संक्रमण से बचाव के लिए दस घरेलू उपचार

वॉयरल और जीवाणु के संक्रमण के कारण त्‍वचा संक्रमण, यूटीआई, खमीर संक्रमण, कोल्‍ड और फ्लू जैसी समस्‍यायें हो सकती हैं, संक्रमण से बचाव के लिए घरेलू नुस्‍खों का प्रयोग करना फायेदमंद है।

Nachiketa Sharma
Written by:Nachiketa SharmaPublished at: Nov 17, 2014

संक्रमण से बचाव

संक्रमण से बचाव
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संक्रमण के कारण सामान्‍य और खतरनाक दोनों तरह की बीमारियां हो सकती हैं। एक तरफ कोल्‍ड, फ्लू, कफ जैसी सामान्‍य संक्रमण की बीमारियां हैं वहीं संक्रमण से खमीर संक्रमण, मूत्र मार्ग संक्रमण, किडनी में संक्रमण जैसी गंभीर समस्‍यायें भी होती हैं। संक्रमण के उपचार के लिए चिकित्‍सक के पास जाने से बेहतर है कि आप घर में हीं संक्रमण का उपचार कीजिए। image source - getty images

एलोवेरा

एलोवेरा
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अलोवेरा त्‍वचा के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है और यह आसानी से उपलब्ध भी है। पोषक तत्‍वों से भरपूर यह वनस्‍पति शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है जिससे संक्रमण होने का खतरा कम रहता है। एलोवेरा जेल के प्रयोग से त्‍वचा का संक्रमण, खमीर संक्रमण, यूटीआई, वैजाइना में होने वाले संक्रमण का उपचार किया जा सकता है। image source - getty images

हल्‍दी

हल्‍दी
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हल्‍दी को बहुत ही शक्तिशाली औषधि के रूप में जाना जाता है, यह कैंसर जैसी बीमारी से भी बचाव कर सकता है। हल्‍दी में करकमिन (curcumin) तत्‍व एंटी-बॉयटिक और एंटी-इंफ्लमेटरी युक्‍त होता है जो किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाव करता है। हल्‍दी के पाउडर को दूध में मिलाकर पीने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और यह सांस के संक्रमण, सर्दी, जुकाम आदि दूर करता है। image source - getty images

लहसुन

लहसुन
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इसमें संक्रमण से लड़ने क्षमता है। यह बैक्टीरिया, वायरस, तथा फंगी के विरुद्ध लड़ने में बहुत सहायक है। लहसुन में कैल्शियम, मैग्‍नीशियम, फॉस्फोरस और खनिज तत्व होते हैं। इससे सर्दी-जुकाम, दर्द, सूजन और त्वचा से संबंधित संक्रामक बीमारियां नहीं होती हैं। सब्‍जी में प्रयोग करने के इसे कच्‍चा, चटनी के साथ खा सकते हैं। image source - getty images

तुलसी

तुलसी
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तुलसी के पत्‍ते में खांसी, जुकाम, बुखार और सांस संबंधी संक्रमाक रोगों को दूर करने की क्षमता है। बदलते मौसम में होने वाली संक्रामक बीमारियेां से बचाव के लिए तुलसी की पत्तियों को उबाल कर या चाय में डाल कर पीने से नाक और गले के संक्रमण से बचाव होता है। image source - getty images

सेब का सिरका

सेब का सिरका
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सेब के सिरके में एंटीबैक्‍टीरियल गुण होते हैं जो किसी भी प्रकार के त्‍वचा के बाहर और शरीर के अंदर होने वाले संक्रमण से बचाव कर सकता है। त्‍वचा के बाहर होने वाले संक्रमण के लिए इसे सीधे त्‍वचा पर लगायें और शरीर के अंदर होने वाले संक्रमण के लिए एक चम्‍मच सिरके का सेवन करें। image source - getty images

चाय के पत्‍ते का तेल

चाय के पत्‍ते का तेल
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चाय के पत्‍ते का तेल निकालकर इसे संक्रमण के उपचार के लिए प्रयोग कीजिए। चाय के पत्‍ते में बैक्‍टीरिया और वॉयरल संक्रमण से बचाव करने वाले तत्‍व पाये जाते हैं। योनि में सक्रमण, यूटीआई, एलर्जी, सर्दी-जुकाम के लिए चाय के पत्‍ते का तेल प्रयोग करने से संक्रमण दूर हो जाता है। इसका कोई साइड-इफेक्‍ट भी नहीं होता है। image source - getty images

अदरक

अदरक
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सांस और पेट संबंधित संक्रमण के उपचार के‍ लिए अदरक को बेहतरीन घरेलू उपचार माना जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स एलर्जी व संक्रमण से लड़ने में कारगर हैं। अदरक का नियमित रूप से सेवन करने से सांस की बीमारियां नहीं होती हैं। इसे चाय के साथ या अदरक की चाय बनाकर प्रयोग कर सकते हैं, इसे खाने के साथ भी प्रयोग कर सकते हैं। image source - getty images

जिनसेंग

जिनसेंग
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जिनसेंग के पौधे की जड़ में हमारी रोग-प्रतिरोधक प्रणाली को उत्तेजित करने की योग्यता रखता है। खमीर संक्रमण, यूटीआई, कोल्‍ड और फ्लू के उपचार के लिए इसका प्रयोग कर सकते हैं। image source - getty images

अनानास

अनानास
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इसमें भारी मात्रा में एंटी-बॉयटिक गुण होते हैं, यह किसी भी प्रकार के संक्रमण के उपचार कि लिए प्रयोग किया जा सकता है। इसमें ब्रोमेलिन नामक एंटी-बॉयटिक तत्‍व होता है मूत्राशय में भी होने वाले संक्रमण को दूर करता है। इसके जूस का सेवन कर सकते हैं। image source - getty images

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