5 कारणों से प्रत्येक महिला को 35 साल की होने से पहले शुरू करनी चाहिए फैमिली
महिलाओं को एक निश्चित समय यानी 35 साल की होने से परिवार की शुरूआत कर देनी चाहिए, इसके पीछे क्या कारण और क्या फायदे हैं, इस स्लाइडशो में जानते हैं।

क्यों जरूरी है परिवार
हर चीज का एक निश्चित समय होता है। इसलिए पढ़ने, घूमने, शादी करने, बच्चा पैदा करने, के लिए भी एक समय निर्धारित किया गया है। लेकिन वर्तमान में लोग शादी देर से कर रहे हैं, इसलिए परिवार शुरू करने का समय भी अधि हो रहा है। लेकिन महिलाओं के लिए यह जरूरी हो जाता है वे अपनी फैमिली 35 साल की होने से पहले शुरू कर दें। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं। इस स्लाइडशो में हम आपको बता रहे हैं कि क्यों महिलाओं को उम्र के इस पड़ाव को पार करने से पहले परिवार की शुरूआत कर देनी चाहिए।

मन की शांति के लिए
यह एक ऐसी चीज है जिसके लिए इंसान बहुत सारे जतन करता है, लेकिन फिर भी मन की शांति नहीं मिलती। इसकी जगह अवसाद, तनाव, बीमारियां आदि ले लेती हैं। इसी तरह महिलाओं के मन में भी विभिन्न तरह के विचार आते हैं, इसके साथ दुख और बुरी बातें भी याद आती हैं। ऐसे में अगर आप अकेली हैं तो इस स्थिति को संभालना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इस वक्त तक अगर आपने शादी कर ली है तो आपके हर कदम पर साथ देने वाला एक पार्टनर आपके साथ होता है। यहीं पर मन की शांति भी मिलती है।

खुद के विकास के लिए
परिवारवाद समाज की ऐसी परिकल्पना है जहां पर सबके लिए काम निर्धारित है। समय में बदलावा के साथ-साथ परिवारवाद की परिभाषा भी बदली है और यह एक ऐसी जगह हैं जहां पर सभी को विकास के लिए समान अवसर भी मिलता है। ऐसे में एक महिला के खुद के विकास के लिए भी फैमिली की जरूरत पड़ती है। जहां उसकी सफलता और असफलता के दौरान सहारा देने वाले लोग होते हैं।

जिम्मेदारी समझने के लिए
अकेले रहने पर जिम्मेदारी का एहसास उस तरह से नहीं हो पाता और आप जिम्मेदारी का निर्वहन उस तरीके से नहीं कर पाती हैं जितना कि परिवार में रहने के साथ आप करती हैं। फैमिली में न केवल जिम्मेदारी मिलती है बल्कि जिम्मेदारी के साथ उसका निर्वहन करने की भी सीख मिलती है। इसलिए 35 साल की होने से पहले फैमिली शुरू कर देनी चाहिए।

नये मेहमान के लिए
महिलाओं को जीवन में मां का सुख जरूर भोगना चाहिए। यह ऐसा सुख है जिसके सामने दुनिया के सभी छोटे हैं। सांइस की मानें तो महिलाओं को 35 साल से पहले मां बन जाना चाहिए। क्योंकि यह वो समय है जब मां शारीरिक और मानसिक रूप से बच्चे को जन्म देने के लिए तैयार होती है। इसके साथ ही बच्चे के लालन-पालन के लिए भी पर्याप्त समय मिल जाता है।

सुरक्षा की दृष्टि से
महिलाओं को इस दुनिया प्रकृति की सबसे खूबसूरत रचना भी माना जाता है, वे बहुत नाजुक भी होती हैं। इसलिए महिलाओं को सुरक्षित रखना समाज की जिम्मेदारी है। इसके अलावा महिलाओं को अपनी सुरक्षा के बारे में खुद से भी सोचना चाहिए। फैमिली एक ऐसी जगह है जहां महिलायें पूरी तरह सुरक्षित होती हैं। उनके साथ एक पार्टनर होता है जो हर कदम उसकी सुरक्षा करने का वादा भी करता है।
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