जानिये चीनी छोड़ने के कुछ बड़े कारण
चीनी का अधिक सेवन हमारे मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है और कई प्रकार की बीमारियों का कारण भी बन सकता है, तो इस लिहाज से इसे छोड़ना ही बेहतर है।

चीनी का अधिक सेवन हमारे मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है और कई प्रकार की बीमारियों का कारण भी बन सकता है। शरीर में लगातार मीठे की अधिक मात्रा रहने पर मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज, हाई बीपी और पथरी, यहां तक कि कैंसर होने को खतरा भी पैदा हो सकता है। इसी के चलते डब्लूएचओ ने भी चीनी के कम से कम सेवन की हिदायत दी है। तो यदि इस हिसाब से देखा जाए तो चीनी का सेवन बंद कर देना भी घाटे का सौदा न होगा। तो चलिये जानें क्या हैं चीनी के नुकसान और इसे छोड़ना क्यों है स्वास्थ्य के लिए बेहतर।
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पिछले पचास सालों में पूरी दुनिया में चीनी के सेवन में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है, शुगर से बने खाद्य एवं पेय पदार्थ का अधिक सेवन मोटापे, हृदय रोग, कैंसर एवं लीवर संबंधी बीमारियों से पूरी दुनिया में करोड़ रोगियों की मृत्यु का कारण बनता है। यह मौत शराब एवं तम्बाकू से होने वाले मौतों से कम नहीं है। द टोक्सिक ट्रुथ एबाउट शुगर नाम से नेचर जनरल में प्रकाशित इस शोध के अनुसार शक्कर से सबंधित अपनी नीतियों में परिवर्तन किए जाने की आवश्यकता है।
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केलीफोर्निया की एक युनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार यदि आप चीनी यानी मिठास के शौकीन हैं, तो शायद आप भी नशेड़ी की श्रेणी में ही गिने जाएंगे। शोधकर्ताओं का कहना है कि चीनी के केवन की आदत से हटधर्मिता बढ़ती है और यह लत की तरह बन जाती है।
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सामान्यतौर पर डायबिटीज या प्रीडायबिटीज के लिए डॉक्टर ओरल ग्लूकोज टालरेंस टेस्ट (ओजीटीटी) करते हैं। इस टेस्ट के जरिए शर्करा का तंत्र पर दबाव को आंका जाता है। एक शोध के अनुसार किसी सामान्य मीठे पेय में ग्लूकोज की अल्पमात्रा (75 ग्राम) भी तंत्र पर दबाव डालती है।
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डब्लूएचओ के मुताबिक लोगों को खाने में शुगर की मात्रा कुल कैलोरी के दस प्रतिशत से भी कम रखने की सलाह दी जाएगी। यही नहीं डब्लूएचओ द्वारा इसे भविष्य में पांच प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। शक्कर के सीमित उपभोग की यह सलाह भोजन में शामिल सभी प्रकार के मीठे के लिए लिए जैसे, शहद, सीरप, फलों के जूस और फलों आदि के लिए है।
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अधिक चीनी वाले पेय पदार्थ न सिर्फ आपको मोटापा और डायबिटीज जैसी बीमारियां दे सकते हैं, बल्कि साथ ही इससे आपको किडनी की पथरी जैसा दर्दनाक रोग भी लग सकता है। एक ताजा शोध में यह बात सामने आई है। स्टडी में यह बात सामने आई है कि चीनी मिश्रित ड्रिंक पीने से दर्दनाक पथरी होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। वहीं, कॉफी, चाय और ओरेंज जूस पीने से यह खतरा काफी हो जाता है। अमेरिका के बोस्टकन स्थित ब्रिगम एंड वूमन हॉस्पिटल की रिसर्च में यह बात सामने आई है।
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अधिक मात्रा में नमक या चीनी दोनों के ही सेवन से शरीर में कैलोरीज़ बढ़ती हैं और कैंसर का जोखिम भी बढ़ता है। ऐसे में मीठा खाना और मठे पेय का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि उनमें फाइबर की मात्रा कम होती है और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह अच्छे नहीं होते।
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त्वचा विशेषज्ञ और हेल्दी एजिंग के विशेषज्ञ डॉ.निकोलस पेरीकोन के अनुसार इसके सभी रूपों में चीनी (जैसे कॉर्न सिरप, गन्ना, उच्च फ्रक्टोज़ कॉर्न सिरप, आदि) त्वचा के लिए नुकसानदायक होती है। चीनी कोलेजन और इलास्टिन (त्वचा को फर्म और लोचदार रखने वाले प्रोटीन फाइबर) को तोड़ देती है। जिसके कारण झुर्रियों की समस्या व मुंहासे भी हो सकते हैं।
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चीनी के अधइक सेवन से गुर्दे की पथरी होने का खतरा बढ़ जाता है। यही नहीं इसके अधिक सेवन से लीवर संबंधी समस्याओं का जोखिम बढ़ता है, साथ ही दिमाग के लिए भी इसका अधिक सेवन नुसानदायक ही सिद्ध होता है। अधिक मात्रा में यह दिल के लिए भी
खतरनाक साबित हो सकती है।
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