बढ़ती उम्र में अपनाएं पीआरपी थेरेपी

दमकती त्वचा और लंबे घने बाल महिलाओं और पुरूषों दोनो की पहली चाहत होती है। लेकिन बदलती जीवनशैली की वजह से शरीर में आवश्यक और पोषक तत्वों की कमी हो रही है। पूरी नींद न लेने व बढ़ते प्रदूषण आदि के कारण भी बाल झडऩे व कम उम्र में ही उम्रदराज दिखने जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। बढ़ती उम्र के साथ कोलेजन की कमी त्वचा में झुर्रियों की समस्या को बढ़ा देती है। अगर आप भी इस समस्या से परेशान है तो पीआरपी थेरेपी को अपनाएं ये आपकी सारी परेशानियों को दूर कर देगी। Image Source-Getty
क्या होती है पीआरपी थेरेपी

पीआरपी को प्लैटलेट्स रिच प्लाज्मा थेरैपी के नाम से जाना जाता है। यह झड़ते बाल और त्वचा की उम्र से संबंधित परेशानियों के इलाज की तकनीक है। समें मरीज के शरीर से 20 से 30 मिलिलीटर खून निकाला जाता है। फिर इस खून को प्लाज्मा में बदलकर इंजेक्शन की सहायता से त्वचा में जरूरत की जगह इंजेक्ट किया जाता है। प्लाज्मा में वृद्धिकारक तत्त्व अत्यधिक मात्रा में मौजूद होते हैं। इसे बालों की जड़ों में इंजेक्ट करने से जड़ों को जरूरी पोषक तत्त्व मिल जाते हैं और उनको ताकत मिलने से बाल बढऩे लगते हैं।
पीआरपी थैरेपी की प्रकिया

सामान्य एनेस्थीसिया से प्रभावित क्षेत्र को सुन्न कर दिया जाता है। फिर विशेष माइक्रो सुई की सहायता से पीआरपी को सिर, भौंहे या दाढ़ी के उन क्षेत्रों में इंजैक्ट किया जाता है जहां उपचार किया जाना है। पीआरपी को प्रभावित क्षेत्र पर डर्मारोलर के द्वारा भी इन्फ्यूज किया जाता है। डर्मारोलर का प्रयोग करने से पहले त्वचा पर सुन्न करने वाली सामान्य क्रीम लगा दी जाती है। इस प्रक्रिया को पूरा होने के लिए कई सिटिंग्स की जरूरत होती है। Image Source-Getty
पीआरपी थेरेपी के लाभ

यह वृद्धिकारक तत्त्व चेहरे की त्वचा में मौजूद कोलेजन नामक प्रोटीन को भी बढ़ाने में सहायक होते हैं। इससे झाइयां, हल्की झुर्रियां और उम्र के साथ होने वाली फाइन लाइन्स की समस्या कम हो जाती हैं। इसके अलावा प्लेटलेट रिच प्लाज्मा की तकनीक से ढीली त्वचा में कसाव भी लाया जा सकता है।झड़ते बालों को रोकने का यह एक नौनसर्जिकल समाधान है। यह एक बायोमैट्रिक्स तकनीक है, जो क्षतिग्रस्त ऊतकों को ठीक करती है और उन की पुनर्रचना करती है। यह थेरैपी पतले पड़ चुके बालों के हेयर फौलिकल को शक्तिशाली बना कर उन्हें घना करने में सहायता करती है।Image Source-Getty
पीआरपी थैरेपी अन्य फायदे

इस तकनीक को ठीक न होने वाले घाव (नॉन हीलिंग अल्सर) और मधुमेह के कारण होने वाले अल्सर के इलाज में भी प्रयोग किया जाता है। चेहरे के लिए की जाने वाली पीआरपी थेरैपी को वैंपायर फेसलिफ्ट कहा जाता है। बालों के प्रत्यारोपण के बाद भी इस तकनीक का उपयोग प्रत्यारोपित बालों को शक्ति देने और उन्हें विकसित करने के लिए किया जाता है। गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक बाल झड़ने की समस्या से पीडि़त महिलाओं के लिए यह तकनीकि कारगर है।