स्तनपान कराएं

नवजात शिशु के लिए मां का दूध वरदान कहा जाता है। यह बच्‍चे का पहला आहार होता है और बच्‍चे को कई बीमारियों से बचाता भी है। इसलिए हर मां को अपने शिशु को स्तनपान जरूर कराना चाहिए। छह महीने की आयु तक तो बच्‍चे को सिर्फ मां का दूध ही पिलाना चाहिए। स्‍तनपान कराने से मां भी ब्रेस्‍ट कैंसर जैसी कई जानलेवा बीमारियों से दूर रहती है।
टीकाकरण जरूर कराएं

सरकार ने नवजात शिशु के लिए टीकाकरण की प्रक्रिया रखी गई है। जिसका सही समय पर अनुपालन करना बहुत जरूरी है। अगर आपका प्रसव अस्‍पताल में हुआ है, तो वहां आपको टीकाकरण संबंधित जानकारी मिल जाती है। बच्‍चे को जन्‍म के बाद कौन-कौन सा टीका कब लगना चाहिए इसकी जानकारी होना और ऐसा करना बहुत जरूरी है।
कपड़े पहनाते वक्त

नवजात को कपड़े पहनाते वक्‍त ध्‍यान रखना चाहिए, उनको कॉटन के ढीले कपड़े पहनाइए। बच्चे का शरीर पूरी तरह ढंका होना चाहिए, ताकि उसे ठंड न लगे। गर्मी के मौसम में बच्चे को ऊनी कपड़े पहनाने की आवश्यकता नहीं होती है। बच्‍चों के कपड़ों को गर्म पानी से साफ कीजिए और उन्‍हें अलग से सुखाइए जिससे कि वे संक्रमित न हों।
उठाते समय रखें ध्यान

बच्‍चे की गर्दन बहुत कमजोर होती है इसलिए उन्हें उठाते समय उसके सिर के नीचे हाथ रखकर उठाएं। अगर ऐसा नहीं किया गया तो बच्‍चे को दिक्‍कत हो सकती है। इसके अलाव अपने बच्‍चे को कभी भी हिलायें नहीं। बच्‍चे को हिलाने से उसके मस्तिष्‍क में रक्‍तस्राव हो सकता है जो कभी कभी जानलेवा भी साबित होता है।
दांत निकलते वक्त

जब बच्चों के दांत निकलते हैं तब भी उनके स्वास्थ्य में खास तरह का बदलाव देखा जाता है। क्योंकि इस समय बच्‍चे की रुचि खानपान में बिल्कुल नहीं होती है और उसका स्वभाव भी अपेक्षाकृत चिड़चिड़ा रहता है। सामान्‍यत: बच्‍चे के दांत 6 महीने बाद निकलना शुरू हो जाते हैं। इसके कारण बच्‍चे को दस्‍त और उल्‍टी की शिकायत भी हो सकती है। इसलिए दांत निकलते वक्त बच्चों पर तीखी नजर रखें।
बीमार लोगों से रखें दूर

शिशु की परवरिश करते वक्त इस बात का भी खास ख्याल रखना चाहिए कि शिशु को एक अच्छा माहौल मिल रहा है या नहीं। क्योंकि बच्चे के माहौल का असर उसके स्वास्थ्य पर पड़ता है। इस बात का खास ख्याल रखें कि नवजात को बीमार लोगों से एकदम दूर रखें। बच्‍चे को सोते वक्‍त स्‍तनपान ना कराएं और बच्चे को कभी अकेला ना छोड़ें।