संस्कृत श्लोक और जीवन का रहस्य

पुराने जमाने में संस्कृत के श्लोकों और मंत्रों का प्रयोग गुरु, शिष्यों को जीवन का अर्थ समझाने और हिंदू संस्कृति का ज्ञान देने के लिए करते थे। फिर धीरे-धीरे समय बदला, पढ़ने-पढ़ाने का तरीका बदला और शिष्यों के लिए संस्कृत के श्लोक और उनको याद करना स्कूल के समय में गणित से भी बड़ी समस्या बन गई। लेकिन अब जब जिंदगी सबसे बड़ी समस्या बन गई है तो लोग फिर से इन श्लोकों के अर्थ में जिंदगी का समाधान खोज रहे हैं। Image source @ wordpress
आलसी ना होने की सीख

आलसी को विद्या नहीं मिलती। अनपढ़ या मूर्ख को धन मिल जाने से कुछ नहीं होता। निर्धन को मित्र नहीं मिलते और मित्र बिना खुशी नहीं मिलती। Image source @ scoopwhoop
मेहनत बिना कुछ नहीं

बिना मेहनत के कोई कार्य सिद्ध नहीं होता। जैसे कि सोए हुए शेर के मुंह में खुद कोई हिरन नहीं आता, जब तक कि वो शिकार करने ना जाए। Image source @ scoopwhoop
सत्य ही बलवान है

सत्य ही ईश्वर है औऱ सारी सृष्ट सत्य के पीछे चलती है। सभी चीजों का जड़ सत्य है और इस लोक में सत्य से बड़ा कुछ भी नहीं। Image source @ scoopwhoop
विद्या सबसे बड़ा हथियार

विद्या सबसे बड़ा धन है। इसे कोई चुरा नहीं सकता। छीन नहीं सकता। सगे-संबंधियों में बांट नहीं सकता। ना ही यह भारी है कि इसका कोई बोझ नहीं उठा सकता। इसे जितना बांटोगे ये उतना फलेगा-फुलेगा। Image source @ scoopwhoop
जो करें, आज करें

किसी को नहीं मालुम की कल क्या होगा। सो बुद्धिमान लोगों को कल का कार्य आज करना चाहिए। Image source @ scoopwhoop
शिष्टाचार है जरूरी

फलों से लदा वृक्ष जैसे झुके रहता है उसी तरह सज्जन पुरुष हमेशा आचरण में रहकर बात करते हैं। वहीं दूसरी ओर फलरहित पेड़ और दुर्जन लोग हमेशा बर्बाद हो जाते हैं। Image source @ scoopwhoop