पार्टनर के साथ बेनतीजा बहस से कैसे बचें
बेनतीजा बहस कभी-कभी रिश्ते को नुकसान पहुंचा सकती हैं। ऐसे में आपको इससे बचने के तरीके अपनाने चाहिए जिससे आपके बीच कभी दूरियां ना आएं।

कई बार पति-पत्नी या गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड के बीच बहस इस कदर बढ़ जाती है कि उसका कोई हल नहीं निकल पाता है। बहस के दौरान एक दूसरे को गलत ठहरना, आरोप लागना सामान्य है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि इस बहस से हासिल क्या होता है? कुछ नहीं..इससे बस एक दूसरे से दूरियां बढ़ जाती हैं और आपका समय भी बर्बाद होता है तो क्यूं ना इस बहस से बचने के कुछ उपाय ढूंढे जाएं। आइए जानें बहस से कैसे बच सकते हैं आप।

हर किसी की सोच एक जैसी नहीं होती है। कभी-कभी यही आपके बीच बहस का मुद्दा बन जाता है और लड़ाई शुरु हो जाती है। मगर लड़ाई किसी समस्या का हल नहीं होती, इसके लिये आपको यह सोचना होगा कि इससे कैसे बचें। इसके लिए जरूरी है कि एक साथ बैठ कर बहस का हल निकाला जाए।

ज्यादातर लोग किसी बात का बुरा लगने पर अपनी भावनाएं ठीक से व्यक्त नहीं कर पाते हैं। ऐसे में वो बात उन्हें अंदर ही अंदर कचोटती रहती है जो एक दिन बहस के दौरान भयानक लड़ाई का रुप ले लेती है जो कि सही नहीं है। इसका एक ही हल है कि अपनी भावनाओं को साथी के सामने रखें और बहस से बचें।

हर बहस का हल लड़ाई नहीं होती है। लड़ाई आपकी समस्या का समाधान नहीं करती बल्कि उसे और बढ़ा देती है। अगर अपका पार्टनर थोड़ा गुस्सैल है तो जाहिर सी बात है कि आप उसे समझदारी से हैंडल करना होगा। आप उसे प्यार से अपनी बात समझाएं निश्चित ही वो आपकी बात समझेगा।

अपनी बात कहते हुए इन बातों पर ध्यान दें बात करते समय अपनी आवाज तेज न करें, हमेंशा नार्मल रहें। गडे़ मुर्दे ना उखाड़े। पुरानी बातों को भूल कर नई बात पर ध्यान दें। अपनी बहस में किसी तीसरे को ना लाएं। रात को सोते समय इन बातों को ना छेडे़, उसका कोई समाधान नहीं निकलेगा।

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप दोनों में कितनी लड़ाई होत है, अपनी अंतरंगता को हमेशा प्रबल बनाए रखें। उनके साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं, फिल्मों के लिए बाहर जाएं और हर वह काम करें जो आप दोनों को एक साथ करने में अच्छा लगता हो। इससे आप दोनों मे लड़ाई कम होने लगेगी।

जितना हो सके उस विषय पर बात करने से बचें जिस पर आपको लगता है कि बहस हो सकती है। पति-पत्नी के बीच कुछ विषय होते हैं जिस पर न चाहते हुए भी बहस हो ही जाती है और कोई भी इन बहस को रोक नहीं सकता है। इसलिए आपको कोशिश करनी ही होगी।

जब आपको लगे कि बात किसी और दिशा में मुड़ रही है जो आगे चलकर बहस का रूप ले लेगी तो आप आगे बढ़ते हुए बात का रूख दूसरी तरफ मोड़ दें। कोई हल्की-फुल्की बात करने लगें। जिससे आप दोनों का मूड लाइट हो जाए और बहस का मुद्दा भी बदल जाएगा।

जब आप दोनों के बीच किसी मुद्दे पर बात हो रही है तो एग्रेसिव होकर अपनी बात ना कहें, क्योंकि कभी भी बीच में बेमतलब टोकना भी बहस का कारण बन सकता है। इसलिए कोई भी बात हो उसे शांत दिमाग से पहले सुनें उसके बाद कोई प्रतिक्रिया दें। शांत दिमाग से आप कोई बात करेंगे तो जाहिर है कि बहस होने की आशंका कम ही होगी।

अगर आप ये सोचते हैं कि आपका पार्टनर आपके दिमाग में चल रही बातों को समझ लें तो यह संभव नहीं है। यह कोई नहीं कर सकता है तो ऐसे में आपको अपनी बात कहनी ही पड़ेगी। अपनी खुशी और दुख को उनके सामने व्यक्त करें। इससे बात साफ हो जाएगी आगे चलकर बहस नहीं होगी।

बहस के दौरान आपको अगर यह लगता है कि आपकी गलती है तो इसे सही साबित करने की जगह तुरंत उसे मानकर पार्टनर को सॉरी कह दें। इससे आप आपसी बहस से तो बचेंगे ही साथी ही आपके पार्टनर के दिल में आपके लिए प्यार और इज्जत बढ़ जाएगी।
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