संक्रमण से बचाव

संक्रमण के कारण सामान्‍य और खतरनाक दोनों तरह की बीमारियां हो सकती हैं। एक तरफ कोल्‍ड, फ्लू, कफ जैसी सामान्‍य संक्रमण की बीमारियां हैं वहीं संक्रमण से खमीर संक्रमण, मूत्र मार्ग संक्रमण, किडनी में संक्रमण जैसी गंभीर समस्‍यायें भी होती हैं। संक्रमण के उपचार के लिए चिकित्‍सक के पास जाने से बेहतर है कि आप घर में हीं संक्रमण का उपचार कीजिए। image source - getty images
एलोवेरा

अलोवेरा त्‍वचा के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है और यह आसानी से उपलब्ध भी है। पोषक तत्‍वों से भरपूर यह वनस्‍पति शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है जिससे संक्रमण होने का खतरा कम रहता है। एलोवेरा जेल के प्रयोग से त्‍वचा का संक्रमण, खमीर संक्रमण, यूटीआई, वैजाइना में होने वाले संक्रमण का उपचार किया जा सकता है। image source - getty images
हल्दी

हल्‍दी को बहुत ही शक्तिशाली औषधि के रूप में जाना जाता है, यह कैंसर जैसी बीमारी से भी बचाव कर सकता है। हल्‍दी में करकमिन (curcumin) तत्‍व एंटी-बॉयटिक और एंटी-इंफ्लमेटरी युक्‍त होता है जो किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाव करता है। हल्‍दी के पाउडर को दूध में मिलाकर पीने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और यह सांस के संक्रमण, सर्दी, जुकाम आदि दूर करता है। image source - getty images
लहसुन

इसमें संक्रमण से लड़ने क्षमता है। यह बैक्टीरिया, वायरस, तथा फंगी के विरुद्ध लड़ने में बहुत सहायक है। लहसुन में कैल्शियम, मैग्‍नीशियम, फॉस्फोरस और खनिज तत्व होते हैं। इससे सर्दी-जुकाम, दर्द, सूजन और त्वचा से संबंधित संक्रामक बीमारियां नहीं होती हैं। सब्‍जी में प्रयोग करने के इसे कच्‍चा, चटनी के साथ खा सकते हैं। image source - getty images
तुलसी

तुलसी के पत्‍ते में खांसी, जुकाम, बुखार और सांस संबंधी संक्रमाक रोगों को दूर करने की क्षमता है। बदलते मौसम में होने वाली संक्रामक बीमारियेां से बचाव के लिए तुलसी की पत्तियों को उबाल कर या चाय में डाल कर पीने से नाक और गले के संक्रमण से बचाव होता है। image source - getty images
सेब का सिरका

सेब के सिरके में एंटीबैक्‍टीरियल गुण होते हैं जो किसी भी प्रकार के त्‍वचा के बाहर और शरीर के अंदर होने वाले संक्रमण से बचाव कर सकता है। त्‍वचा के बाहर होने वाले संक्रमण के लिए इसे सीधे त्‍वचा पर लगायें और शरीर के अंदर होने वाले संक्रमण के लिए एक चम्‍मच सिरके का सेवन करें। image source - getty images
चाय के पत्ते का तेल

चाय के पत्‍ते का तेल निकालकर इसे संक्रमण के उपचार के लिए प्रयोग कीजिए। चाय के पत्‍ते में बैक्‍टीरिया और वॉयरल संक्रमण से बचाव करने वाले तत्‍व पाये जाते हैं। योनि में सक्रमण, यूटीआई, एलर्जी, सर्दी-जुकाम के लिए चाय के पत्‍ते का तेल प्रयोग करने से संक्रमण दूर हो जाता है। इसका कोई साइड-इफेक्‍ट भी नहीं होता है। image source - getty images
अदरक

सांस और पेट संबंधित संक्रमण के उपचार के‍ लिए अदरक को बेहतरीन घरेलू उपचार माना जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स एलर्जी व संक्रमण से लड़ने में कारगर हैं। अदरक का नियमित रूप से सेवन करने से सांस की बीमारियां नहीं होती हैं। इसे चाय के साथ या अदरक की चाय बनाकर प्रयोग कर सकते हैं, इसे खाने के साथ भी प्रयोग कर सकते हैं। image source - getty images
जिनसेंग

जिनसेंग के पौधे की जड़ में हमारी रोग-प्रतिरोधक प्रणाली को उत्तेजित करने की योग्यता रखता है। खमीर संक्रमण, यूटीआई, कोल्‍ड और फ्लू के उपचार के लिए इसका प्रयोग कर सकते हैं। image source - getty images
अनानास

इसमें भारी मात्रा में एंटी-बॉयटिक गुण होते हैं, यह किसी भी प्रकार के संक्रमण के उपचार कि लिए प्रयोग किया जा सकता है। इसमें ब्रोमेलिन नामक एंटी-बॉयटिक तत्‍व होता है मूत्राशय में भी होने वाले संक्रमण को दूर करता है। इसके जूस का सेवन कर सकते हैं। image source - getty images