मानसून में होने वाली बीमारियां और रोकथाम

गर्मी से राहत पाने के लिए मानसून में भला कौन आनन्दित नहीं होना चाहेगा। हममें से ज्‍यादातर लोग चिलचिलाती गर्मी की मार के बाद स्फूर्तिदायक महसूस करना चाहते हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि मानसून की बारिश हमारे जीवन पर कहर बरसाने के लिए अपने साथ अनेक प्रकार के रोग लेकर आती है। इसलिए इस मौसम में सुरक्षित रहकर इसका आनंद लेने क लिए आपको इन बीमारियों और उन्‍हें रोकने के उपायों के बारे पूरी तरह से अवगत होना चाहिए। यहां पर बीमारियों और उनके रोकथाम के कुछ उपाय दिये गये है। image courtesy : getty images
मलेरिया

बरसात के मौसम में आप पर हमला करने वाले सभी रोगों में सबसे आम मलेरिया है। मलेरिया दुनिया की सबसे जानलेवा बीमारियों में से एक है। म‍लेरिया एक वाहक जनित संक्रामक रोग है जो मादा एनाफलीज मच्छर के काटने से लाल रक्त कोशिकाओं में प्रोटोजोवा नाम का परजीवी पैदा हो जाने के माध्‍यम से यह फैलता है। image courtesy : getty images
रोकथाम

मच्‍छर के काटने से खुद को बचाना, बरसात के मौसम में इस बीमारी को रोकने का सबसे अच्‍छा उपाय है। साथ ही रात को सोते समय मच्छरदानियां का प्रयोग मच्छरों को दूर रखने मे सफल रहती हैं। इसके अलावा घर के आसपास पानी को रूकने से बचाएं और नालियों में डीडीटी का उपयोग करें। मलेरिया के लक्षण की उपेक्षा न करें और जैसे ही आपको लक्षण दिखाएं दें तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें। image courtesy : getty images
हैजा

हैजा एक और बीमारी है जो आपके जीवन के लिए खतरनाक हो सकती है। आमतौर पर यह बीमारी दूषित पानी और भोजन के माध्‍यम से बरसात के मौसम में फैलती है। घर के अंदर और बाहर स्‍वच्‍छता की कमी रोग को फैलने में मदद करती है। इस रोग के होने पर रोगी को दस्त और उल्टियां अधिक आने लगते हैं। पेट में दर्द बढ़ने लगता है। रोगी को बैचैनी तथा प्यास की अधिकता हो जाती है। image courtesy : getty images
रोकथाम

टीकाकरण इस रोग का सबसे अच्‍छा उपाय है, इसका असर लगभग 6 महीने तक रहता है। इसके अलावा पीने से पहले पानी को उबालना और घर और आस-पास साफ-सफाई का ध्‍यान रखना चाहिए। अगर किसी व्‍यक्ति को हैजा हो जाता है तो उसे ओरल रिहाइड्रेशन तुरंत दिया जाना चाहिए। समय पर उपचार रोगी के लिए बहुत जरूरी है क्‍योंकि चिकित्सा में देरी जीवन को खतरे में डाल सकती है। image courtesy : getty images
टाइफाइड

यह एक और बीमारी है,जो मानसून के दौरान जंगल में आग की तरह फैलती है। संक्रमित पानी या आहार से इस रोग के होने की संभावना अधिक होती है। इस बीमारी में तेज बुखार आता है, जो कई दिनों तक बना रहता है। यह बुखार कम-ज्यादा होता रहता है, लेकिन कभी सामान्य नहीं होता। इस बीमारी की सबसे खतरनाक बात यह है कि व्‍यक्ति के ठीक होने के बाद भी संक्रमण रोगी के पित्ताशय में जारी रहता है, जो उसके जीवन को नुकसान पहुंचा सकता है। image courtesy : getty images
रोकथाम

इस रोग से पी‍ड़‍ित व्‍यक्ति को परिवार के अन्‍य सदस्‍यों से दूर रहना चाहिए क्‍योंकि यह संक्रमण संक्रामक होता है। मानसून के दौरान बीमारी को रोकने के लिए टीकाकरण लेना बहुत जरूरी होता है। इसके अलावा, रोग को रोकने के लिए तरल पदार्थों का सेवन करना भी बहुत जरूरी होता है। image courtesy : getty images
हेपेटाइटिस ए

हेपेटाइटिस ए एक विषाणु जनित रोग है। यह बीमारी दूषित भोजन ग्रहण करने, दूषित जल और इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलती है। पीलिया, थकावट, भूख न लगना, मिचली, हल्का बुखार, पीले रंग का यूरीन और सारे शरीर में खुजली इसके आम लक्षण है। image courtesy : getty images
रोकथाम

इस घातक बीमारी को रोकने के लिए टीकाकरण करवाना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही अशुद्ध भोजन व पानी से दूर रहें। हेपेटाइटिस के मरीज को पूरा आराम दिया जाना चाहिए और उसे अपने आहार में उच्च कैलोरी लेनी चाहिए। image courtesy : getty images
कोल्ड

मानसून के दौरान कोल्‍ड सबसे आम बीमारी है। किसी भी आयु वर्ग के व्‍यक्ति को इस मौसम में कोल्‍ड की समस्‍या का सामना करना पड़ सकता है। बुखार, गले में खराश और लगातार छींकना इस बीमारी के कुछ लक्षणों में से हैं। image courtesy : getty images