हफ्ते के बीच ली छुट्टी से जुड़ी होती हैं कुछ खास बातें
हफ्ते के काम के बीच ली गई एक छुट्टी से कई सारे पहलू जुड़े होते हैं। इस एक छुट्टी के कई मानसिक और शरीरिक लाभ हो सकते हैं।

मुझे साल में अक्सर कई छिटपुट कामों के लिए छुट्टी लेनी पड़ती है, शायद हर 2-3 महीने में एक। लेकिन मुझे एक बात असमंजस में डाल देती है कि क्या कारण हैं कि कुछ और लोगों को ऐसा करने की जरूरत नहीं पड़ती। जाहिर सी बात है कि हम छुट्टियों को यात्राओं, कहीं घूमने जाने, शादियों व किसी दिन
थोड़ा रिलैक्स करने के लिए बचा कर रखते हैं। लेकिन कुछ अकस्मात या प्राकृतिक घटनाओं के चलते छुट्टी को नहीं बचाया जा सकता। इसके अलावा भी चलिए जानते हैं ऐसे ही दस कारण।

वाकई काम की आपाधापी में हफ्ते के बीच ली गई एक छुट्टी काफी सकारात्मक प्रभाव डालती है, और एक कामाल का अहसास कराती है। इस रोज सुबह जल्दी उठ कर आप अपनी कॉफी को सुकून से एन्जॉय कर सकते हैं और आगे एक पूरे खूबसूरत दिन के बारे में सोच सकते हैं।

इस बात में कोई शक नहीं कि जब आप सप्ताह में पांच की जगह चार दिन काम करने वाले होते हैं तो अंदर से एक नई स्फूर्ती जग जाती है....एक नया पन जैसा। और आप अगले सप्ताह के लिए कुछ नए आइडिया और जोश के साथ तैयार हो जाते हैं।

लोगों से खचा-खच भरी सड़कों, रेस्तरां और कैफे वाले वीकएंड से उलट बीच के किसी दिन ली गयी छुट्टी वाला ये दिन शांत और सुकून भरा होता है। इस दिन मानों सब कुछ खूबसूरत लगता है और लगता है कि ये सारा जहां आपना ही है।

इस दिन सड़के हों या पार्क, सिनेमा हो या आपका पसंदीदा कॉफी हाउस, सभी जगह आपको आराम से बैठने की जगह मिलती है। और शायद किसी के लिए भी सप्ताह के बीच ली गई इस छुट्टी का इतना फायदा पैसा वसूल ही होगा।

स्पा और उसमें आपकी वाली ब्यूटीशियन, जिम में आप को पूरा समय देने के लिए जिम कोच, बिना भीड़ वाला सुपरमार्केट और उसका कैश काउंटर, सब कुछ खाली-खाली। जैसे सब आपको खास महसूस कराना ठान कर बैठे हुए हैं। आपको आज अपोइंटमेंट नहीं लेने पड़ रहे और ना ही लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है।

रोजमर्रा की भागदौड़ के चलते भले ही आप अपने साथी, बच्चों व दोस्तों के लिए समय निकालना मेनेज कर लेते हैं, लेकिन ये एक जिम्मेदारी जैसा होता है। ऐसा जैसे चलती ट्रेन पकड़ी हो। लेकिन ये एक छुट्टी जैसे सब कुछ स्थिर करने के लिए ही होती है। इस दिन सब कुछ जैसे दिल से होता है।

केवल एक दिन की ये छुट्टी मानो काफी दिनों का रीचार्ज कर देती है। अलग सा अहसास होता है....अकेलेपन का भी मज़ा आता है और भीड़ का भी। खूब सारा काम करके भी तन और मन रीजार्ज रहता है।

व्यस्थता से भरे वीकएंड की दो छुट्टियों से उलट इस एक दिन में आपकी कल्पनाएं पूरी भले ही ना हों लेकिन कल्पनाएं कर पाने का तो मौका मिलता है। जहां चाहे जाओ, जो चाहे करो।

क्यों ना आज वो कुर्ती ले ली जाए जिसके बारे में इतने दिनों से सोचा जा रहा था। या पहले पास्ता बना लेते हैं.. काफी दिन से खुद का बनाया पास्ता नहीं खाया। ये दिन खुद के लिए फैंसले करने का दिन होता है। आपके सारे फैंसले खुद के लिए करते हैं। इस दिन का हर पल महसूस किया जा सकता है।

बाहर जाएं, दोस्तों से मिलें, खरीददारी करें या किसी खास से मिलें.. ये आपकी छुट्टी है और इस पर आपका पूरा हक है। और भला हो भी क्यों ना, ये एक छुट्टी आपको जोश से जो भर देती है। तो क्यो अब भी आप इस छुट्टी की वजह जानना चाहेंगे.... नहीं तो चलो इस छुट्टी, छुट्टी कर लेते हैं।
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।