आपके लिए अलग हो सकते हैं स्तन कैंसर के जोखिम कारक
आपने ब्रैस्ट कैंसर के बारे में काफी पढ़ा सुना होगा लेकिन क्या आपको मालूम है कि सबके ब्रैस्ट कैंसर के जोखिम अलग अलग होते हैं। आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ कारणों के बारे में जिनसे आपका ब्रैस्ट कैंसर होने का जोखिम कम या ज्यादा होता है।

ब्रैस्ट कैंसर होने के सबके अलग कारण
स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाले कैंसर का सबसे सामान्य प्रकार है। आठ में से एक महिला को ज़िंदगी में एक बार ब्रैस्ट कैंसर होता है। लेकिन आपको इस बात की जानकारी नहीं होगी कि आपको ब्रैस्ट कैंसर होने के जोखिम आपकी दोस्त, सहकर्मी या आपकी अपनी बहन से अलग हो सकते हैं। क्या आपको अपने जोखिमों के बारे में जानकारी है? हम आपको बताते हैं ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े ऐसे सात जोखिम कारक
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आपका वजन
अगर आपका वजन ज्यादा है या आप मोटापे से जूझ रही हैं तो ब्रेस्ट कैंसर होने की आपकी आशंका 30 से 60 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। मोटापे के दौरान कोशिकाओं में एस्ट्रोजेन फैट का निर्माण होता है। आपके शरीर में जितनी अधिक वसा कोशिकायें होंगी एस्ट्रोजन का स्तर भी उतना अधिक होगा। अधिक ऐस्ट्रोजन से ट्यूमर बढ़ने का खतरा होता है। वर्कआउट करके सक्रिय रहने वाली महिलाओं को ब्रैस्ट कैंसर का कम जोखिम होता है। यह एक प्राकृतिक उत्तेजक-विरोधी है और रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है।
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देर से गर्भधारण
जो महिलाएं देर से शादी करती हैं और फिर गर्भधारण में भी देरी करती हैं उनको ब्रैस्ट कैंसर होने की अधिक आशंका होती है। इसके लिए आधुनिक जीवनशैली ही ज़िम्मेदार मानी जाती है। महिलाएं करियर की वजह से देर से माँ बनना चाहती है।
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शराब का सेवन
कई शोध इस बात की पुष्टि करती हैं किे अल्कोहल का सेवन स्तन कैंसर के लिए उत्तरदायी हो सकता है। एक शोध में पाया गया कि आपकी पहली माहवारी से लेकर पहली गर्भावस्था के बीच किया गया शराब का सेवन अधिक खतरनाक होता है।
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आपका खानपान
रेड मीट का अधिक सेवन भी स्तन कैंसर के लिए जिम्मेदार माना जाता है। शाकाहार को अपनाकर इस खतरे को कम किया जा सकता है। इसके साथ ही अधिक शर्करा और उच्च वसायुक्त आहार का सेवन भी स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है।
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आपके जीन
जिन महिलाओं में जेनेटिक रूप से बीआरसीए1 या बीआरसीए2 जेनेटिक रूप से होता है उन्हें ज़िंदगीभर ब्रैस्ट कैंसर के खतरे का सामना करना पड़ता है। लेकिन हाल ही में एक और जीन की पहचान हुई है जिसके बारे में आपको जान लेना चाहिए। खासतौर पर कम उम्र की महिलाओं को। जिन महिलाओं में पीएएलबी2 जीन पाया जाता है उनको सामान्य महिलाओं से आठ से नौ गुना अधिक ब्रैस्ट कैंसर का खतरा होता है। इसलिए अगर आपके परिवार में किसी को ब्रैस्ट कैंसर हुआ हो तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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आपकी जाति और नस्ल
हालांकि ब्रैस्ट कैंसर सभी जाति और नस्ल की महिलाओं को हो सकता है लेकिन एक हालिया स्टडी के मुताबिक "ब्लैक विमेन" की ब्रैस्ट कैंसर से मरने की आशंका "वाइट विमेन" से 40 प्रतिशत अधिक होती है। हालांकि ऐक्सपर्ट इस बात को लेकर एकमत नहीं है कि ऐसा क्यों होता है, लेकिन इससे जुड़े कुछ सिद्धांत होते हैं। कुछ स्टडी दर्शाती हैं कि "ब्लैक विमेन" को ब्रैस्ट कैंसर के अधिक आक्रामक रूपों से जूझना पड़ता है, जबकि कुछ अन्य स्टडी का मानना है कि मेडिकल सुविधाओं की कमी के कारण ऐसा होता है।
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ज़हरीले तत्व
ऐसे साक्ष्य मिलना जारी हैं जिनके अनुसार अंत:स्रावी अस्त-व्यस्तता कहलाने वाले कुछ निश्चित ज़हरीले तत्व, आपका ब्रैस्ट कैंसर का जोखिम बढ़ा सकते हैं। ये सिंथेटिक केमिकल्स फैट सेल्स में जमा हो जाते हैं जहां जाकर ये आपके प्राकृतिक ऐस्ट्रोजन जैसा कार्य करने लगते हैं। जिससे ट्यूमर बढ़ने का खतरा होता है।
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