हाई प्रोटीन डाइट के होते हैं ये 7 साइड इफेक्ट
प्रोटीन सेहत के लिए बेहद जरूरी है, ये तो हम सभी जानते हैं, लेकिन कई बार प्रोटीन की अतिरिक्त खुराक लेने की लत नुकसानदेह साबित हो सकती है, इसलिए बिना सोचे समझे अधिक प्रोटीन का सेवन करने से बचें।

शरीर में हाई प्रोटीन की मात्रा
प्रोटीन डाइट को फिटनेस के लिए हेल्दी माना जाता है, और जो लोग जिम जाते हैं या वर्कआउट करते हैं वे अधिक प्रोटीन के सेवन पर जोर देते हैं। प्रोटीन को मांसपेशियों का भोजन कहा जाता है। लेकिन जब मांसपेशियों को आवश्यकता से अधिक भोजन खिलाया जाता है, तो उसका प्रभाव बाहरी रूप से ही दिखाई नहीं देता, शरीर के आंतरिक अंगों की कार्यप्रणाली को भी प्रभावित करता है।
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क्यों हानिकारक है हाई प्रोटीन
अधिक मात्रा में प्रोटीन का सेवन (कुल कैलोरी में 30% से अधिक प्रोटीन डाइट का भाग) शरीर को नुकसान पहुंचाता है। इससे शरीर में कीटोंस की मात्रा बढ़ जाती है, जो कि विषैला पदार्थ है। कीटोंस को शरीर से बाहर निकालने के लिए शरीर को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है। इस पूरी प्रक्रिया में शरीर से ज्यादा मात्रा में पानी बाहर निकल जाता है, जिससे डीहाइड्रेशन भी हो सकता है।
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ऐसे लोग प्रोटीन से दूर रहें
किडनी की समस्या से जूझ रहे लोगों को भी उच्च प्रोटीन डाइट से परहेज रखने की सलाह दी जाती है। हमारी किडनी रक्त में प्रोटीन को भी शुद्ध करने का काम करती है। उच्च प्रोटीन डाइट लेने वालों में यूरिक एसिड बढ़ जाता है। पेशाब में कैल्शियम की मात्रा कम निकलती है। कैल्शियम की यह अतिरिक्त मात्रा किडनी में लंबे समय तक जमने से पथरी का रूप ले सकती है। हड्डियों की समस्या जैसे रूमेटाइड आर्थराइटिस की स्थिति से जूझ रहे लोगों को भी उच्च प्रोटीन डाइट से बचने की सलाह दी जाती है।
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क्या कहते हैं विशेषज्ञ
विशेषज्ञो की मानें तो कम मात्रा में प्रोटीन का सेवन शरीर में कैल्श्यिम के अवशोषण को प्रभावित होगा व हड्डियां भी कमजोर हो जाएंगी। आयु को ध्यान न रख लंबे समय तक हाई प्रोटीन डाइट लेना हड्डियों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। पेड़-पौधों से मिलने वाला प्रोटीन हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए अधिक उपयुक्त माना जाता है। इनके सेवन से पशु प्रोटीन की तुलना में कैल्शियम का अवशोषण बेहतर तरीके से होता है। हालांकि मीनोपॉज के बाद महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए प्रोटीन की उचित मात्रा के सेवन पर अवश्य ध्यान देना चाहिए।
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कितना उपयोगी है प्रोटीन हमारे लिए
प्रोटीन शरीर के लिए बेहद जरूरी है। हमारे शरीर का 18-20% भार प्रोटीन के कारण होता है। हमारे शरीर में 1000 से अधिक प्रोटीन पाए जाते हैं। शरीर की जरूरत को ध्यान न रख केवल लंबे समय तक उच्च प्रोटीन डाइट लेना ही शरीर को नुकसान पहुंचाता है। प्रोटीन शरीर के सुचारू रूप से कार्य करने के लिए जरूरी है। शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालता है। शरीर का पीएच लेवल बनाए रखता है।
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कितना प्रोटीन चाहिए आपको
आपकी कुल कैलोरी का कम से कम 10 प्रतिशत और अधिक से अधिक 35 प्रतिशत प्रोटीन से आना चाहिए। प्रोटीन की गणना के लिये अपनी सक्रियता के अनुसार 80 मिलीग्राम से 1 ग्राम प्रति किलोग्राम के हिसाब से गणना करें। अगर आप अत्यधिक शारीरिक श्रम करते हैं तो अपने भार के प्रति किलोग्राम के हिसाब से 35 कैलोरी का सेवन करना चाहिए। अगर आप शारीरिक रूप से सक्रिय हैं तो 32-33 कैलोरी प्रतिग्राम के अनुसार गणना करें। अपने भार को कैलोरी की आपकी आवश्यक मात्रा से गुना करके प्रतिदिन के लिये कैलोरी की गणना कर लें।
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अंगों को नुकसान
कई बार लोग हाई प्रोटीन के सेवन की मात्रा बढ़ा देते हैं और शरीर में प्रोटीन की ज्यादा मात्रा किडनी व लीवर को नुकसान पहुंचा सकती है। किडनी व लीवर के रोगियों में तो इसकी संभावना बहुत होती है। यह भी हाई प्रोटीन का एक नकारात्मक गुण होता है।मारे शरीर को प्रोटीन के साथ-साथ अन्य पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, आयरन, विटामिन व खनिज आदि की भी उतनी ही जरूरत होती है। केवल हाई प्रोटीन पर निर्भर हो जाने की वजह से कुपोषण की समस्या भी हो सकती है।
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प्रोटीन के अच्छे स्त्रोत
प्रोटीन शरीर के लिए बहुत उपयोगी है। लेकिन यह जरूरी है कि उचित मात्रा में अच्छे प्रकार का प्रोटीन खाएं।वसायुक्त प्रोटीन के स्त्रोत के मुकाबले सोयाबीन प्रोटीन का ज्यादा बेहतर स्त्रोत है। प्रतिदिन पचास ग्राम सोयाबीन के सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर 3 प्रतिशत तक कम हो जाता है।अखरोट प्रोटीन का एक अच्छा स्त्रोत है। दूध, पनीर और दही सिर्फ प्रोटीन के अच्छे स्त्रोत ही नहीं हैं, बल्कि कैल्शियम और विटामिन डी के भी अच्छे स्त्रोत हैं।
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