...
फेफड़ों के लिए फायदेमंद

शंख बजाते समय हमारे फेफड़ों की बहुत अच्‍छी एक्‍सरसाइज होती है। पुराणों के जिक्र से पता चलता है कि अगर श्वास का रोगी नियमि‍त तौर पर शंख बजाए, तो वह बीमारी से मुक्त हो सकता है। प्रतिदिन शंख फूंकने वाले को गले और फेफड़ों के रोग नहीं होते। शंख से मुख के तमाम रोगों का नाश होता है। शंख बजाने से चेहरे, श्वसन तंत्र, श्रवण तंत्र तथा फेफड़ों की एक्‍सरसाइज होती है। शंख वादन से स्मरण शक्ति बढ़ती है।
त्वचा और हड्डियों की देखभाल

शंख त्‍वचा रोगों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। शायद आपको यह बात सुनकर थोड़ा अजीब लग रहा होगा। लेकिन यह बात सही है, रात में शंख में पानी भरकर रख दें और सुबह उठकर इस पानी से अपनी त्‍वचा की मसाज करें। इस पानी से मसाज करने पर कई प्रकार की त्‍वचा संबंधी बीमारियां जैसे, एलर्जी, रैशेज, सफेद दाग आदि ठीक हो जाते हैं। शंख में प्राकृतिक कैल्शियम, गंधक और फास्फोरस की भरपूर मात्रा होती है। इस कारण शंख में रखें पानी का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं। और यह दांतों के लिए भी लाभदाकारी होता है।
आंखों के लिए गुणकारी

आंखों की समस्‍याएं जैसे ड्राई आई सिंड्रोम, सूजन, आंखों में इंफेक्‍शन आदि कई प्रकार की समस्‍याएं शंक के उपचार करने से ठीक हो जाती है। समस्‍या होने पर शंक में रखे हुए पानी को अपनी हथेलियों पर लें, उसमें अपनी आंखों को डुबाएं और पुतलियों को दांए-बाएं करें। कुछ सेकंड तक इस उपाय को करें। इसके अलावा आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए रात भर शंख में रखा हुआ पानी और साधारण पानी, बराबर मात्रा में मिला लें। इसे अपनी आंखों को धोयें। आपकी आंखों की रोशनी तेज हो जाएगी। इसे भी पढ़ें: डॉक्‍टर की सलाह के बिना दवा खाने से होते हैं ये 5 नुकसान
ह्रदयघात की संभावना कम

शंख में रात को भरकर रखे जाने वाले पानी में गुलाब जल मिला लें। इससे अपने बालों को धुलें। ऐसा करने से कुछ ही दिनों में बालों का रंग प्राकृतिक हो जाएगा। इसी पानी से आईब्रो, मूंछें और दाड़ी को भी धुल सकते हैं। इससे बालों में मुलायमपन आ जाता है। शंख वादन करने से फेफड़ों की दूषित हवा बाहर निकल जाती है और शरीर को एनर्जी प्राप्त होती है। प्रतिदिन ऐसा करने पर शरीर शक्तिशाली बनता है, और आपकी कार्य करने की क्षमता में बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा शंख की ध्वनि लगातार सुनना हृदय रोगियों के लिए लाभदायक होता है। इसके प्रभाव से हृदयाघात होने की संभावनाएं काफी कम रहती हैं।
गुदा और प्रोस्टेट के लिए है फायदेमंद

जब आप शंख बजाते हैं तो इसका सीधा असर आपके गुदा और प्रोस्‍टेट पर पड़ता है। शंख बजाने से गुदा की मांसपेशियां मजबूत होती है। पाइल्‍स और अन्‍य छोटी-मोटी बीमारियां नजदीक भी नहीं आती है। इसी प्रकार इसका असर पुरुषों के प्रोस्‍टेट एरिया पर पड़ता है। नियमित शंख बजाने वालों को प्रोस्‍टेट संबंधी बीमारियां नही होती है। इसे भी पढ़ें: घर में मौजूद इन 10 चीजों के इस्तेमाल से 10 मिनट में भाग जाएंगे सारे मच्छर
हड्डियां को मजबूत बनायें

शंख में प्राकृतिक कैल्शियम, गंधक और फास्फोरस की भरपूर मात्रा होती है। इस कारण शंख में रखें पानी का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं। और यह दांतों के लिए भी लाभदाकारी होता है। Image Source : Getty
बैक्टीरिया का नाश

शंख पर हुए कई शोधों के निष्कर्ष से पता चला है कि इसकी तरंगें बैक्टीरिया नष्ट करने वाली सबसे श्रेष्ठ व सस्ती औषधि है। इससे हैजा, मलेरिया के कीटाणु भी नष्ट हो सकते हैं। शंख ध्वनि से हमारे भीतर रोगनाशक शक्ति उत्पन्न होती है। Image Source : Getty
पेट की समस्याएं दूर करें

अगर आपको अक्‍सर पेट संबंधी समस्‍या रहती है तो आपके लिए शंख बहुत फायदेमंद हो सकता है। शंख में रखे 2 चम्‍मच पानी का सेवन नियमित रूप से करने से पेट दर्द, अपच, आंतों में कोई समस्‍या आदि होने पर आराम मिलता है। Image Source : Getty
वातावरण को शुद्ध करें

शंख में प्रदूषण को दूर करने की अद्भुत क्षमता होती है। एक वैज्ञानिक खोज के अनुसार, शंख की आवाज जहां तक जाती है, वहां तक कई रोगों के कीटाणु इसकी ध्वनि स्पंदन से या तो खत्म हो जाते हैं या फिर वे निष्क्रिय हो जाते हैं। यानी रोजाना सुबह-शाम शंख बजाने से वायुमंडल कीटाणुओं से मुक्त हो जाता है। Image Source : Getty