इन बातों से जान जायेंगे कि एनर्जी ड्रिंक हैं केवल मिथ
लगातार घंटों काम करने के बाद थकावट होना सामान्य सी बात है, दोबारा एनर्जी पाने के लिए हम एनर्जी ड्रिंक पीते हैं, लेकिन क्या ये फायदेमंद हैं या इनसे नुकसान होता है, आइए हम आपको बताते हैं।

रेड बुल, मोनस्टर एनर्जी, राकस्टार एनर्जी आदि। बेशक आज एनर्जी ड्रिंक का बाजार तेजी से फैल रहा है। बेशक यह बताने की पुरजोर कोशिश की जा रही है कि एनर्जी ड्रिंक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं। 30 से 50 फीसदी किशोर आज एनर्जी ड्रिंक पीने को प्राथमिकता दे रहे हैं। मगर गौर किया जाए तो पता चलेगा कि एनर्जी ड्रिंक की यह सच्चाई काफी धुंधली है। आहार विशेषज्ञों की मानें तो निःसंदेह एनर्जी ड्रिंक कुछ क्षणों के लिए ताकत जरूरत देती है; लेकिन यह शुगर से भरी होती है। इनमें पौष्टिक तत्व पूर्णतया नदारद होते हैं। आइये एनर्जी ड्रिंक के कुछ तथ्य और मिथ से बावस्ता होते हैं।

तथ्य - काफी और एनर्जी ड्रिंक दोनों में ही कैफीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एनर्जी ड्रिंक में काफी की तुलना में पांच गुना ज्यादा कैफीन पायी जाती है। सामान्यतः घर में बनी काफी में 100 से 200 मिलीग्राम कैफीन होती है जबकि एनर्जी ड्रिंक में 550 मिलीग्राम कैफीन मौजूद होती है। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि एनर्जी ड्रिंक कितनी लाभकर है या हानिकर है।

तथ्य - चूंकि एनर्जी ड्रिंक कैफीन और शुगर से भरी होती है तो कुछ देर के लिए एनर्जी का एहसास अवश्य होता है। लेकिन यह कहना गलत होगा कि इसके कोई नुकसान नहीं है। नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ द्वारा छपी रिपोर्ट पर विश्वास करें तो पता चलेगा कि एनर्जी ड्रिंक पीने से हमें अत्यधिक नींद की शिकायत हो जाती है। इसे एक्सेसिव डेटाइम स्लीपीनेस कहते हैं।

तथ्य - यदि आप एनर्जी ड्रिंक के लेबल को पढ़ें तो लगेगा कि न जाने इसमें कितनी खासियत समाहित है। वास्तव में ये ग्राहक के लिए एक कपटजाल बुनते हैं। इसमें विटामिन आदि मौजूद दिखाए होते हैं। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। एनर्जी ड्रिंक को मस्तिष्क विकास से जोड़ना कतई सही नहीं होगा।

तथ्य - यह हास्यास्पद ही होगा अगर आप आंख मूंदकर इस मिथ पर भरोसा करते हैं। मौजूदा समय तक ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया जिसे देख यह स्वीकार किया जा सके एनर्जी ड्रिंक हृष्ट पुष्ट बनाते हैं। हालांकि इसमें कुछ तत्व मौजूद होते हैं; लेकिन तथ्य के रूप में देखें तो उनसे कुछ खास बदलाव नजर नहीं आते।

तथ्य - हालांकि कैफीन से एल्कोहोल यानी शराब पीने का एहसास कम हो जाता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप एनर्जी ड्रिंक, एल्कोहोल के साथ मिलाकर पीने लगें। तमाम अध्ययन इस बात की तस्दीक करते हैं कि एनर्जी ड्रिंक और एल्कोहोला का साथ सेवन करने से हमें शारीरिक नुकसान पहुंच सकता है। इसका प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष असर हमारे व्यवहार में भी दिखता है।

तथ्य - यह सरासर गलत है। शोध-सर्वेक्षण बतलाते हैं कि प्रतिदिन 400 मिली ग्राम या इससे अधि क कैफीन के सेवन से हमें नर्वसनेस का एहसास होता रहता है। यही नहीं इरीटेश्न, अनिद्रा आदि जैसी समस्याएं भी दिखने लगती हैं। अतः किशोरों का इससे दूर रहना ही अच्छा है।

तथ्य - एनर्जी ड्रिंक हमारी सोचने समझने की क्षमता को प्रभावित तो करती है; लेकिन नकारात्मक दृष्टि से। दरअसल सर्वेक्षण इशारा करते हैं जो लोग नियमित रूप से एनर्जी ड्रिंक लेते हैं, वे अकसर रिस्क बिहेवियर पर विश्वास करने लगते हैं। ऐसे लोग अकसर असुरक्षित सेक्स करते हैं, आक्रामक बने रहते हैं आदि।

तथ्य - इस बात में ज़रा भी सच्चाई नहीं है। एनर्जी ड्रिंक को जूस या स्वास्थ्यवर्धक पेय से तुलना करना सही नहीं होगा। विशेषज्ञों की राय में यदि आपको आराम का एहसास चाहिए तो बेहतर पेय का चयन करें। जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है कि एनर्जी ड्रिंक कुछ क्षणों के लिए ही एनर्जी प्रदान करते हैं। इसका आराम के एहसास से कोई सरोकार नहीं है।

तथ्य - अगर आपको चिकित्सकीय जगत की ज़रा भी जानकारी है तो आपको पता चलेगा कि एनर्जी ड्रिंक हृदय सम्बंधी मरीजों के लिए हानिकारक है। फेफड़ा, गुर्दा आदि सम्बंधित बीमारी से पीडि़त मरीजों को भी इससे तौबा करना ही बेहतर है।
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