पुरुषों में बढ़ रहा है ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा, जानें क्या हैं कारण

हड्डियों की बीमारी आस्टियोपोरोसिस को महिलाओं की बीमारी माना जाता है, लेकिन वर्तमान में पुरुषों में यह बीमारी अधिक फैल रही है, इसके लिए सबसे अधिक जिम्‍मेदार कारक बढ़ती उम्र और टेस्‍टोस्‍टेरॉन की कमी है।

Rashmi Upadhyay
Written by:Rashmi UpadhyayPublished at: Dec 28, 2017

ऑस्टियोपोरोसिस क्‍या है

ऑस्टियोपोरोसिस क्‍या है
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चुपके से होने वाली बीमारी हड्डियों की बीमारी आस्टियोपोरोसिस को महिलाओं की बीमारी माना जाता है, लेकिन वर्तमान में पुरुषों में यह बीमारी अधिक फैल रही है इसका प्रमुख कारण है अनियमित लाइफस्‍टाइल। इंटरनेशनल आस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन के अनुसार भारत में हर तीन में से एक पुरुष इस बीमारी से ग्रसित होता है। टेस्टास्टेरॉन हार्मोन की कमी के चलते हड्डियों में खनिजों का घनत्व यानी बीएमडी कम हो जाता है, इसके कारण ही अधिक उम्र के पुरुषों की हडिृडयों के टूटने की संभावना बढ़ जाती है। इसके लिए जिम्‍मेदार प्रमुख कारकों के बारे में जानें।

टेस्‍टोस्‍टेरॉन की कमी

टेस्‍टोस्‍टेरॉन की कमी
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टेस्टास्टेरॉन हार्मोन पुरुषों में ही पाया जाता है, अनियमित दिनचर्या और खतरनाक बीमारियों के चलते पुरुषों में इसकी कमी हो जाती है। टेस्‍टोस्‍टेरॉन की कमी के चलते हड्डियों में खनिजों का घनत्व यानी बीएमडी कम हो जाता है, इसके कारण ही अधिक उम्र के पुरुषों की हडिृडयों के टूटने की संभावना बढ़ जाती है।

उम्र के कारण

उम्र के कारण
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ऑस्टियोपोरोसिस की समस्‍या उम्रदराज पुरुषों को अधिक होती है। 50 की उम्र के बाद पुरुषों में इस बीमारी के होने की संभावना बढ़ जाती है। दरअसल 50 की उम्र के बाद पुरुषों की हड्डी का घनत्‍व कम होने लगता है जिसके कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और पुरुष इसकी चपेट में आ जाते हैं।

विटामिन और कैल्सियम की कमी

विटामिन और कैल्सियम की कमी
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कैल्सियम और विटामिन डी की कमी से भी ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना बढ़ जाती है। हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्सियम और विटामिन डी की आवश्‍यकता होती है। अगर शरीर में इनकी कमी हुई तो पुरुष आसानी से ऑस्टियोपोरोसिस की चपेट में आ सकते हैं। 50 की उम्र के बाद पुरुषों को नियमित रूप से मिग्रा कैल्सियम का सेवन करना चाहिए।

व्‍यायाम न करना

व्‍यायाम न करना
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व्‍यायाम स्‍वस्‍थ शरीर के लिए जरूरी तो है ही यह बीमारियों से भी बचाता है। नियमित व्‍यायाम करने से हड्डियां मजबूत होती हैं। इसलिए रोज 30-40 मिनट तक व्‍यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल कीजिए।

धूम्रपान

धूम्रपान
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धूम्रपान का सेवन फेफड़ों के साथ-साथ हड्डियों के लिए भी हानिकारक है। तंबाकू के सेवन से हड्डियों का घनत्‍व कम होता है। इसलिए किसी भी प्रकार के धूम्रपान से बचें।

शराब का अधिक सेवन

शराब का अधिक सेवन
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जो पुरुष सामान्‍य से अधिक मात्रा में शराब का सेवन करते हैं उनको ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा अधिक होता है। शराब के सेवन से बोन डेंसिटी कम होती है। इसलिए शराब के अधिक सेवन से बचें।

दवाओं के सेवन से

दवाओं के सेवन से
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बिना चिकित्‍सक की सलाह के दवाओं का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। कुछ सामान्‍य दवाओं के सेवन से बोन डेंसिटी घटती है। इसके अलावा सिरदर्द, अर्थराइटिस, डायबिटीज की दवाओं का असर भी हड्डियों पर पड़ता है।

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