इन 7 आयुर्वेदिक तरीकों से करें दिन की शुरूआत
आयुर्वेदिक तरीकों से दिन की शुरूआत करने से आपकी सुबह ताजी और ऊर्जा से भरी रहेगी। इससे आपकी व्यक्तिगत जिंदगी में भी शांति रहेगी।

दिन की शुरूआत अगर अच्छी हो तो पूरा दिन सुकून से बीतता है। आयुर्वेद विज्ञान के पारंपरिक तरीकों से अगर आप दिन की शुरूआत करते हैं तो आपका दिन भी खुशगवांर होगा। आयुर्वेदिक तरीके से स्वास्थ्य को बीमारियों से बचाया जा सकता है। हालांकि नए तरीकों को अपनाना आसान नहीं होता है फिर भी अगर आप आयुर्वेद की दिनचार्या पद्धति अपनाने की कोशिश करें तो आपको स्वास्थ्य में कई तरह के परिवर्ततन दिखेंगे। आगे की स्लाइड में जानिये आयुर्वेदिक दिनचर्या के बारे में।
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आयुर्वेद कहता है कि अपने दिन को शुरूआत सूरज के उगने से पहले ही करने की कोशिश करेँ। नहीं तो सूरज के साथ ही करें। इस तरीके से आप पूरे दिन को सही तरीके से मैनेज कर पायेंगे। सुबह की ताजी हवा आपके शरीर को भी स्फूर्ति देती है। आयुर्वेद में खुद जल्दी उठने वालों को वात कहा जाता है वहीं उठने के लिए अलार्म की जरूरत जिन्हें पड़ती है वो काप होते हैं।
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सुबह उठते ही आप सबसे पहले नित्यकर्मों से निपटें। इससे आपके पाचन प्रणाली की शुरूआत होती है और रातभर में जमा हुए विषैले तत्व शरीर से बाहर निकल जाते हैं। पेट साफ करने के बाद आप अपनी नाक को ठीक से साफ करें ताकि आप आक्सीजन सहीं ढ़ग से ले सके और नाड़ी भी साफ हो सकें। नाक नाड़ियों का रास्ता होता है। साथ ही आप अपनी जीभ को भी ठीक से साफ करें। इसपर भी ढ़ेर सारे बैक्टीरिया होते है।
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ब्रेकफास्ट करने से पहले आप खाली पेट व्यायाम या योगा करें। ये आपके शरीर को नई ऊर्जा देने के साथ आपके रक्त संचरण को भी बढ़ाता है। यदि आप खुली हवा में खड़े होकर 5 से 10 मिनट तक लंबी-लंबी सांसे लेंगे तो यह आपकी श्वांस संबंधी शिकायतों को दूर भगाने में मदद करेगा। फेफड़ों को पूरी तरह खोलने और शुद्ध वायु लेने और भरपूर ऑक्सीजन ग्रहण करने के लिए कुछ देर गहरी सांसें लेनी चाहिए, ध्यान लगाएं।
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व्यायाम के बाद दिन की शुरूआत नींबू पानी- हद या अदरक वाली चाय से करें। यह आपके शरीर की अंदरुनी सफाई करने में भी मदद करेगा और विटामिन सी भी मिलेगा। शहद नींबू पानी दिन भर ताजगी देता है और सेहत को ठीक भी रखता है। ध्यान रहें पानी गर्म हो ताकि ये आपके पाचन प्रणाली को सही ढ़ंग से चलनें मदद कर सकें। नींबू में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा की कोशिकाओं को सुरक्षित रखते हैं, दाग हल्के करते हैं और त्वचा को अल्ट्रावॉयलेट किरणों से दूर रखते हैं।
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आयुर्वेद के अनुसार सुबह का नाश्ता अच्छी तरह से करना चाहिए। सुबह शरीर के मेटाबॉलिज़्म का स्तर उच्च होता है इसलिए आप जब स्वास्थ्यवर्द्धक खाद्य खाते हैं तब वह पूरी तरह से ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है जिसके कारण आप सारा दिन ऊर्जायुक्त रहकर काम कर पाते हैं। शरीर को चलाने के लिए उसकी सही तरह से देखभाल करने की ज़रूरत होती है। अगर सुबह नाश्ता न किया जाए तो एकाग्रता में कमी आने लगती है।
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अभयंग मसाज एक प्रकार का आयुर्वेदिक मसाज है। अभयंग मसाज से शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य में लाभ होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। रक्त संचार ठीक होता है। जोड़ों में नमी पहुंचती है, टॉक्सिक पदार्थ शरीर से बाहर जाते हैं, अनिद्रा की समस्या नहीं होती है और स्वाभाविक नींद आती है। पूरे दिन शरीर ऊर्जावान रहता है।
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सुबह के समय थोड़ा वक्त अपने लिए जरूर निकालें। ताकि आपके मस्तिष्क में अच्छे विचारों का आगमन हो सके। इसके लिए अपनी आंखें बंद करके सकारात्मक भावों को गहराई से समझने का प्रयास करें। मन ही मन तो आप अपनी खूबियों की सराहना कर सकती हैं। जीवन में छोटी या बड़ी कैसी भी उपलब्धि हासिल हो, उस पर गर्व करें। अगर हो सके तो घरवालों के साथ थोड़ा बातें करें।
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