आपके मोटापे का कारण है लेप्टिन प्रोटीन, ओवरईटिंग का बनता है कारण
मोटापा एक ऐसी समस्या है, जिससे विश्वभर में करोड़ों लोग परेशान हैं। मोटापा कई तरह की बीमारियों का कारण बनता है इसलिए ये खतरनाक है। क्या आप जानते हैं कि आपके मोटापे का कारण क्या है? जी हां! खाने पीने की आदतें और जीवनशैली तो मोटापे का कारण हैं ही मगर शर

आपको पता है हमारे दिमाग को कैसे पता चल जाता है कि पेट भर गया है? क्यों एक हद के बाद हम और नहीं खा पाते? ऐसा इसलिए होता है कि लेप्टिन नाम का हार्मोन हमारे दिमाग को संदेश भेज देता है। जैसे जैसे हम खाना खाते हैं, शरीर में लेप्टिन की मात्रा बढ़ती रहती है। दिमाग के रिसेप्टर से जुड़कर यह हार्मोन संदेश देता है कि अब पेट भर गया। इस तरह से यह हमारे वजन को भी काबू में रख पाता है।

दिमाग को संदेश भेजने वाला लेप्टिन प्रोटीन अगर पर्याप्त मात्रा में बनता है, तब तो दिमाग को सही समय पर पता चल जाता है कि अब और भोजन नहीं खाना है। मगर अगर आपके शरीर में लेप्टिन हार्मोन ठीक से नहीं बन रहा है या कम बन रहा है, तो दिमाग को सीधे तौर पर पेट भरा होने का संदेश नहीं मिलता है। ऐसे में आप खाते चले जाते हैं मगर आपका पेट नहीं भरता है। यानि लेप्टिन प्रोटीन की कमी ही ओवरईटिंग का कारण बनती है।

शरीर में लेप्टिन हार्मोन तो है लेकिन वह सक्रिय नहीं हो पा रहा और इसीलिए लगातार भूख का अहसास होता रहता है। ब्लड टेस्ट से इस बारे में पता लगाया जा सकता है। लेकिन अगर ब्लड टेस्ट से सही जानकारी ना मिले तो लेप्टिन जीन का टेस्ट किया जाता है।

जिस तरह से डायबिटीज के मरीजों को इंसुलिन के इंजेक्शन दिए जाते हैं, उसी तरह लेप्टिन की कमी होने पर हार्मोन के इंजेक्शन दिए जाते है। कृत्रिम रूप से बनाए जाने वाले हार्मोन लेप्टिन के कार्य को संभालता है। लेप्टिन नामक हारमोन का सीधा संबंध तृप्ति अथवा संतुष्टि से होता है जो वजन कम करने में अहम भूमिका निभाती है और कम सोने से लेप्टिन का स्तर भी कम हो जाता है। यही नहीं, पर्याप्त नींद न लेने से भूख से संबंध रखने वाले हारमोन घरेलिन के स्तर में वृद्धि हो जाती है।

लेप्टिन संवेदनशीलता को बढ़ाने के लिए भरपूर नींद लें और एंटीऑक्सीडेंट युक्त जामुन और हरी तथा पत्तेदार सब्जियों और फलों का सेवन करें। बींस को वेट लॉस के लिहाज से सबसे अच्छा माना जाता है। बींस में ऐसे तत्व होते हैं जो कॉलेसिस्टॉकिनिन नाम के डाइजेस्टिव हार्मोन को लगभग दो गुना बढ़ाने में मदद करते हैं।एक नाशपाती आपकी भूख को संतुष्ट करने के लिए पर्याप्त होती है। भूख मिटाने के लिए सेब नाशपाती के बाद सबसे अच्छा स्रोत है। दोनों ही फलों में पेक्टिन फाइबर होता है जो ब्लड शुगर के स्तर को कम करता है। थोड़ी-सी दालचीनी खाकर भोजन के बाद मीठे की क्रेविंग से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। दालचीनी सेहत के लिहाज से भी बहुत अच्छी है। एक-चौथाई छोटा चम्मच दालचीनी का पाउडर का रोजाना सेवन टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर और कॉलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होता है।
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