बच्चों को स्मार्टनेस के लिए खायें ये आहार

हर मां का सपना होता है कि उसका बच्चा स्मार्ट और तेज दिमाग का हो। लेकिन क्या आप जानती हैं कि ये सब मां के खान-पान पर निर्भर करता है। गर्भावस्था के दौरान मां जो खाती है उस पर बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास निर्भर करता है। आपको भी ऐसा फूड खाना चाहिए जिससे उसके दिमाग का सही विकास सही तरीके से हो। गर्भावस्‍था के दौरान अपने खाने में फोलिक एसिड, विटामिन डी, आयरन आदि की सही मात्रा लेने से बच्चे का आई-क्यू लेवल बढ़ता है। आइए ऐसे ही कुछ आहारों की जानकारी लेते हैं।
पालक और मसूर की दाल में मौजूद फोलिक एसिड

बच्चे के दिमाग की कोशिकाओं के विकास के लिए फोलिक एसिड बहुत आवश्यक है और मसूर की दाल और पालक में फोलिक एसिड प्रचुर मात्रा में होती है। एक अध्ययन के अनुसार जिन महिलाओं ने गर्भावस्‍था के दौरान 4 सप्ताह पहले और 8 सप्ताह बाद के दौरान फोलिक एसिड की भरपूर मात्रा ली उनमें बच्चे के मंदबुद्धि पैदा होने के अवसर लगभग 40 प्रतिशत कम हो जाते हैं। गर्भावस्था के दौरान आयरन बच्चे की दिमागी कोशिकाओं में ऑक्सीजन पहुंचाने में मददगार होता है। पालक जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां फोलिक एसिड का अच्छा स्त्रोत हैं।
अमीनो एसिड से भरपूर अंडे

अंडे में अमीनो एसिड कोलीन की प्रचुर मात्रा होती है, जो बच्चे के दिमागी विकास और याददाश्त बढ़ाने में मदद करता है। गर्भवती महिलाओं को दिन में दो अंडों का सेवन जरूर करना चाहिए, यह कोलीन की रोजाना आवश्यक मात्रा की पूर्ति करता है। कम वजन वाले बच्चे का आई-क्यू लेवल भी कम होता है। अंडों में प्रोटीन और आयरन की भी अधिकता होती है, जिससे बच्चे का वजन भी सही रहता है।
प्रोटीन से भरपूर दही

दही गर्भ में बच्चे की दिमाग की कोशिकाओं के विकास के लिए आपके शरीर को ज्यादा मेहनत करनी होती है। इसके लिए आपको ज्यादा प्रोटीन की आवश्यकता होती है। प्रोटीन के अन्य स्त्रोतों के अलावा आपको दही का भी सेवन करना चाहिए जिसमें की प्रोटीन की अधिकता है।
एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर ब्लूबेरी

ब्लूबेरी, आर्टिचोक और टमाटर में एंटी-ऑक्सीडेंट अधिक मात्रा में होती है। ये फल बच्चे के दिमाग के ऊतकों का विकास कर दिमाग का विकास करने में मदद करते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्‍चा स्‍मार्ट बनें तो गर्भावस्था में इनका सेवन जरूरी है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फैटी फिश

फैटी फिश सालमोन, टूना, मैकेरेल आदि मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड की अधिकता होती है। यह बच्चों के दिमागी विकास के लिए बहुत जरूरी है। अध्ययन के अनुसार जिन महिलाओं ने हर सप्ताह दो बार से कम बार मछ्ली का सेवन किया उनके बच्चे का आई-क्यू लेवल मछ्ली का सेवन करने वाली महिलाओं की तुलना में बहुत कम था।Image Source : Getty