प्यार में लोग हो जाते हैं जुनूनी और लापरवाह
प्यार में पड़ने वाले लोग जुनूनी और लापरवाह किस्म के हो सकते हैं, क्योंकि प्यार में पड़ने के बाद दिमाग में कई तरह के हार्मोन का स्राव होता है जो सोचने और समझने की क्षमता को प्रभावित करता है।

प्यार में की जाने वाली हरकतें
प्यार में लोग सारी हदें पार कर जाते हैं, इसकी कई परिभाषायें भी होती हैं। प्यार में पड़ने वाला व्यक्ति जुनूनी, लापरवाह भी हो जाता है। प्यार का दिमाग पर पड़ने वाले असर के बारे में कई शोध भी किये गये, इन शोधों की मानें तो प्यार में हर तरह की भावनायें पैदा होती हैं, एक ही समय में दिमाग कई तरह के केमिकल का उत्सर्जन करता है जिसके कारण व्यक्ति भ्रमित हो जाता है।

प्यार एक नशा है
प्यार में पड़ने वाला व्यक्ति हमेशा अपने प्रेमी के बारे में सोचता है, यह हमारे दिमाग की क्रियाओं को प्रभावित करता है। इसके कारण दिमाग से डोपामाइन केमिकल (यह खुशी प्रदान करता है) का स्राव होता है, यही हार्मोन व्यक्ति को नशीला बना देता है। वहीं दूसरी तरफ एक ही वक्त में दिमाग में तनाव पैदा करने वाले हार्मोन नोरेफिनेफ्राइन का स्तर बढ़ जाता है, जो ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन को बढ़ा देता है। इन दोनों का प्रभाव व्यक्ति पर पड़ता है।

प्यार जुनून है
प्यार में मस्तिष्क में सेरोटोनिन हार्मोन का भी स्राव होता है। सेरोटोनिन नियंत्रण में होने की भावना प्रदान करता है, यह हार्मोन हमारे दिमाग को चिंतित और अस्थिर होने से बचाता है। जब इस हार्मोन का स्राव दिमाग में होता है और इसका स्तर बढ़ता है तब हम खुद को अनियंत्रित महसूस करने लगते हैं। इस हार्मोन के कारण ही व्यक्ति गलत काम करता है, इसे ही इश्क का जुनून कहते हैं।

प्यार में लापरवाही
प्यार आदमी को लापरवाह भी बना देता है। दरअसल जब हम प्यार में होते हैं तब हमारे दिमाग को नियंत्रित करने वाला, आदेश देने वाला हार्मोन यानी प्रीफ्रोंटल कॉर्टेक्स का स्राव होता है यानी इसका स्तर कम हो जाता है। इसके कारण हमारे सोचने और समझने की क्षमता को प्रभावित करता है और हम लापरवाह हो जाते हैं।

प्यार और वासना एक साथ
आदमी के दिमाग में प्यार और वासना एक साथ पैदा होती है। हालांकि ये दोनों अलग-अलग भावनायें हैं, लेकिन इनका विकास दिमाग में ही होता है। ऐसा भी होता है कि आप किसी के साथ प्यार में होते हैं और किसी दूसरे के प्रति आपकी वासना होती है। एक शोध में यह बात सामने आयी कि लंबे समय तक प्रेम संबंध में रहने वाले लोगों में इन हार्मोंस का स्राव इतना अधिक हो जाता है वे वासना के प्रति कम और आपसी जुड़ाव के प्रति अधिक ध्यान देते हैं।

पुरुष और महिला का प्यार
पुरुषों और महिलाओं के प्यार में अलग-अलग तरह की भावनायें पैदा होती हैं, दोनों की सोच एक जैसी नहीं हो सकती, ऐसी क्रिया कॉर्टेक्स हार्मोन के कारण होती है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों पर रोमांस ज्यादा हावी होता है, यानी पुरुष हर वक्त अपनी प्रेमिका से रोमांस करना चाहता है।

महिला की याद्दाश्त बढ़ती है
जो महिलायें प्यार में होती हैं वे आसानी से बातों को याद रखती हैं। दरअसल महिलाओं के दिमाग में पाया जाने वाला एक तंत्र (हिप्पोकैम्पस-यह याद्दाश्त से जुड़ा होता है) अधिक सक्रिय हो जाता है।

आंखों का जादू
प्यार में पड़ने वाले व्यक्ति की आंखें जादुई हो जाती हैं, दरअसल जब भी किसी से बात करता है तो नजरें मिलाकर करता है, इससे व्यक्ति अपनी आंखों का असर अधिक छोड़ता है। दरअसल यह रोमांटिक कारणों से नहीं होता बल्कि यह बॉयलोजिकल सत्यता है। इसमें आंखें मिलाना और मुस्कराना एक स्वाभाविक प्रक्रिया हो जाती है।

संकीर्णता भी आती है
प्यार में पड़ने वाला व्यक्ति अपने पार्टनर को लेकर अधिक उत्साहित रहता है, इन दोनों के बीच बहुत गहरा मानसिक जुड़ाव भी हो जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, प्यार में पड़ने वाले लोग एक ही व्यक्ति के होकर रह जाते हैं, एह ही इन्सान के साथ वे पूरी जिंदगी बिताने को तैयार रहते हैं, उनको लगता है कि प्यार ऐसा बंधन है जो पूरी जिंदगी के लिए है।

दोस्ती भी प्यार है
जरूरी नहीं कि प्यार करने वाले केवल जोड़े हों, दोस्ती भी प्यार का एक रूप हो सकता है। प्यार और दोस्ती की प्रवत्ति पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक पायी जाती है, महिलायें दोस्ती और प्यार दोनों को एक साथ लेकर चल सकती हैं। जबकि पुरुष इस मामले में खुद को संभाल नहीं पाते है और वे एक ही तरह का रिश्ता कायम रखना चाहते हैं।
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