इन कारणों से आप नहीं हो पाते किसी काम में एक्सपर्ट! जानिए
व्यक्ति सफल तब होता है जब वह खुद को सफल होते हुए देखता है और असफल भी तभी होता है जब वह खुद को फेल होते हुए देखता है। सब कुछ आपकी सोच पर निर्भर करता है। आइए जानें कि आखिर किन कारणों से व्यक्ति अपने काम में एक्सपर्ट नहीं हो पाता।

किसी भी काम में एक्सपर्ट होने का कोई तय फॉर्मूला नहीं है, कई बार कड़ी मेहनत के बावजूद आपको सफलता नहीं मिलती है और कई बार थोड़ी सी कोशिश में भी बड़ी सफलता मिल जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि किसी भी काम में एक्सपर्ट होने के लिए आपकी सोच बहुत मायने रखती है। इंसान सफल तब होता है जब वह खुद को सफल होते हुए देखता है और असफल भी तभी होता है जब वह खुद को फेल होते हुए देखता है। सब कुछ आपकी सोच पर निर्भर करता है। आइए जानें कि आखिर किन कारणों से व्यक्ति अपने काम में एक्सपर्ट नहीं हो पाता।

किसी भी काम में एक्सपर्ट होने के लिए आलस्य छोड़ना बहुत जरूरी होता है। आलस्य तरक्की की राह में सबसे बड़ा बाधक है। बहुत से काम आलस्य के कारण ही समय पर पूरे नहीं हो पाते हैं। अगर छोटे से काम के लिए व्यक्ति सोच लेता है कि ये काम बाद में करूंगा तो वह काम अधूरा ही रह जाता है। इस बात को लेकर एक बहुत पुराना दोहा भी है-
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब।
पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब॥
इस दोहे का अर्थ यही है कि हमें आज का काम कल के लिए नहीं छोड़ना चाहिए, क्योंकि कल क्या होगा, ये कोई नहीं जानता है। काम समय पर पूरा करना चाहते हैं तो आज काम अभी कर लेना चाहिए।

एक साथ बहुत सारे काम करने से भी व्यक्ति किसी भी काम में एक्सपर्ट नहीं हो पाता। यदि ज्यादा काम हाथ में होंगे तो किसी भी काम को पूरी एकाग्रता के पूरा नहीं कर पाएंगे। उत्साह में कमी आ जाएगी। इसीलिए एक-एक काम को हाथ में लेना चाहिए और पूरा करने के बाद दूसरा काम करना चाहिए।

काम में स्थिरता और गंभीरता की कमी के चलते भी व्यक्ति किसी काम में एक्सपर्ट नहीं हो पाता। इसलिए आपको किसी काम में एक्सपर्ट होने के लिए अपने काम में स्थिरता व गंभीरता लानी पड़ेगी। इसके लिए तेज दिमाग के साथ नियमित काम करना चाहिए। क्योंकि हमारा मन बहुत चंचल होता है वह दिमाग को स्थिर नहीं होने देता। मन के चंचल होने पर काम पूरा नहीं हो पाता और हम हमारे लक्ष्य से भटक जाते है। इसलिए आपको किसी भी काम को लेकर ज्यादा उत्तेजित नहीं होना चाहिए।

इंसान जीवन में बदलाव से डरता हे और निश्चितता चाहता है, लेकिन यह बात भूल जाता है कि विकास के लिए डर को दूर करना जरूरी है। अपने पुराने अनुभव के आधार पर निर्णय लेना अच्छी बात है, लेकिन जोखिम से डरना सही नहीं है। आज कोई भी काम बिना जोखिम के पूरा नहीं होता। इसलिए किसी भी काम में एक्सपर्ट होने के लिए थोड़ा जोखिम लेना शुरू करो।

कुछ लोग ऐेसे भी होते हैं जो जरूरत से ज्यादा आत्मविश्वासी होते हैं। ऐसे लोगों को अपनी क्षमता पर बहुत ज्यादा विश्वास होता है, इस कारण वह दैनिक जीवन में बड़ा रिस्क उठाते है इसके कारण उन्हें कई बार हार का सामना करना पड़ता है। इंसान को अपनी क्षमताओं के बारे में अच्छे से पता होना चाहिए। उसे किसी भी भुलावे में नहीं रहना चाहिए।
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