सेहत के लिए अच्छा नहीं है डाइट सोडा
ज्यादातर लोग कैलोरी युक्त सोडे के स्थान पर डाइट सोडा को लेना पसंद करते हैं। इस बात से बेखबर कि इसके साइड इफेक्ट भी कम नहीं है। इसके शरीर के हिस्सों पर होने वाले नुकसान को जानकर आप इसे छोड़ना पसंद करेंगे।

आमतौर पर लोग शर्करायुक्त सोडे की जगह डाइट सोडा को तरजीह देते हैं। उनका मानना है कि ये डायट सोडा हमारी सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाते। लेकिन वह इस बात से बेखबर कि इसके साइड इफेक्ट्स भी कम नहीं हैं। प्रिवेंशन वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, 'डाइट' सोडा का नुकसान शरीर के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग होता है। चलिए विस्तार के जानते हैं डाइट सोडा से होने वाले स्वास्थ्य दुष्प्रभावों के बारे में। image courtesy : getty images

वर्ष 2011 में न्यूयॉर्क के तकरीबन 2500 लोगों पर किए गए शोध के मुताबिक वे लोग जो प्रतिदिन डाइट सोडा पीते हैं, उनमें नाड़ी संबंधी रोग यानी कार्डियोवेस्कुलर डिजीज होने की आशंका 44 प्रतिशत बढ़ जाती है। लॉस एंजिल्स में अमेरिकन स्ट्रोक एसोसिएशन की इंटरनेशनल स्ट्रोक कॉन्फ्रेंस 2011 में पेश किये गए इस शोध में डायट सोडा के खतरनाक प्रभावों के बारे में चर्चा की गयी थी। image courtesy : getty images

वर्ष 2009 में जरनल ऑफ अमेरिकन एसोसिएशन फॉर कैंसर रिसर्च में प्रकाशित, वॉशिंगटन डीसी के जॉजर्टाउन यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में कैंसर कंट्रोल प्रोग्राम से जुड़े एक रिसर्च एसोसिएट निऑन टी. म्युलर, एमपीएच के एक अध्ययन के मुताबिक, हर हफ्ते दो काबरेनेटेड ड्रिंक्स (330 मिली प्रति केन) पीने से अग्न्याशय कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। image courtesy : getty images

अमेरिका के बाल्टिमोर स्थित हॉपकिंस यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन में कैफीन की लत डालने की प्रकृति पर हुए कुछ परीक्षण हुए। इनके अनुसार, प्रतिदिन किसी भी रूप में एक कप से अधिक कैफीनयुक्त बेवरेज का सेवन करने वाली महिलाओं को प्रीमेंस्ट्रल सिंड्रोम यानी माहवारी संबंधी समस्या होने का खतरा अधिक होता है। image courtesy : getty images

अधिकतर डायट सोडा पदार्थों में प्रिजर्वेटिव्स के तौर पर सिट्रिक एसिड और फॉस्फोरिक एसिड प्रयोग किये जाते हैं। खून में इन एसिडों की अधिकता पीएच अंसुलन पैदा कर देती है, जिसे संतुलित करने के लिए शरीर कैल्शियम का इस्तेमाल करता है, और यह कैल्शियम हड्डियों से लिया किया जाता है, जो कि आगे चलकर ओस्टियोपोरोसिस का कारण बन सकता है। यही कारण है कि अधिक सोडा सेवन करने वाले किशोरों और युवाओं में हड्डियां कमजोर होने समस्याएं तेजी से बढ़ती जा रही हैं। image courtesy : getty images

डाइट सोडा में कैफीन की अधिक मौजूदगी डिहाइड्रेशन की समस्या उत्पन्न कर देती है। कई लोग प्यास लगने पर पानी न मिलने पर सोडा का उपभोग कर लेते हैं जो डीहाइड्रेशन का कारण बन सकता है। साथ ही इसके कारण शरीर में कई मिनरल तत्वों की कमी भी होने लगती है। image courtesy : getty images

डाइट कोल्ड ड्रिंक्स को सेहतमंद समझकर पीने वालों को सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि यह सामान्य कोल्ड ड्रिंक से अधिक तेजी से आपका वजन बढ़ाता है। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सॉज के शोधकर्ताओं के अनुसार, डाइट सोडा पीने वाले लोग सामान्य ड्रिंक्स पीने वालों की अपेक्षा अधिक डाइट लेते हैं, जिससे वजन बढ़ने की संभावना बहुत अधिक रहती है। image courtesy : getty images

किडनी में स्टोन के मरीजों के लिए सोडा ड्रिंक से संबंधित कई प्रकार की भ्रांतियां देखने को मिलती हैं, कोई कहता हैं कि डाइट सोडा के सेवन से किडनी से स्टोन निकल जाता है। लेकिन असलियत यह है कि सोडा में मौजूद फॉस्फोरिक एसिड की अधिकता किडनी में स्टोन को बढ़ाती है। image courtesy : getty images

दिन में तीन से अधिक गिलास डाइट सोडा पीने वाले लोगों को दांतों में सड़न की समस्या अधिक होती है। क्योंकि इसे पीने से एसिडिटी का स्तर बढ़ता है जो सबसे पहले मुंह की सेहत के लिए खतरा साबित होता है। image courtesy : getty images

सोडा में मौजूद कृत्रिम स्वीटनर कुछ लोगों में सिर दर्द को ट्रिगर हो सकता है। यह रक्त में मूड खुश रखने वाला हार्मोन सेरोटोनिन का स्तर कम करता है। इससे सिरदर्द, अवसाद, घबराहट, नींद न आना, मूड में अधिक बदलाव जैसी समस्याएं हो सकती हैं। image courtesy : getty images

मिनेसोटा यूनिवर्सिटी के अध्ययन के अनुसार, दिन में एक सोडा पीने वाले लोग उपापचयी सिंड्रोम और मधुमेह के 36 प्रतिशत की वृद्धि के जोखिम के साथ जुड़े थे। मेटाबोलिक सिंड्रोम की स्थिति लोगों को (उच्च रक्तचाप, ग्लूकोज और कोलेस्ट्रॉल का ऊंचे स्तर) हृदय रोग, स्ट्रोक, और मधुमेह के उच्च जोखिम पर ला सकती है। image courtesy : getty images
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