फैट से जुड़े 7 मिथ जिन पर हम बचपन से करते आए हैं यकीन
वजन को लेकर अभी भी हमारे अंदर कई ऐसी गलतफहमियां हैं जिनको लेकर हम बचपन से ही आशंकित रहते हैं, वे वजन घटाने के लक्ष्य को भी प्रभावित करी हैं, इसलिए इन मिथ को पहचान कर दूर करना ही बेहतर है।

मोटापे को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां प्रचलित हैं जिसके कारण वे अनजाने ही अधिक वजन बढ़ा लेते हैं। और इन मिथकों के चलते ही लोग कई बार पौष्टिक चीजों से सालों के लिए वंचित रहते हैं क्योंकि उन्हें वजन बढ़ जाने का डर रहता है। यह मिथ बचपन से ही उनके दिमाग में रहते हैं और इसकी सच्चाई के बारे में अनजान ही रहते हैं। तो चलिये फैट से जुड़े ऐसे ही सात मिथकों की हकीकत जानते हैं।
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एक मिथ यह भी है कि फैट कैलोरी मोटापा बढ़ाती है और प्रोटीन कैलोरी पतला करती है। लेकिन वास्तव में कैलोरी तो कैलोरी ही होती है। लेकिन कैलोरी में प्रोटीन की तुलना में फैट अधिक होता है। मसलन एक ग्राम प्रोटीन चार कैलोरी जितना होता है। लेकिन एक ग्राम फैट नौ कैलोरियों के बराबर होता है। इसलिए प्रोटीन खाने के बनिस्पद कोई व्यक्ति फैटी फूड्स खाकर अधिक मोटा हो जाता है।
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कुछ लोग मानते हैं कि अगर वजन कम करना चाहते हैं तो डेयरी प्रोडक्ट्स नहीं खाने चाहिये। जबकि तथ्य तो यह है कि लो-फैट डेयरी प्रोडक्ट आपको पौष्टिकता प्रदान करते हैं। यदि आप लैक्टोज को बर्दाश्त कर लेते हैं तो लो-फैट डेयरी आपके लिये अच्छे हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि वे महिलाएं जो रोजमर्रा का आवश्यक कैल्शियम डेयरी फूड्स से हासिल करती हैं, वे दो साल में वजन और बॉडी फैट कम कर लेती हैं, चाहे फिर वे एक्सरसाइज करें या न करें।
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अकसर हम मानते हैं कि यदि हम सलाद खा रहे हैं तो मोटापे से सुरक्षित हैं। हां, सलाद हमारा बहुत अच्छा दोस्त है। लेकिन अगर हम ग्रेप फ्रूट, सेलेरी और लैटूसी के अलावा कुछ न खाएं तो वजन तो कम हो जाएगा, मगर हम बहुत बीमार भी हो जाएंगे, क्योंकि हमारे आहार में प्रोटीन या फैट शामिल नहीं होगा।
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कहा जाता है कि मोटापा बहुत अधिक शुगर खाने से होता है, जबकि सच तो यह है कि इसके लिये शुगर और फैट दोनों जिम्मेदार हैं। वैसे मोटापे की असली वजह ज्यादा खाना और पर्याप्त एक्सरसाइज न करना ही होती है। इस मिथ के चलते कुछ लोग सुझाव देते हैं कि केला, अंगूर, चीकू, आम न खाया जाए, क्योंकि इनमें शुगर की मात्रा ज्यादा होती है। जबकि ये बेकार की बात है।
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जी हां अंडे का पीला भाग खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, लेकिन शोध के मुताबिक, हाई कोलेस्ट्रॉल फूड खाने से ब्लड में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नहीं बढ़ती। जबकि सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट खाने से ब्लड कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। अंडा प्रोटीन और पोषक तत्वों से भरपूर होता है, इसलिए हफ्ते में दस से बारह अंडे खाये जा सकते हैं।
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यह भी एक मिथ ही है। वज़न कम करने के लिए एक वक्त का खाना छोड़ने या ब्रेकफास्ट न करना कोई अक्लमंदी नहीं है। बल्कि इससे अच्छा है कि आप एक साथ न खा कर खाना थोड़े-थोड़े अंतराल में खाएं। खाना छोड़ने या ब्रेकफास्ट न करने से तो उल्टा मेटाबॉलिज्म दर कम हो जाती है।
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आजकल बाजार में लोगों की सेहत और पसंद को ध्यान में रखते हुए ढ़ेर सारी चीज़ें उपलब्ध हैं। इनमें से एक फाइबर और प्रोटीन के लिए ब्राउन ब्रेड खाना भी सही है। लेकिन कई बार ब्राउन कलर का भी इस्तेमाल होता है, जो सेहत के लिये अच्छा नहीं होता है। इसलिए ब्रेड लेने से पहले पैकेट पर ज़रूर देखें कि ब्रेड मल्टीग्रेन या गेहूं से बनी हो। साथ ही इसमें 3 से 4 ग्राम का डाइट्री फाइबर भी होना चाहिए।
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