यौन संचारित रोग: भ्रम और तथ्य

दुनिया भर में यौन संचारित रोगों को लेकर जानकारी का अभाव है, जिसके कारण इसका संक्रमण बढ़ता जा रहा है। अगर इन रोगों का पूरा इलाज और निदान न किया जाए अथवा पर्याप्त सुरक्षा न बरती जाए, तो ये रोग सरवाइकल कैंसर, नपुंसकता, फोड़े और अन्य कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं यौन संचारित रोगों से जुड़े कुछ सामान्य मिथ और उनके पीछे की सच्चाई।

बिल्कुल गलत- अक्सर महिलायें सोचती हैं कि गर्भनिरोधक गोलियां खा लेने से यौन संचारित रोगों से रक्षा हो सकती है। वास्तव में ऐसा नहीं है। ये गोलियां महिलाओं को अनचाहे गर्भ और मासिक धर्म की तकलीफों में तो राहत दिला सकती हैं, लेकिन आप अगर यह सोचती हैं कि इन गोलियों का सेवन यौन संचारित रोगों से भी आपकी रक्षा कर सकता है, तो आप मुगालते में हैं। एचआईवी अथवा अन्य यौन संचारित रोगों से बचने के लिए आपको कण्डोम का इस्तेमाल करना चाहिए।

जी नहीं- जरूरी नहीं कि सभी यौन रोगों के लक्षण साफ-साफ नजर आएं। कई बार संक्रमित व्यक्ति को अंतिम स्थिति तक संक्रमण अथवा रोग का अंदाजा नहीं लग पाता। कई बार किसी और कारण से करवाए गये रक्त नमूना जांच से संक्रमण का पता चल जाता है।

ऐसा नहीं है- सभी यौन संचारित रोगों का इलाज संभव नहीं है। सिफलिस अथवा गोनोरहा जैसे बैक्टीरिया के जरिये फैलने वाले यौन संचारित रोगों का इलाज किया जा सकता है। लेकिन, जेनिटल हरपस, हेपाटाइटिस बी और ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियंसी वायरस यानी एड्स जैसे यौन संचारित रोगों का इलाज संभव नहीं। इन बीमारियों के लिए ली जाने वाली दवायें आपके जीवन को जरूर थोड़ा आसान बना देती हैं, लेकिन रोग उत्पन्न करने वाले वायरस आपके शरीर में बने रहते हैं।

गलत- यौनिक संभोग के साथ ही, यौन संचारित रोग मुख और गुदा सेक्स से भी हो सकते हैं। वास्तविकता तो यह है कि कुछ ऐसे वायरस भी होते हैं, जो केवल त्वचा के छू लेने मात्र से ही फैल सकते हैं। ये वायरस आपके शरीर में कट अथवा घर्षण के जरिये त्वचा में प्रवेश कर सकते हैं। इसके साथ ही मुख और जनानांगों में मौजूद जख्म और सूजन भी यौन संचारित रोगों का खतरा बढ़ा देते हैं। क्लाइमिया, हरपस, हेपाटाइटिस और गोनोरेहा जैसे यौन संचारित रोग मौखिक संभोग से फैल सकते हैं।

गलत- आपका सामाजिक स्तर, जाति और पंथ कुछ भी हो, अगर आप जरूरी सावधानियां नहीं बरतेंगे, तो आपको ये रोग कभी भी हो सकते हैं। असुरक्षित यौन संबंध, फिर चाहे वो यौनिक हो, गुदा हो अथवा मौखिक, किसी व्यक्ति को यौन रोग दे सकता है। दुनिया भर में करोड़ों लोग यौन संक्रमण का इलाज करवाते हैं। तो यौन संचारित रोग सबसे वफादार साथी को भी हो सकता है।

गलत- न यह केवल एक भ्रम है। जब भी असुरक्षित यौन संबंध होंगे, उस समय यौन संक्रमण विकसित होना अथवा शुरू होने का खतरा होगा। भले ही आपको पहले यौन रोग हुआ हो अथवा नहीं। अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति से संबंध बनायेंगे, तो आपको यौन रोग होने का खतरा होगा। इसके साथ ही, आपको एक बार से अधिक बार यौन रोग हो सकता है। एचआईवी, हरपरस जैसे यौन रोग तो आजीवन बने रहते हैं।

गलत- हालांकि, ये दोनों रोग दवाओं के सेवन से ठीक हो सकते हैं, लेकिन इन्हें नजरअंदाज कभी नहीं करना चाहिए। अगर इन रोगों का इलाज न किया जाए, तो ये श्रोणिक सूजन और यहां तक कि नपुसंकता के कारण बन सकते हैं। इसके साथ ही ये स्िथतियां महिलाओं में फैलोपियन ट्यूब को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे खतरनाक मानी जाने वाली ट्यूबल प्रेग्नेंसी के हालात पैदा सकते हैं।

गलत- यह बात पूरी तरह से असत्य है। एक साथ दो कण्डोम इस्तेमाल करना आपको, यौन रोगों अथवा गर्भावस्था से दोहरी सुरक्षा मुहैया नहीं कराता। कण्डोम को इस तरह डिजाइन किया जाता है कि एक बार में केवल एक ही इस्तेमाल किया जा सकता है। एक साथ दो कण्डोम इस्तेमाल करने से उन दोनों में घर्षण हो सकता है। इससे या तो वे टूट सकते हैं अथवा स्लिप हो सकते हैं। यानी इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
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