आशा और आत्मविश्वास

सभी लोग अलग-अलग शख़्सियत रखते हैं और उनका सोचने का तरीका और उनके विचार व विश्वास भी भिन्न होते हैं। जहां कुछ लोग मानते हैं कि सफल जीवन के लिये आशावादी होना बेहद जरूरी है और केवल आशावादी लोग ही सफलता का स्वाद चखते हैं, कुछ का मानना है कि आत्मविश्वास सफलता की कुंजी है। सफलता के लिये आत्मविश्वास आवश्यक है, और आत्मविश्वास के लिये सही तैयारी और स्पष्ठता। आशावादी होना अच्‍छी बात है, लेकिन केवल आशावादी होना काफी नहीं होता है। लेकिन आप इस बारे में क्या सोचते हैं? मैं तो दूसरी बात पर ज्यादा यकीन करता हूं और इसके पक्ष में निम्न बातों को रखना चाहता हूं। Images source : © Getty Images
क्या आप चानते हैं कि आप क्या चाहते हैं

आशा क्या है? एक आशावादी व्यक्ति वह होता है जो कि बेहतर समय में विश्वास रखता है, और भविश्य के बारे में सकारात्मक नज़रिया रखता है। लेकिन केवल इतने मात्र से ही आप सफल नहीं हो सकते हैं। आपको सफलता के लिये अपने लक्ष्य का सही निर्धारण परू आत्मविशवास के साथ करना होता है। लेकिन इससे भी ज़रूरी होती है स्पष्टता। Images source : © Getty Images
आशावादी व आत्मविश्वासी के बीच की कड़ियां

जब बात स्पष्टता की हो तो सबसे पहले तो आत्मबोध (स्पष्टता) के बारे में खुद या किसी और के विचारों को स्पष्ट कर लें। उदाहरण के लिये - अगर आपके पास टेलीविजन है या आप कैमरे का इस्तेमाल करते हैं या फिर इसके अवाला भी आपके पास जो भी उपकरण हैं, उनके बारे में आप जितना जानते हैं, आपको उनका उपयोग करने में उतनी ही आसानी होती है। यदि आप एक ऐसे इंसान को कैमरा दे देंगे, जो इसके उपयोग के बारे में कुछ जानता ही ना हो, तो वह संभवतः वह इसे चालू भी नहीं कर पाएगा। लेकिन यदि वही कैमरा या आप किसी ऐसे व्यक्ति को दें, जो इसके बारे में बेहतर ढ़ंग से जानकारी रखता है, तो वह उसी कैमरे से कमाल कर सकता है, ऐसा कमाल जिससे दुनिया उसकी दीवनी हो जाए। तो यह समझना होगा कि आत्मविश्वास, आशा से बेहतर होता है और आत्मविश्वास से भी बेहतर होती है स्पष्टता। लेकिन जरूरी ये तीनों ही होते हैं। Images source : © Getty Image
आत्मबोध या आत्मानुभूति का सही अर्थ

कई बार लोग इसे वैराग्‍य से जोड़ कर देखने लगते हैं। लेकिन इसका वैराग्‍य से कोई लेना देना नही हैं। आत्मबोध या आत्मानुभूति का अर्थ तो केवल ‘खुद’ को जान लेना है। ऐसे में यह आपके व्यवसाय या कामकाज को कहीं भी ताक पर नहीं रख रहे होते हैं। इससे तो आप काम में और बेहतर होते हैं। अगर मैं आपसे पूछूं कि आप अपने बारे में ठीक से जाने बिना एक प्रभावशाली जीवन कैसे जी सकते हैं? आज सभी यह समझाने में लगे हैं कि आशावादी कैसे बनें और आत्मविश्वास कैसे पाया जाए लोग एक दूसरे को समझा रहे हैं कि आत्मविश्वास कैसे पाया जाए, वो भी जीवन की प्रक्रिया को समझे बिना। लेकिन स्पष्टता के बिना आत्मविश्वास बेहद घातक हो सकता है और आशा पीड़ादायक। Images source : © Getty Images
आशावाद, आत्मविश्वास व स्पष्टता को सही से समझें

आप अपने आप को जितने बेहतर ढ़ंग से जानेंगे, आप अपने साथ उतना बेहतर और बड़ा काम कर पाएंगे। दूसरे उपकरणों के बारे में तो आप बस बाहर से ही जान पाते हैं, जबकि अपने शरीर व दिमाग रूपी मशीन को तो आप भीतर बाहर हर तरह से जानते हैं। आप इसे भीतर से देख सकते हैं, और यकीन मानिये तब यह अपने भीतर एक जादू सा जगाने लगेगा। तब आप भी चमत्कार कर पाएंगे। Images source : © Getty Images