पर्सनल ट्रेनर की जरूरत

पतला होना और फिट होने में अंतर है। आप पतले हैं इसका मतलब ये नहीं कि आप फिट हैं। फिट होने का मतलब है आपकी बॉडी टोन हो, मशल्स और एब्स बने हुए हों और शरीर में फुर्ती नजर आए। ऐसा दिखने के लिए लोग जिम में कई गुना पसीना बहाते हैं फिर भी मुश्किल से ही किसी की बॉडी टोन हो पाती है। सही तरीके से बॉडी टोन करने के लिए जरूरी है कि एक ट्रेनर हो, जो बताए कि आपके शरीर के किस भाग के लिए कैसी एक्सरसाइज करनी है। ऐसे में आप पर्सनल ट्रेनर हायर कर सकते हैं। लेकिन पर्सनल ट्रेनर हायर करने से पहले नीचे लिखी बातों पर जरूर ध्यान दें।
धैर्य जरूरी है

किसी भी चीज को सफल होने के लिए धैर्य काफी जरूरी है। एक अच्छा ट्रेनर ये जानता है कि जो एक्सरसाइज एक क्लाइंट को सूट करेगी वो दूसरे क्लाइंट पर काम नहीं करेगी। अच्छा और धैर्यपूर्ण ट्रेनर आपको पहले ही मीटिंग में ये बता देगा कि आपको को कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए।
कम्यूनिकेशन

जरूरी नहीं कि आपका ट्रेनर आपसे हमेशा काम के समय ही मिले और उसी समय बात करे। वह आपसे वर्कआउट से बाद के समय में भी ये बताते रहे कि आपके लिए कैसी डाइट किस रुटीन से सही रहेगी। साथ ही फोन कर हमेशा निर्देश भी देते रहे और जानकारी लेते रहे कि आपको वर्कआउट से फायदे हो रहे हैं की नहीं। अगर वर्कआउट के अलावा भी आपके ट्रेनर के पास समय है तो उसे चुन लें। ज्यादा व्यस्त ट्रेनर को ना चुनना ही सही रहेगा।
प्रोफेशनलिज्म

क्लोज़ रिलेशनशिप के साथ प्रोफेशनलिज्म मेंटेंन करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। लेकिन प्रोफेशनलिज्म जरूरी है। अब प्रोफेशनलिज्म में ये मत शामिल करिए कि वो क्या पहनता या पहनती है, बल्कि ये देखें की वो अपने काम को कितने बेहतर ढंग से करता है। ऐसा तो नहीं की जिससे क्लोज़ रिलेशन है उन्हीं पर ज्यादा ध्यान देता है और दूसरों पर नहीं। अगर ऐसा है तो ऐसे ट्रेनर को ना चुने।
एजुकेशन

एजुकेटेड होना हर फिल्ड के लिए जरूरी होता है। ऐसे में ये फिल्ड तो सीधे आपके शरीर और हेल्थ से जुड़ा है। इसलिए ट्रेनर चुनने से पहले उसकी एजुकेशन डिग्री और स्पेशलाइजेशन जरूर देखें। साथ ही उसके पुराने रहे क्लाइंट की भी पूरी जानकारी लें।