रिसर्च: नींद न आने के पीछे प्रदूषण है जिम्मेदार!
नींद न आना एक आम समस्या है लेकिन इसकी असल वजह क्या है यह समझना जरूरी है, क्योंकि नींद न आने के पीछे सिर्फ एक कारण नहीं हैं बल्कि और भी हैं।
650x433.jpg)
अक्सर हमें यही बताया जाता है कि नींद न आने का कारण तनाव या फिर अवसाद है, जिसके कारण हम देर रात तक जागते रहते हैं। पर आप इसकी एक नई वजह के बारे में शायद ही जानते होंगे। जी हां आपको नींद न आने के पीछे का कारण आपके शहर का प्रदूषण है, जो आपको सोने नहीं देता है।

एक अध्ययन में हुए खुलासे के अनुसार दूषित हवा में सांस लेने वालों को नींद न आने की होती है दिक्कत। ये अध्ययन अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी ने किया है।

यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन की असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, मारथा बिलिंग्स के मुताबिक, हवा में मौजूद नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड और पीएम 2.5s कण, अच्छी नींद में बाधा उत्पन्न करते हैं। नाक, साइनस और गले में इनके कारण तकलीफ़ हो सकती है। ये तत्व खून में मिल कर दिमाग पर भी असर डालते हैं।

अमेरिकन थोरासिस सोसाइटी की एनुअल प्रेस कांफ्रेंस में पेश किए गए इस अध्ययन में पांच साल में हुए वायु प्रदूषण से सम्बंधित डाटा प्रस्तुत किया गया था। अध्ययन के अंतर्गत अमेरिका के छह शहरों में 1,863 लोगों को शामिल किया गया, जिसमें उनके घर-घर जाकर उनके आस-पास की हवा की स्थिति की जांच की गई, जिसकी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।

अध्ययन पाया गया कि जहां प्रदूषण का स्तर सबसे कम था, वहां लोगों के सोने की क्षमता जहां सबसे कम प्रदूषण था, वहां लोगों की सोने की दक्षता ठीक थी और जहां ज़्यादा प्रदूषण था, वहां की स्थिति संतोषजनक नहीं थी। हालांकि, कनाडा की मैकगिल यूनिवर्सिटी के महामारीविद् (Epidemiologist) कॉट वाईकैंथल का कहना है कि ये अभी स्पष्ट नहीं है कि प्रदूषण नींद को सीधे तौर पर प्रभावित करता है या नहीं, लेकिन ये कहा जा सकता है कि प्रदूषण का शरीर पर बुरा असर पड़ता है जिससे नींद प्रभावित हो सकती है।
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।